यदि आप भी मेडिकल क्षेत्र में कार्यरत हैं और इस क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग को लेकर कोई विशेष कोर्स करना चाहते हैं, तो ये आपके लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है। दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद (IIITH) ने भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान अकादमी (NAMS) और IHub-Data के सहयोग से 'मेडिकल पेशेवरों के लिए AI अर्थात आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू किया है।
क्या है मेडिकल पेशेवरों के लिए AI कोर्स?
चिकित्सा पेशेवरों के लिए AI पर 12-सप्ताह के इस ऑनलाइन ओरिएंटेशन कोर्स से चिकित्सा पेशेवरों को क्लिनिकल सेटिंग्स में AI तकनीकों को समझने, उनका मूल्यांकन करने और उन्हें लागू करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करेगा। इस कोर्स की मदद से चिकित्सा क्षेत्र में मरीजों की देखभाल और अस्पताल परिचालन दक्षता में सुधार होगा।
AI कोर्स में क्या-क्या शामिल है?
यह कोर्स मुख्य रूप से AI की मूल सिद्धांतों पर आधारित होगा। इस कोर्स में मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, केस स्टडी, स्क्रीनिंग, डायगनोस, प्रोगनोसिस और मरीजों की देख-रेख से जुड़े क्लिनिकल एप्लीकेशन्स पर केस स्टडी को कवर करने वाले सिद्धांत और ट्यूटोरियल दोनों शामिल हैं। प्रतिभागी AI उपकरणों और तकनीकों के उपयोग में नैतिक और शासन संबंधी मुद्दों के बारे में भी विस्तार से जान सकेंगे। इस पाठ्यक्रम में वीडियो लेक्चर, साप्ताहिक सत्र और केस स्टडी के माध्यम से वितरित क्विज़, असाइनमेंट और आकलन शामिल हैं।
ऑनलाइन AI कोर्स के लिए प्रमाण पत्र
आपको बता दें कि आईआईआईटी हैदरावाद द्वारा इस एआई ऑनलाइन पाठ्यक्रम के पूरा होने पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा। देश भर के 24 राज्यों और 56 शहरों में 41 विशिष्टताओं में स्नातकोत्तर डिग्री वाले प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के वरिष्ठ संकाय/शोध सदस्य सहित लगभग 200 चिकित्सा पेशेवर इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।
आईआईआईटी हैदरावाद और एनएएमएस के प्रख्यात संकाय सलाहकार इस पाठ्यक्रम में प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करेंगे। डीएसटी के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर; एनएएमएस के अध्यक्ष डॉ शिव कुमार सरीन और आईआईआईटी हैदरावाद के निदेशक प्रोफेसर पी जे नारायणन ने इस एआई पाठ्यक्रम को वर्चुअली लॉन्च किया है। इस वर्चुअल उद्घाटन समारोह में आईआईआईटी हैदराबाद के निदेशक प्रोफेसर पी जे नारायणन ने कहा, "आईआईआईटीएच को इस पहल पर एनएएमएस के साथ साझेदारी करने पर गर्व है। भारत में एआई अनुसंधान में शीर्ष रैंकिंग संस्थान के रूप में, हम महसूस करते हैं कि चिकित्सा क्षेत्र के लिए एआई को अधिक सुलभ बनाने में हमारी विशेषज्ञता को साझा करना अनिवार्य है। यह न केवल चिकित्सा पेशेवरों को उपयोगी और दुर्लभ एआई अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए उनके निर्णय और डायग्नोसिस को बढ़ाने के लिए बल्कि आधुनिक दवा की खोज में भी उपयोगी साबित होगा।"
AI को चिकित्सा क्षेत्र से जोड़ना क्यों है आवश्यक?
एनएएमएस के अध्यक्ष प्रोफेसर शिव कुमार सरीन ने कहा, "यह AI पाठ्यक्रम चिकित्सा पेशेवरों को रोगियों के डायग्नोसिस और उपचार में AI तकनीकों को समझने और उनका उपयोग करने में सक्षम बनायेगा। चिकित्सा, एक कला और विज्ञान दोनों है। चिकित्सा क्षेत्र में डॉक्टरों और इंजीनियरों की क्षमताओं को और अधिक विकसित बनाने के लिए एआई को चिकित्सा क्षेत्र से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा मुझे यकीन है कि समय के साथ, ऐसा कार्यक्रम चिकित्सा पाठ्यक्रम का एक अभिन्न अंग बन जायेगा और मेडिकल छात्र स्वास्थ्य सेवा में AI तकनीकों को समझने और उनका उपयोग करने में सक्षम होंगे।"
एआई की मदद से स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार
पाठ्यक्रम की सराहना करते हुए भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ अभय करंदीकर ने कहा, "हमें एआई जैसी सहायक तकनीकों की आवश्यकता है, ताकि जरूरतमंदों की बड़ी आबादी तक डॉक्टरों की सेवा प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा चिकित्सा क्षेत्र में एआई के उपयोग से विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा का विस्तार करने में मदद मिल सकेगा। इस दिशा में इंजीनियरों और डॉक्टरों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि बड़े पैमाने पर समाज को लाभ पहुंचाने की दिशा में तकनीकी मदद से स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाया जा सके। यह पाठ्यक्रम सही दिशा में उठाया गया एक कदम है।"