Essay on Chandrayaan 3: चंद्रयान भारत के महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन में से एक है। इसरो द्वारा पहला चंद्रयान 2008 में भेजा गया था फिर 2019 में चंद्रयान 2 भेजा गया और अब हाल ही में 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान 3 को लॉन्च किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह की जांच, तापमान और अत्यंत रेखाओं के साथ उच्चतम और बेहतरीन रचनाओं का पता लगा कर चंद्रमा के रहस्यों को उजागर करना है। चंद्रयान-3 की लैंडिंग आने वाली 23-24 अगस्त 2023 को निर्धारित की गई है।
क्योंकि, चंद्रयान 3 इस समय ट्रेंड में बहुत है, तो ऐसे में स्कूलों में इस विषय पर निबंध लिखने के लिए भी कहा जा सकता है। छात्रों को स्कूल होमवर्क और असाइनमेंट में भी चंद्रयान पर निबंध जैसे टॉपिक शामिल होते हैं। इसलिए आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप चंद्रयान 3 पर निबंध कैसे लिख सकते है? यहां हम आपको 100 शब्द में निबंध, 200 शब्दों में निबंध और 300 शब्दों के निबंध देंगे। छात्र इसके अनुसार अपना प्रोजेक्ट पूरा कर सकते हैं और इसमें छात्र अपने अनुसार आवश्यक बदलाव भी कर सकते हैं।
चंद्रयान 3 पर शॉर्ट निबंध (Short Essay on Chandrayaan 3)
चंद्रयान 3 इसरो द्वारा चलाया गया तीसरा मून मिशन है, जिसे 14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर 2:35 बजे लॉन्च किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा पर लैंडिंग करके उसके रहस्यों को उजागर करना है। इससे पहले भी इसरो ने 2019 चंद्रयान 2 को लॉन्च किया था, लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते जितनी जानकारी की उम्मीद थी वो नहीं मिल पाई थी। उस दौरान प्राप्त की गई कुछ तस्वीरों के आधार पर चंद्रयान 3 की निर्माण किया गया है और कुछ आवश्यक बदलावों के साथ इसे लॉन्च किया गया है। चंद्रयान 3 में प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर है। चंद्रयान की कक्षा में प्रवेश के बाद अब 23-24 अगस्त को चंद्रयान 3 चंद्रमा पर लैंडिंग करेगा।
चंद्रयान 3 पर 200 शब्दों का निबंध (200 Word Essay on Chandrayaan 3)
इसरो का सबसे महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रमा मिशन है, जिसकी शुरुआत 2008 में की गई थी। अभी तक भारत चंद्रयान के तीन मिशन लॉन्च कर चुका है। हाल ही में चंद्रयान 3 को 14 जुलाई 2023 को लॉन्च किया गया है, जो 23-24 अगस्त यानी 39 या 40 दिनों में चांद पर पहुंच जाएगा। चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने का भारत का ये दूसरा प्रयास है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा के रहस्यों, उसकी सतह, भू-विज्ञान, खनिज विज्ञान और बाह्ममंडल का अध्ययन करना है।
चंद्रयान 2 की असफलता के बाद चंद्रयान 3 में कई उन्नत प्रौद्योगिकी मौजूद है। इसमें लेजर और आरएफ-आधारित मल्टीमीटर, वेलोसीमीटर, प्रोपल्शन सिस्टम आदि को शामिल किया गया है, जिसको लेकर कई सफल परीक्षण किए गए हैं। ताकि चंद्रमा की सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन, रोवर के घूमने का प्रदर्शन और इन-सीटू वैज्ञानिक का संचालन किया जाए।
चंद्रयान 3 से भारत का लक्ष्य विश्व को अपनी तकनीकी कौशल, वैज्ञानिक क्षमता और अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करना है। जिस प्रकार भारत तेजी से साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, उसे ये विश्व स्तर पर दिखाने का मौका मिलेगा। इसके साथ-साथ ये मिशन आने युवा पीढ़ी को साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा। चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग से भारत चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बनेगा।
चंद्रयान पर 300 शब्दों का निबंध (300 Word Essay on Chandrayaan 3)
चंद्रयान 3 इसरो का मून मिशन है। जो पहले के दो चंद्रयान से बिल्कुल अलग बताया जा रहा है। चंद्रयान 2 के दौरान अंतिम समय में होने वाली त्रुटियों के कारण चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश के दौरान लैंडर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उस दौरान हुई कठिनाई को ध्यान में रखते हुए चंद्रयान 3 का निर्माण किया गया था। 2008 से ही इसरो मिशन चंद्रयान पर लगातार काम कर रहा है। चंद्रयान 3 के मुख्य कंपोनेंट में प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर है।
योजना के अनुसार विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा उसके बाद चंद्रमा की सतह की जानकारी, चंद्रमा के वायुमंडल की जानकारी, चंद्रमा पर मौजूद प्राकृतिक खनिजों आदि की जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को देगा।
इसरो द्वारा चंद्रयान 3 को 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया है। चंद्रयान 2 की तुलना में चंद्रयान 3 चंद्रमा पर पहुंचने में कम समय लेगा। चंद्रयान 2 को चंद्रमा पर पहुंचने में 48 दिन का समय लगा था और जिस प्रकार चंद्रयान तेजी से चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है उसके अनुसार इसे चंद्रमा तक पहुंचने में केवल 40 से 42 दिन का समय लगेगा। निर्धारित समय के अनुसार चंद्रयान 3 चंद्रमा पर 23-24 अगस्त 2023 को लैंड कर सकता है।
चंद्रयान 3 का रोवर कैमरे, स्पेक्ट्रोमीटर और एक ड्रिल से सुसज्जित है। जो एक चंद्र दिन में 500 मीटर की दूरी तय करते हुए चंद्रमा की सतह की जांच करेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्रयान 3 के माध्यम से हम चंद्रमा के भू-विज्ञान, खनिज विज्ञान और बाह्यमंडल की बेहतर समझ प्राप्त कर सकेंगे। इसके साथ ये हमें चंद्रमा की उत्पत्ति और विकास के बारे में समझने में सहायता देगा। चंद्रयान 3 की सफलता भारत के लिए एक गौरव का क्षण होगी। इस समय पूरे विश्व की नजर भारत के चंद्रयान 3 पर टिकी हुई है। इस मिशन की सफलता से भारत की युवा पीढ़ी अपना भविष्य साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बनाने के लिए प्रेरित होगी।
क्या है 'चंद्रयान मिशन'? आइए जानते हैं चंद्रयान 1, 2 और 3 में अंतर और विशेषताएं..