Krishna Short Stories To Students: श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर महाभारत काल तक उनकी अनेकों निराली कहानियां है। उन्हीं में कुछ प्रमुख कहानी आज के इस लेख में हम आपके लिए लेकर आएं हैं। जिन्हें आप आसानी से अपने बच्चों को याद करा सकते हैं। स्कूलों में जन्माष्टमी के अवसर पर बच्चों के लिए तरह-तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। जैसे कि छोटे बच्चों को राधा-कृष्ण की ड्रेस पहनकर आना होता है, तो वहीं बड़े बच्चे मटकी फोड़ जैसी प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। इसके अलावा, बच्चों से श्रीकृष्ण की कहानियां लिखवाई व सुनवाई जाती हैं।
भारत समेत दुनिया भर में जन्माष्टमी को लेकर तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं। एक तरफ जहां स्कूलों में जन्माष्टमी के लिए प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ दुनिया भर के सभी कृष्ण मंदिर जन्माष्टमी के लिए सजाएं जा रहे हैं।
यहां श्रीकृष्ण की कुछ प्रमुख कहानी दी गई हैं..
1. कृष्ण का जन्म
हिंदू महाकाव्य महाभारत के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म राजा वासुदेव और उनकी पत्नी देवकी से हुआ था। देवकी का भाई कंस एक क्रूर व्यक्ति था। देवकी और वासुदेव की शादी की रस्मों के दौरान, कंस को ज्योतिषियों ने चेतावनी दी थी कि उनका बच्चा उसे मार डालेगा। यह सुनकर, कंस ने दंपति को कैद कर लिया और उनके पैदा होने वाले हर बच्चे को मार डाला। लेकिन जब कृष्ण का जन्म होता है, तो अपने आप जेल के सभी द्वार खुल जाते हैं। और वासुदेव तेज बारीश के बीच गुप्त रूप से यशोदा के बेटी से अपने बेटे को बदलकर रख आते हैं।
जब दुष्ट कंस इस बदले हुए बच्चे को मारने की कोशिश करता है, तो वह देवी आदि पराशक्ति में बदल जाती है और उसे चेतावनी देती है कि उसकी मृत्यु आ गई है और कुछ भी उसके भाग्य को नहीं बदल सकता है। इस बीच, नवजात कृष्ण को यमुना नदी के दूसरी ओर ले जाया जाता है, जहां गोकुल में नंद और उनकी पत्नी यशोदा द्वारा उन्हें बचाया जाता है और उनका पालन-पोषण किया जाता है। भगवान कृष्ण के जन्म को कृष्णाष्टमी या जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।
2. कृष्ण और उनका माखन प्रेम
माखन चोर कृष्ण की बहुत सी दिलचस्प कहानियां हैं और उन्हीं में से एक है कृष्ण और उनका माखन प्रेम...
कृष्ण का बचपन गोकुल का गुजरा जो कि 'गोपालों' या पशुपालकों की भूमि थी। गोकुल गांव में दूध, दही और माखन की कोई कमी नहीं थी। कृष्ण को मक्खन बहुत पसंद था और वह हर मौके का फायदा उठाकर अपनी माँ या गाँव की किसी भी घर से माखन का बर्तन चुरा लेते थे। जिस वजह से गांव की सभी माताओं ने अपने माखन के बर्तन छत से बांधना शुरू कर दिया ताकि कृष्ण या उनके दोस्त उन तक न पहुंच सकें। लेकिन कृष्ण अपने दोस्तों के साथ मिलकर छत तक ऊंचे बंधे इन बर्तनों तक भी पहुंच जाते थे। माखन का बर्तन पाने के लिए छत पर चढ़ जाते हैं या माखन चुराने के लिए एक-दूसरे के कंधों पर चढ़ जाते थे। यदि कोई तरकीब काम नहीं करती, तो वे माखन के बर्तन पर एक कंकड़ फेंक उसे तोड़ देते थे और फिर बारी-बारी से अपना मुँह खोलकर टूटे हुए बर्तन से टपकता हुआ माखन खाते थे। कृष्ण की इन हरक्तों से परेशान होकर गांव की औरतों ने माखन चुराने के लिए की माँ यशोदा से शिकायत की। यशोदा ने स्त्रियों से क्षमा मांगी और कृष्ण को अनुशासन देने का वचन दिया।
3. कृष्ण का पहला चमत्कारिक रूप
जब कृष्ण छोटे थे, तब माँ यशोदा उन्हें एक गाँव के उत्सव में ले गई थीं। दोपहर का भोजन करने के बाद यशोदा ने कृष्ण को एक बैलगाड़ी के नीचे सोने के लिए छोड़ दिया। थोड़ी देर बाद संगीत के शोर से कृष्ण की नींद खुल गई। सभी ग्रामीण नृत्य कर रहे थे और इसलिए कृष्ण भी ताल पर नाचने लगे। तभी वह गलती से बैलगाड़ी के पहिये से टकरा गए, जिससे बैलगाड़ी जमीन पर गिर गई। छोटे बच्चे पर बैलगाड़ी गिरने के बाद लोग उसे बचाने के लिए उसकी और भागे, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, उन्होंने पाया कि वो छोटा लड़का अभी भी खुशी से संगीत के मनमोहक धुनों पर नाच रहा है। यह कृष्ण लीला की पहली चमत्कारिक घटनाओं में से एक थी, जिसने कृष्ण की दिव्यशक्तियों को साबित किया। लोगों का मानना था कि यह एक चमत्कार ही था कि बच्चा दुर्घटना से अछूता रह गया।
4. कृष्ण ने दिखाया मां यशोदा को ब्रह्मांड
जब कृष्ण बहुत छोटे थे तब उन्होंने गोपियों को सभी बर्तन साफ़ करते हुए देखा। उन्होंने देखा कि जिस बर्तन में मक्खन रखा होता था, उसे खाली हो जाने के बाद गोपियाँ उसको मिट्टी से साफ करती थीं। जिसे देखने के बाद वह सोचने लगा कि क्या उसे भी अपना पेट साफ करने के लिए माखन खाने के बाद मिट्टी खानी पड़ेगी। और फिर कृष्ण ने पेट भरकर माखन खाने के बाद अपना मुंह मिट्टी से भर लिया। जिसके बाद भाई बलराम और उनके दोस्तों ने देखा कि कृष्ण ने अपना मुँह में कुछ ठूंस लिया है। कृष्ण से पूछे जाने के बाद की उनके मुंह में क्या है उन्होंने अपना मुंह खोलने से इनकार कर दिया। फिर बलराम कृष्ण को यशोदा के पास ले गए। यशोदा ने उससे मुंह खोलने के लिए भी कहा लेकिन वह कुछ नहीं बोला और न ही अपना मुंह खोला। तब यशोदा ने गुस्से में एक छड़ी पकड़ ली और कहा कि अगर उसने तुरंत अपना मुंह नहीं खोला तो उसे मार पड़ेगी।
तब कृष्ण ने अपना मुंह खोला और यशोदा ने कृष्ण के मुंह में पूरे ब्रह्मांड को स्पष्ट रूप से देखा। वह गोकुल और खुद को भी बच्चे के सामने खुले मुंह के साथ खड़े देख सकती थी। अविश्वास में, यशोदा ने अपना मन साफ़ करने के लिए अपनी आँखें बंद कर लीं। और जब उन्होंने अपनी आँखें खोलीं तो यशोदा ने देखा कि कृष्ण उसकी ओर देखकर मुस्कुरा रहे हैं।
5. भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म वासुदेव और देवकी के गर्भ से कारगार में हुआ था। वासुदेव ने श्री कृष्ण को गोकुल में यशोदा के यहां दे दिया था, जहां यशोदा ने अपने लल्ला कान्हा को बड़े ही लाड़ प्यार से पाला। भगवान श्री कृष्ण बचपन से ही नटखट थे। जितना यशोदा मैया और नंद लाला उनके नटखट अंदाज से परेशान थे, उतना ही वहां के गांव वाले भी। कृष्ण जी अपने मित्रों के साथ मिलकर गांव वालों का माखन चुरा कर खा जाते थे, जिसके बाद गांव वाले उनकी शिकायत मैया यशोदा के पास लेकर पहुंच जाते थे। इस वजह से उन्हें अपनी मैया से डांट भी खानी पड़ती थी।
6. कालिया नाग का वध
कालिया नाग का वध श्री कृष्ण की प्रचलित बाल लीलाओं में से एक है। एक बार श्री कृष्ण अपने मित्रों के साथ यमुना नदी के किनारे गेंद से खेल रहे थे। अचानक गेंद युमना नदी में चली गई और बाल गोपल के सारे मित्रों ने मिलकर उन्हें ही नदी से गेंद लाने को भेज दिया। बाल गोपाल भी एकदम से कदम्ब के पेड़ पर चढ़ कर यमुना में कूद गए। वहां उन्हें कालिया नाग मिला श्री कृष्ण ने अपने भाई बलराम के साथ मिलकर जहरीले कालिया नाग का वध कर दिया।
7. गोवर्धन पर्वत की कहानी
गोवर्धन पर्वत की कहानी से भी हर कोई परिचित है जो कि उनकी प्रचलित लीलाओं में से एक है। दरअसल, इंद्र देव श्री कृष्ण की लीलाओं से अंजान ते और उन्होंने गुस्से में गांव में बहुत तेज बारिश कर दी। गांव वालों को बचाने के लिए श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया और सबी मथुरावासियों को उसके नीचे शरण दे दी। सात दिन तक बिना कुछ खाए श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को उठाए खड़े रहे और आठवें दिन बारिश रुकने पर गांववासियों को बाहर निकाला। कार्तिक मास में अन्नकुट की पूजा भी श्री कृष्ण ने ही आरंभ कराई थी।