Easy Chhath Puja Essay: 100 और 150 शब्दों में छठ पूजा पर निबंध कैसे लिखें? यहां दिए गए प्रारूप से मदद लें!

Easy Chhath Puja Essay in Hindi: छठ का महापर्व आज यानी 05 नवंबर को नहाय-खाय से शुरू हो गया है। लोक आस्था के प्रतीक माने जाने वाले इस छठ महापर्व को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है। छठ का व्रत रख श्रद्धालु छठी मैया से संतान प्राप्ति और अपने संतान की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं। छठ पर्व के दौरान भगवान सूर्यदेव और देवी षष्ठी की पूजा की जाती है।

केवल 100 और 150 शब्दों में छठ पूजा पर निबंध कैसे लिखें?

छठ महापर्व का त्योहार देश के कई राज्यों में बड़े ही धूमधाम और हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है। इन राज्यों में बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से और नेपाल के कुछ क्षेत्र शामिल हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, छठ पर्व के दौरान छठी मैया और भगवान सूर्यदेव की उपासना की जाती है। छठ पूजा के दौरान पारंपरिक पकवान बनाए जाते हैं। इस दौरान महिलाएं ठेकुआ भी बनाती हैं,जो छठ पर्व का महाप्रसाद होता है और इसे छठी मैया और सूर्यदेव को चढ़ाया जाता है।

नहाय खाय से शुरू होने वाला छठ पर्व अगले चार दिनों तक चलेगा। छठ पर्व के दौरान दूसरे दिन अर्थात 6 नवंबर को खरना, तीसरे दिन यानी 7 नवंबर को शाम का अर्घ्य और चौथे दिन मतलब सुबह के अर्घ्य देकर मनाया जायेगा। छठ पूजा भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख पर्व है। इस दौरान बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में व्रती (व्रत रखने वाले) सूर्य देव को अर्घ्य देकर उनकी कृपा पाने के लिए व्रतधारण करते हैं। छठ का महापर्व संतान सुख, परिवार की खुशहाली और समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है।

आज इस लेख में हम स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों एवं हमारे पाठकों के लिए छठ पूजा पर निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। हम इस लेख के माध्यम से 100 एवं 150 शब्दों में छठ पूजा पर निबंध के 5 अलग-अलग निबंध प्रारूप प्रस्तुत कर रहे हैं। छात्र अपनी सुविधा के अनुसार, छठ पूजा पर निबंध कैसे लिखें, के लिए इस लेख से सहायता ले सकते हैं। यहां स्कूल के बच्चों के लिए 5 छठ पूजा पर छोटे निबंध प्रस्तुत है। ये छठ महापर्व पर निबंध, छात्रों को इस पर्व के बारे में आसान शब्दों जानकारी देने के उद्देश्य से लिखे गये हैं।

100 शब्दों में छठ पूजा पर निबंध कैसे लिखें?

छठ पूजा पर निबंध 1|छठ पूजा का त्योहार प्रकृति की पूजा और आस्था का प्रतीक

उत्तर भारत के कई हिस्सों छठ महापर्व मनाया जाता है। छठ पूजा के दौरान छठी मैया और भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। कहानियों के अनुसार, प्रकृति को कई भागों में बांटा गया है, और प्रकृति के छठे भाग की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में छठे भाग को विशेष एवं पवित्र माना गया है इसलिए प्रकृति की स्वरूप छठी मैया की पूजा की जाती है। इसलिए छठ पूजा का त्योहार प्रकृति की पूजा और आस्था का प्रतीक है। छठ पूजा के दौरान नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य जैसी महत्वपूर्ण विधियों का पालन कर छठ पर्व हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दौरान महिलाएं और पुरुष मिलकर कठिन व्रत का पालन करते हैं। इसमें व्रतधारी बिना पानी के रहते हैं और सूर्यास्त व सूर्योदय के समय अर्घ्य देते हैं।

छठ पूजा पर निबंध 2 | महापर्व छठ में करें सूर्य देव और छठी मैया की उपासना

छठ पूजा की शुरुआत दिवाली के बाद होती है। बिहार और झारखंड के निवासियों में छठ पर्व का अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। यहां लोग पर्व के दौरान सूर्य देव और छठी मैया की विशेष पूजा-अर्चना एवं उपासना करते हैं। छठ का व्रत बेहद कठिन होता है। व्रत को करने के इच्छुक व्रतधारी नहाय-खाय के साथ व्रत रखना शुरू करते हैं। छठ पूजा का त्योहार चार दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उषा अर्घ्य दिया जाता है। इस दौरान व्रतधारी कठोर उपवास रखते हैं और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं। इस पर्व की खासियत है कि इसमें कोई भी पंडित या पुजारी पूजा नहीं कराते, बल्कि सभी श्रद्धालु अपने आप पूजा करते हैं।

केवल 100 और 150 शब्दों में छठ पूजा पर निबंध कैसे लिखें?

छठ पूजा पर निबंध 3 | महाभारत काल में हुई छठ पर्व मनाने की शुरुआत

छठ पूजा आस्था का पर्व है। छठ पर्व के दौरान महिलाएं और पुरुष कठिन व्रत रखते हैं और बिना पानी पिए इस व्रतधारण करते हैं। चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व परिवार की खुशहाली और बच्चों की लंबी उम्र की कामना के साथ मनाया जाता है। व्रती विशेषकर सूर्यास्त और सूर्योदय के समय अर्घ्य देते हैं। हिंदू धर्म में छठ पूजा की शुरुआत वैदिक काल से मानी जाती है। पौराणिक कहानियों के अनुसार, ऐसा कहा गया है कि महाभारत काल में जब पांडवों ने अपना राजपाट खो दिया उस समय पांडवों की पत्नी द्रौपदी ने कठिन व्रत रखा था। छठी मैया का व्रत रखने के बाद उन्हें संतान सुख और परिवार की खुशहाली प्राप्त हुई थी। छठ का पर्व विशेष रूप से सूर्य देव की कृपा पाने के लिए किया जाता है और संतान सुख, समृद्धि की कामना के साथ मनाया जाता है।

150 शब्दों में छठ पूजा पर निबंध कैसे लिखें?

छठ पूजा पर निबंध 1 | चार दिनों तक मनाया जाता है महापर्व छठ का त्योहार

यूं तो हिंदू धर्म में कई पूजा, पर्व और कई त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन देश में छठ पर्व का उत्साह अलग ही होता है। छठ पूजा के दौरान सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। यह पर्व खासतौर पर उत्तर भारत के बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पूजा का महापर्व चार दिनों तक मनाया जाता है। यह दिवाली के बाद शुरू होता है। छठ पूजा के दौरान व्रत रखने वाले व्रतधारी सूर्य को अर्घ्य देते हैं और संतान प्राप्ति एवं परिवार की खुशहाली की कामना करते हैं। इस पर्व का महत्व हमारी संस्कृति और धार्मिक आस्था में गहराई से जुड़ा है। इस साल छठ महापर्व 5 नवंबर से शुरू हो रहा है। नहाय-खाय से इस पर्व की शुरुआत होती है। छठ के पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उषा अर्घ्य दिया जाता है। छठ का महाप्रसाद ठेकुआ होता है, जिसे व्रतधारी बनाते हैं।

छठ पूजा पर निबंध 2 | छठ के दौरान क्यों की जाती है छठी मैया और सूर्यदेव की पूजा?

छठ को महापर्व के रूप में मनाया जाता है। छठ पूजा के त्योहार की शुरुआत कार्तिक महीने के शुल्क पक्ष की चतुर्थी से होती है और यह चार दिनों तक चलता है। षष्ठी के दिन संध्या अर्घ्य देकर छठी मैया की अराधना की जाती है। छठ महापर्व के पहले दिन यानी नहाय-खाय को व्रतधारी सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं और फिर पूरी शुद्धता से घर में शाकाहारी भोजन पकवान बनाते एवं खाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्रकृति को कई भागों में बांटा गया है और प्रकृति के छठे भाग की पूजा की जाती है। वह इसलिए क्योंकि हिंदू धर्म में छठे भाग को पवित्र माना गया है। क्योंकि प्रकृति को हम माता के रूप में पूजते हैं, इसलिए छठ पर्व के दौरान छठी मैया की उपासना की जाती है। इस दौरान सूर्यदेव की भी पूजा की जाती है, वह इसलिए क्योकि प्रकृति को अपना स्वरूप भगवान सूर्यदेव से प्राप्त हुआ है। इसलिए छठ पूजा के दौरान भगवान सूर्य की भी उपासना की जाती है। छठ का महापर्व प्रकृति और सूर्य देव की पूजा का प्रतीक है। इस दौरान घर-घर में छठ का महाप्रसाद ठेकुआ बनाया जाता है। छठ पर्व के दौरान लोग एक साथ घाट पर इकट्ठा होते हैं और सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। व्रती के साथ कई लोग इस पूजा में भाग लेते हैं और सामूहिक रूप से पूजा करते हैं।

For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

English summary
Easy Chhath Puja Essay in Hindi, Discover 5 unique essays on Chhath Puja in Hindi, each in 100 and 150 words. Learn about the rituals, traditions, and significance of Chhath Puja. Get complete details on Chhath Puja in Hindi for school assignments here.
--Or--
Select a Field of Study
Select a Course
Select UPSC Exam
Select IBPS Exam
Select Entrance Exam
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
Gender
Select your Gender
  • Male
  • Female
  • Others
Age
Select your Age Range
  • Under 18
  • 18 to 25
  • 26 to 35
  • 36 to 45
  • 45 to 55
  • 55+