अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस (International Youth Day) हर साल 12 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देने और उनके सामने आने वाली चुनौतियों, समस्याओं और अवसरों पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। युवाओं का सशक्तिकरण समाज के सशक्तिकरण का ही एक रूप है, और इस दिशा में अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व और भी बढ़ जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस की शुरुआत 12 अगस्त 2000 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी। इस दिन की स्थापना का उद्देश्य युवाओं के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना और उन्हें जागरूक करना था। 1999 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 12 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में घोषित किया, जिसके बाद इसे विश्व स्तर पर मनाया जाने लगा।
इस दिन का उद्देश्य न केवल युवाओं के अधिकारों और जरूरतों को मान्यता देना है, बल्कि उनके सशक्तिकरण, शिक्षा, रोजगार, और सामाजिक समावेशन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना भी है। इस दिन को मनाने का विचार 1991 में वियना में आयोजित विश्व युवा मंच में सामने आया, जहां युवा प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से इस दिशा में काम करने का आग्रह किया।
अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व
युवा समाज की रीढ़ होते हैं। वे न केवल देश के भविष्य का निर्माण करते हैं, बल्कि वर्तमान में भी समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। युवा जनसंख्या का विश्व में एक बड़ा हिस्सा है, और उनका सशक्तिकरण, शिक्षा और रोजगार के अवसरों का निर्माण समाज की प्रगति के लिए आवश्यक है।
अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह दिन युवाओं को जागरूक करने और उन्हें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सचेत करने का अवसर प्रदान करता है। यह दिन युवाओं को अपने विचारों, समस्याओं, और संभावनाओं को व्यक्त करने का मंच देता है, ताकि नीति निर्धारक और समाज उन्हें समझ सकें और उनके विकास में योगदान दे सकें।
अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस 2024 की थीम
हर साल अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के लिए एक विशिष्ट थीम निर्धारित की जाती है, जो उस वर्ष के दौरान युवाओं के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती है। 2024 में, इस दिवस की थीम 'From Clicks to Progress: Youth Digital Pathways for Sustainable Development' रखी गई है।
युवाओं के सामने आने वाली चुनौतियां
हालांकि युवाओं के पास अपार संभावनाएं हैं, लेकिन उनके सामने कई चुनौतियां भी हैं। इनमें बेरोजगारी, शिक्षा की कमी, मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे, और सामाजिक-आर्थिक असमानता जैसी समस्याएं शामिल हैं।
डिजिटल युग में, साइबर बुलिंग, फेक न्यूज, और डिजिटल विभाजन जैसी समस्याएं भी उभरकर सामने आई हैं। विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले युवा, जो इंटरनेट और अन्य तकनीकी साधनों तक पहुंच नहीं रखते, इन समस्याओं से जूझ रहे हैं। इस थीम के माध्यम से इन मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने और समाधान खोजने का प्रयास किया जा रहा है।