सावन का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इसे वर्ष का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। सावान के महीने में सब लोग भोले की मस्ती में मस्त रहते हैं। लोग शिव की कावड़ लाते हैं, व्रत और उपवास करते हैं। इस महीने में प्रकृति की सुंदरता अत्याधिक बढ़ जाती है। जिस वजह से इस महीने का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
चलिए आज के इस लेख में आपको सावन के महीने के प्रमुख कारण बताते हैं जिससे की हिंदू धर्म में इसका महत्व बढ़ता है। इसके अलावा, हम आपको 2024 में आने वाले सावन के महीने के बारे में भी बताएंगे की इसकी शुरुआत कब होगी? सावन के सोमवार का व्रत कब रखा जाएगा, आदि।
क्यों माना जाता है सावान का महीना खास?
सावन के महीने को खास मानने के कुछ प्रमुख कारण है जो कि निम्न प्रकार है-
- शिव आराधना: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस महीने में विशेष रूप से शिवलिंग की पूजा की जाती है। शिव भक्त इस समय में व्रत रखते हैं और भगवान शिव को जल चढ़ाते हैं।
- व्रत और उपवास: सावन के महीने में विशेष रूप से सोमवार के व्रत रखे जाते हैं। यह व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है और इसे करने से व्यक्ति को विशेष फल प्राप्त होता है।
- सावन के त्योहार: इस महीने में कई महत्वपूर्ण त्योहार आते हैं जैसे कि तीज और रक्षाबंधन। ये त्योहार पारिवारिक और सामाजिक संबंधों को मजबूत बनाते हैं।
- प्रकृति की सुंदरता: सावन के महीने में मानसून के कारण प्रकृति बहुत सुंदर हो जाती है। हरे-भरे पेड़, खेत, और झरने इस महीने की सुंदरता को और भी बढ़ा देते हैं।
- धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां: इस महीने में मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भक्त गंगा स्नान, कावड़ यात्रा आदि जैसे धार्मिक कार्यों में हिस्सा लेते हैं।
इन सब कारणों से सावन का महीना हिंदू धर्म और संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
2024 में सावन का महीना कब शुरू होगा?
इस साल उत्तर भारत में सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त 2024 को खत्म होगा। बता दें कि अलग-अलग क्षेत्रों में सावन महीने के शुरू होने के समय में आमतौर पर 15 दिन का अंतर होता है।
इस साल सावन के महीने में कितने सोमवार होंगे?
2024 में यानि कि इस साल सावन के महीने में कुल 5 सोमवार होंगे। जिस दिन शिव के भक्त उनकी अराधना में उपवास रखेंगे।
- पहला सावन सोमवार व्रत - 22 जुलाई 2024
- दूसरा सावन सोमवार व्रत - 29 जुलाई 2024
- तीसरा सावन सोमवार व्रत - 5 अगस्त 2024
- चौथा सावन सोमवार व्रत - 12 अगस्त 2024
- पांचवां सावन सोमवार व्रत - 19 अगस्त 2024
सावन में क्यों लाई जाती है कावड़?
कावड़ यात्रा सावन के महीने में एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें श्रद्धालु गंगा नदी या किसी पवित्र नदी से जल लाकर भगवान शिव के शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। कावड़ यात्रा के महत्व के पीछे कुछ मुख्य कारण हैं:
- भगवान शिव की आराधना: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। कावड़ यात्री भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए पवित्र जल चढ़ाते हैं।
- पवित्र जल का महत्व: गंगा या अन्य पवित्र नदियों का जल हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है और भक्तों के पापों का नाश होता है।
- धार्मिक अनुष्ठान: कावड़ यात्रा एक धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें भक्त कठिन तपस्या करते हैं। यह यात्रा श्रद्धा, समर्पण और धैर्य का प्रतीक है।
- समूह में यात्रा: कावड़ यात्रा अक्सर समूह में की जाती है, जिससे सामुदायिक भावना और भाईचारे को बढ़ावा मिलता है। इसमें भक्त एक-दूसरे का सहयोग करते हैं और मिलकर भगवान शिव की आराधना करते हैं।
- शिवलिंग का अभिषेक: कावड़ यात्रा के अंत में शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। यह अभिषेक भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इससे भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- सकारात्मक ऊर्जा: कावड़ यात्रा के दौरान भक्त भगवान शिव के भजनों, मंत्रों और कीर्तन के माध्यम से एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। इससे मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है।
कावड़ यात्रा भगवान शिव की भक्ति और उनके प्रति समर्पण का एक प्रमुख माध्यम है, जो सावन के महीने में विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है।
2024 में सावन की शिवरात्रि कब है?
इस साल सावन शिवरात्रि का प्रारंभ 2 अगस्त की दोपहर 3 बजकर 26 मिनट पर होगा और समापन 3 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर होगा।