Lal Bahadur Shastri Essay in Hindi: लाल बहादुर शास्त्री जयंती हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है। इस दिन भारत के सभी स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तरों में गांधी जयंती के अवसर पर छुट्टी रहती है। लेकिन गांधी जयंती के साथ- साथ लाल बहादुर शास्त्री जयंती मनाने के लिए भी स्कूल और कॉलेज में कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जैसे कि निबंध लेखन, कविता लेखन और भाषण प्रतियोगिता।
आज के इस लेख में हम लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर कक्षा 1, 3 और 5 के लिए निंबध लेकर आए हैं जिससे कि छात्र आसानी से लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर निबंध की तैयारी कर सकें। तो चलिए देखते हैं कैसे लिखें कक्षा अनुसार लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर निबंध-
कक्षा 1 के लिए लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध
लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। शास्त्री जी बचपन से ही बहुत ईमानदार और साधारण व्यक्ति थे। उनके पिता का नाम शारदा प्रसाद और माता का नाम रामदुलारी देवी था।
शास्त्री जी ने कम उम्र में ही महात्मा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। वे सादगी और सच्चाई के प्रतीक माने जाते हैं। उन्होंने हमेशा देश की सेवा को अपना पहला कर्तव्य माना। शास्त्री जी का नारा "जय जवान, जय किसान" बहुत प्रसिद्ध हुआ, जो उन्होंने 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय दिया था। इससे उन्होंने देश के सैनिकों और किसानों की महत्ता को बताया।
लाल बहादुर शास्त्री जी बहुत सादा जीवन जीते थे। वे कभी भी बड़े पदों के लालच में नहीं रहे और हमेशा देश के गरीबों और जरूरतमंदों के लिए काम किया। उनका नेतृत्व भारत को सही दिशा में ले जाने वाला था।
उनका निधन 11 जनवरी 1966 को ताशकंद, उज्बेकिस्तान में हुआ। उनके योगदान को आज भी भारत में आदर के साथ याद किया जाता है। लाल बहादुर शास्त्री जी का जीवन हमें सादगी, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का संदेश देता है।
शास्त्री जी जैसे महान नेता हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे और उनके विचारों से हमें प्रेरणा मिलती रहेगी।
कक्षा 3 के लिए लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध
लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे और एक सच्चे देशभक्त थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। उनके पिता का नाम शारदा प्रसाद श्रीवास्तव था, जो एक स्कूल शिक्षक थे, और उनकी माता का नाम रामदुलारी देवी था। शास्त्री जी के पिता की मृत्यु तब हो गई थी जब वे सिर्फ एक साल के थे, इसलिए उनका बचपन कठिनाइयों में बीता।
शास्त्री जी बचपन से ही बहुत ईमानदार और मेहनती थे। उन्होंने अपनी पढ़ाई वाराणसी से की और समाज सेवा में रुचि लेने लगे। देश की स्वतंत्रता के प्रति उनका प्रेम उन्हें महात्मा गांधी के नेतृत्व में चल रहे स्वतंत्रता संग्राम की ओर खींच लाया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और कई बार जेल भी गए, लेकिन उन्होंने अपने हौसले को कभी कम नहीं होने दिया।
1947 में भारत को आजादी मिली, और शास्त्री जी देश की सेवा में लग गए। उन्हें प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के कैबिनेट में शामिल किया गया। उन्होंने कई महत्वपूर्ण विभागों में काम किया, जैसे कि परिवहन और रेलवे। शास्त्री जी को सादगी और कड़ी मेहनत के लिए जाना जाता था।
1964 में जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद, लाल बहादुर शास्त्री को भारत का प्रधानमंत्री बनाया गया। उन्होंने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान "जय जवान, जय किसान" का नारा दिया, जो आज भी बहुत प्रसिद्ध है। उन्होंने भारतीय सेना और किसानों के योगदान को इस नारे के माध्यम से सम्मानित किया।
1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ, और शास्त्री जी ने साहस और धैर्य के साथ देश का नेतृत्व किया। उन्होंने अपनी सादगी और ईमानदारी से देशवासियों के दिलों में एक खास जगह बनाई। 10 जनवरी 1966 को ताशकंद में शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, शास्त्री जी का अचानक निधन हो गया।
लाल बहादुर शास्त्री का जीवन हमें सादगी, ईमानदारी, और देशभक्ति की प्रेरणा देता है। उन्होंने हमेशा देश के लिए सोचा और अपने कर्तव्यों का पालन किया। उनका जीवन और योगदान हमें हमेशा याद रहेगा।
कक्षा 5 के लिए लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध
लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री और एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जीवन सादगी, ईमानदारी और सेवा के आदर्शों पर आधारित था। शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। उनका पूरा नाम लाल बहादुर श्रीवास्तव था, लेकिन उन्होंने 'शास्त्री' उपाधि काशी विद्यापीठ से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने पर प्राप्त की थी।
लाल बहादुर शास्त्री का बचपन कठिनाइयों से भरा था। जब वे केवल डेढ़ साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया था। उनकी माता ने कठिन परिस्थितियों में उनका पालन-पोषण किया। शास्त्री जी को शुरू से ही शिक्षा के प्रति गहरी रुचि थी। उन्होंने वाराणसी के काशी विद्यापीठ से स्नातक की शिक्षा पूरी की, जहां उन्हें 'शास्त्री' की उपाधि दी गई। इस उपाधि ने उनके नाम के साथ ऐसा जुड़ाव बना दिया कि वे हमेशा के लिए लाल बहादुर शास्त्री के नाम से प्रसिद्ध हो गए।
शास्त्री जी महात्मा गांधी से प्रेरित होकर स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए। उन्होंने असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, और भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और कई बार जेल भी गए। शास्त्री जी का मानना था कि भारत की स्वतंत्रता तभी सार्थक होगी जब देश के हर व्यक्ति को समान अवसर मिलेंगे और गरीबी का उन्मूलन होगा।
लाल बहादुर शास्त्री 1964 में भारत के प्रधानमंत्री बने। उनका प्रधानमंत्री कार्यकाल भले ही छोटा था, लेकिन वह भारतीय राजनीति में बेहद महत्वपूर्ण रहा। शास्त्री जी ने 'जय जवान, जय किसान' का नारा दिया, जो देश की कृषि और सेना के महत्व को दर्शाता है। उनके नेतृत्व में 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान को हराया। इस युद्ध में उन्होंने अपनी दृढ़ता और साहस का परिचय दिया।
शास्त्री जी अपनी सादगी और ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध थे। वे हमेशा आम लोगों के हित के बारे में सोचते थे। वे कभी भी अपनी निजी संपत्ति के पीछे नहीं भागे। प्रधानमंत्री रहते हुए भी वे सामान्य जीवन जीते रहे और देशवासियों को सादगी का संदेश दिया। शास्त्री जी का जीवन आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।
10 जनवरी 1966 को ताशकंद समझौते के बाद लाल बहादुर शास्त्री का रहस्यमय परिस्थितियों में निधन हो गया। उनका यह निधन आज भी एक रहस्य बना हुआ है। हालांकि उनका जीवन और उनके द्वारा दिया गया 'जय जवान, जय किसान' का नारा आज भी हमारे दिलों में जीवित है।