Gandhi Jayanti 2024: देश की आजादी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की भूमिका अहम रही। स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी ने कई आंदोलनों की अगुवाई की और अहिंसा के मार्ग पर चल कर देख को स्वतंत्रता तक ले गए। महात्मा गांधी की जन्म जयंती के अवसर पर प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अपने अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों से देश को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांधी जयंती पर गांधी जी के योगदानों को याद करते हुए विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। स्कूलों और अन्य शिक्षण संस्थानों में इस दिन विभिन्न गतिविधियां जैसे भाषण, निबंध लेखन और चित्रकला प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
इस लेख में महात्मा गांधी के जीवन, उनके कार्यों और योगदान को विस्तृत रूप से समझाने के लिए तीन अलग-अलग गांधी जयंती पर निबंध दिए गए हैं। गांधी जयंती पर निबंध कक्षा 2 और कक्षा 4 के छात्रों के लिए प्रस्तुत किया जा रहे हैं। यदि आप भी गांधी जयंती पर निबंध प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का सोच रहे हैं तो यहां दिये गये निबंध प्रारूपों से संदर्भ ले सकते हैं।
गांधी जयंती पर निबंध कैसे लिखें? | Gandhi Jayanti Essay in Hindi
इस लेख में मातृभूमि भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर निबंध प्रारूप प्रस्तुत किये जा रहे हैं। कक्षा 2 एवं 4 के बच्चों के लिए महात्मा गांधी पर 100, 200, 300 शब्दों में आसान निबंध प्रारूप नीचे दिये गये हैं-
100 शब्दों में महात्मा गांधी जयंती पर निबंध
हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। महात्मा गांधी का जन्म 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। वे हमारे देश के महान नेता और स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे। उन्होंने हमें सत्य और अहिंसा का रास्ता दिखाया। गांधी जी ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया लेकिन उन्होंने कभी हिंसा का रास्ता नहीं अपनाया। वे हमेशा लोगों को प्रेम, भाईचारे और समानता का संदेश देते थे। गांधी जयंती को भारत में उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के लिए कई प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। हमें गांधी जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाना चाहिये और उनके दिखाए गए मार्ग पर चलना चाहिए।
200 शब्दों में गांधी जयंती पर निबंध
महात्मा गांधी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में गांधी जयंती मनाई जाती है। हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। इस दिन पूरे देश में राष्ट्रीय अवकाश होता है। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उन्हें प्यार से वे "बापू" भी कह कर बुलाया जाता है। राष्ट्र के प्रति अपने योगदानों के लिए महात्मा गांधी "राष्ट्रपिता" के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात के पोरबंदर में सन् 1869 में हुआ था।
गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों को अपनाकर भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कई आंदोलनों का नेतृत्व भी किया। इनमें मुख्य रूप से दांडी मार्च, असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे कई महत्वपूर्ण आंदोलन शामिल हैं। गांधी जी का मानना था कि अहिंसा से ही किसी भी समस्या का समाधान हो सकता है। भारत में गांधी जयंती को एक राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
गांधी जी के मूल्यों और आदर्शों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए कई प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इस दिन देश में राष्टीय अवकाश होता है और सभी सरकीरी और गैर सरकारी ऑफिस, कार्यालय, शिक्षण संस्थान आदि में छुट्टियां होती है। इस दिन स्कूलों और अन्य संस्थानों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। बच्चे गांधी जी के जीवन पर निबंध लिखते हैं, भाषण देते हैं और उनके जीवन से प्रेरित होकर उनके बारे में चित्र बनाते हैं। गांधी जयंती पर हमें गांधी जी के सिद्धांतों को अपनाना चाहिये और समाज में शांति और सद्भावना बनाए रखने का प्रयास करना चाहिये।
300 शब्दों में गांधी जयंती पर निबंध
प्रति वर्ष 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जन्मदिन के अवसर पर गांधी जयंती का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के महान जीवन और उनके योगदानों का स्मरण करते हैं। भारत को स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले महात्मा गांधी का जन्म 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। वे एक साधारण परिवार से थे, लेकिन उनके विचार और आदर्श इतने महान थे कि उन्हें "राष्ट्रपिता" का दर्जा दिया गया। महात्मा गांधी को जानने और उन्हें प्यार करने वाले लोग गांधी जी को प्यार से "बापू" कहकर बुलाते थे।
गांधी जी ने हमें सत्य, अहिंसा और सादगी का महत्व सिखाया। उन्होंने अपने जीवन में कभी भी हिंसा का समर्थन नहीं किया और ना ही देश की आजादी के राह पर कभी भी हिंसा का मार्ग अपनाया। बापू ने हमेशा शांति के मार्ग पर चलने की सलाह दी। उनका मानना था कि अहिंसा ही वह शक्ति है जो किसी भी कठिनाई का सामना कर सकती है। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में दांडी मार्च, असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया। उनके नेतृत्व में भारत ने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त की।
महात्मा गांधी के प्रयास केवल भारतीय स्वतंत्रता तक ही सीमित नहीं थे। अपने जीवनकाल में महात्मा गांधी ने कई सामाजिक प्रथाओं और रूढ़िवादियों के खिलाफ भी लगाई लड़ी। महात्मा गांधी के विचारों से बच्चे से लेकर बूढ़े और पुरुषों से लेकर महिलाएं, सभी वर्ग के लोग प्रेरित हुए हैं। गांधी जी ने अस्पृश्यता, जातिवाद, महिला दमन आदि के खिलाफ भी अपनी आवाज बुलंद की और उनके हक के लिए प्रयासरत रहें।
इसके अलावा उन्होंने गरीबों और ज़रूरतमंदों की मदद के लिए भी महत्वपूर्ण प्रयास किए। हमें भी महात्मा गांधी के दिखाए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिये और समाज में शांति और प्रेम का संदेश फैलाना चाहिये। गांधी जी के विचार आज भी हमें प्रेरित करते हैं और हमें अच्छे नागरिक बनने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।