Top 10 Greatest Hindi Writers of India प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगांठ के रूप में विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। बता दें कि 1975 में नागपुर में आयोजित, पहले विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने किया था। दरअसल, आधिकारिक तौर पर 2006 में 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में नामित किया गया था और तब से हिंदी की "समृद्ध भाषाई विरासत" को बढ़ावा देने के लिए इसे मनाया जाने लगा है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको विश्व - हिंदी दिवस 2023 के अवसर पर हिंदी जगत के 10 प्रमुख लेखकों के बारे में बताते हैं। बता दें कि हिंदी साहित्य को प्रमुख रूप से तीन काल में बांटा गया है 1. भक्ति काल (1375 से 1700 तक) 2. रीति काल (1700 से 1900 तक) और 3. आधुनिक काल (1850 ईस्वी के बाद)।
हिंदी साहित्य जगत के 10 महान लेखक
1. कबीर दास
कबीर दास (1398-1518) 15वीं सदी के रहस्यवादी संत और कवी थे, जिनके लेखन ने हिंदू धर्म के भक्ति आंदोलन को प्रभावित किया। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी में हुआ था। दरअसल, कबीर दास के प्रमुख छंद सिख धर्म के ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब, संत गरीब दास के सतगुरु ग्रंथ साहिब, और कबीर सागर में पाए जाते हैं।
2. प्रेमचंद्र
हिंदुस्तानी साहित्य के उपन्यास सम्राट कहे जाने वाले मुंशी प्रेमचंद का जन्म 1880 में 31 जुलाई को लमही गांव (वाराणसी के पास) में हुआ था। वे भारतीय उपन्यास लेखक, कहानीकार और नाटककार थे, जिन्हें 20वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध के सबसे प्रसिद्ध लेखक माना जाता है।
3. सीताराम सेकसरिया
सीताराम सेकसरिया (1892-1982) पश्चिम बंगाल के एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता, गांधीवादी, समाज सुधारक और संस्था निर्माता थे, जिन्हें मारवाड़ी समुदाय के उत्थान के लिए उनके योगदान के लिए जाना जाता है। वे एक स्व-शिक्षित व्यक्ति थे। सीताराम कई संस्थानों और संगठनों के संस्थापक थे, जिनमें श्री शिक्षायतन, एक उच्च शिक्षण संस्थान शामिल है।
4. लीलाधर मंडलोई
लीलाधर मंडलोई एक लेखक, कवि, फिल्म निर्माता और फोटोग्राफर हैं। जिन्होंने कविता, साहित्य और संस्कृति पर 36 पुस्तकें प्रकाशित की हैं और कई सांस्कृतिक और साहित्यिक हस्तियों पर वृत्तचित्र फिल्मों का निर्माण/निर्देशन किया है।
5. सुमित्रानंदन पंत
सुमित्रानंदन पंत एक भारतीय कवि थे, जिनका जन्म 3 जनवरी, 1920 को जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर जिले के ग्वालटोली नामक एक छोटे से गांव में हुआ था। वह हिंदी भाषा के 20वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध कवियों में से एक थे और अपनी कविताओं में रूमानियत के लिए जाने जाते थे जो प्रकृति, लोगों और भीतर की सुंदरता से प्रेरित थे।
6. रवींद्र केलेकर
रवींद्र केलेकर एक प्रसिद्ध भारतीय लेखक थे, जिन्होंने मुख्य रूप से कोंकणी भाषा में लिखते है, हालांकि वे हिंदी भाषा में भी लिखते थे। रवींद्र केलेकर एक गांधीवादी कार्यकर्ता, स्वतंत्रता सेनानी और आधुनिक कोंकणी आंदोलन के अग्रणी थे, वे एक प्रसिद्ध कोंकणी विद्वान, भाषाविद और रचनात्मक विचारक भी थे। केलकर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन, गोवा मुक्ति आंदोलन और बाद में नवगठित गोवा के महाराष्ट्र में विलय के खिलाफ अभियान में भागीदार थे।
7. राम चंद्र शुक्ल
राम चंद्र शुक्ल जिन्हें आचार्य शुक्ल के नाम से जाना जाता है इनका जन्म 4 अक्टूबर 1884 को हुआ था जबकि इनका निधन 2 फरवरी 1941 को हुआ था। दरअसल, राम चंद्र शुक्ल को हिंदी साहित्य के इतिहास के पहले संहिताकार के रूप में माना जाता है, क्योंकि इन्होंने कम संसाधनों के साथ व्यापक, अनुभवजन्य शोध का उपयोग करके और हिंदी साहित्य का इतिहास प्रकाशित किया था।
8. जयशंकर प्रसाद
छायावादी कवि के रूप पहचाने जाने वाले जयशंकर प्रसाद का जन्म 30 जनवरी 1889 को हुआ था और इनका निधन 15 नवंबर 1937 को हुआ था। बता दें कि वे आधुनिक हिंदी साहित्य के साथ-साथ हिंदी रंगमंच के एक प्रमुख व्यक्ति थे।
9. मुक्तीदा हसन निदा फ़ाज़ली
मुक्तीदा हसन निदा फ़ाज़ली, जिन्हें निदा फ़ाज़ली (12 अक्टूबर 1938 - 8 फरवरी 2016) के नाम से जाना जाता है। वे एक प्रमुख भारतीय हिंदी और उर्दू कवि, गीतकार और संवाद लेखक थे। जिन्हें साहित्य में उनके योगदान के लिए 2013 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
10. विष्णु प्रभाकर
विष्णु प्रभाकर भारत में एक बहुत ही प्रतिभाशाली लेखक हैं जो कि उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। बता दें कि उनका उपन्यास, अर्धनारीश्वर उनके द्वारा इतनी खूबसूरती से लिखा गया था, जिसके कारण उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और पद्म भूषण का सम्मानित किया गया।
यह खबर पढ़ने के लिए धन्यवाद, आप हमसे हमारे टेलीग्राम चैनल पर भी जुड़ सकते हैं।