Chief Minister of India: देश के दो प्रमुख राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। जी हां, हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र और झारखंड की। अब कुछ ही समय के अंदर महाराष्ट्र और झारखंड में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर दी जायेगी। मुख्यमंत्री का चुनाव राज्य के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसलिए मुख्यमंत्री चुनाव प्रक्रिया अहम होती है। भारत में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री या सीएम का चयन किया जाता है।
विधानसभा चुनावों में जब किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत प्राप्त होता है, तो उस पार्टी के विधायक दल की बैठक बुलाई जाती है। इस बैठक में पार्टी के निर्वाचित विधायक अपने दल के नेता का चयन करते हैं। इस विधायक दल के चुनाव में चुना गया नेता मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार होता है। इसके बाद पार्टी द्वारा राज्यपाल के समक्ष अपने दल से चुने गये नेता को सीएम बनाने का दावा प्रस्तुत किया जाता है। इस प्रक्रिया में आगे राज्यपाल द्वारा उस व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाती है।
किसी राजनीतिक पार्टी के लिए पूर्ण बहुमत प्राप्त करना क्या होता है?
चुनाव बेहद रोचक लेकिन जटिल प्रक्रिया होती है। यहां किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत प्राप्त होने का मतलब होता है कि विधानसभा में कुल सीटों का आधे से उससे अधिक सीटें जीतना। अर्थात इससे यह सुनिश्चित होता है कि सरकार स्थिर होगी और उसे विपक्ष की सहायता की जरूरत नहीं होगी। सरल शब्दों में कहें तो जिस पार्टी ने मतदान प्रक्रिया में सबसे अधिक वोट जीते हैं और जिस पार्टी के सबसे ज्यादा विधायकों ने विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की है, उस पार्टी को पूर्ण बहुमत मिल जाती है।
मुख्यमंत्री बनने की योग्यता क्या होनी चाहिये?
मुख्यमंत्री बनने के लिए निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिये।
आयु सीमा: मुख्यमंत्री बनने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 25 वर्ष होनी चाहिए। यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 173 के तहत निर्धारित है।
राष्ट्रीयता: भारतीय संविधान के अनुसार किसी राज्य में मुख्यमंत्री बनने के लिए उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिये।
विधानसभा का सदस्य होना आवश्यक: मुख्यमंत्री बनने वाला व्यक्ति राज्य की विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य होना चाहिये। यदि मुख्यमंत्री बनने वाला व्यक्ति विधायक नहीं है, तो उसे शपथ ग्रहण के 6 महीने के भीतर विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना अनिवार्य होता है। अगर वह सदस्य नहीं बन पाता है, तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना होता है।
मुख्यमंत्री की शैक्षणिक योग्यता क्या होनी चाहिये?
भारतीय संविधान में मुख्यमंत्री बनने के लिए कोई विशेष शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य नहीं है। यह प्रमुख रूप से पार्टी के अंदर नेतृत्व क्षमता, अनुभव और राजनीतिक सूझबूझ पर आधारित होता है। हालांकि, कई मुख्यमंत्री उच्च शिक्षित होते हैं और कई ने प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की होती है। लेकिन यह कानूनन जरूरी नहीं है।
मुख्यमंत्री बनने के लिए उम्मीदवार को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिये। पार्टी के भीतर महत्वपूर्ण अनुभव होना भी एक प्रमुख कारक है। राजनीतिक दल आमतौर पर उन नेताओं को मुख्यमंत्री पद के लिए चुनते हैं, जिन्होंने पार्टी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो, चुनावी रणनीतियों को तय करने और उनका संचालन किया हो। इसके अलावा उम्मीदवार ने जनता के बीच प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई हो।
मुख्यमंत्री बनने की प्रक्रिया क्या होती है?
भारत में किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री का चुनाव भारतीय संविधान के अनुसार किया जाता है। जब किसी पार्टी को विधानसभा में पूर्ण बहुमत मिलता है, तो पार्टी के भीतर नेतृत्व का चुनाव होता है। यदि पहले से कोई मुख्यमंत्री पार्टी का नेतृत्व कर रहा होता है और उसने अपना कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया है, तो उसे दोबारा मुख्यमंत्री चुना जाता है। हालांकि यदि पार्टी में नए नेता की आवश्यकता होती है, तो विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से या मत के आधार पर नए मुख्यमंत्री का चुनाव किया जाता है।
मुख्यमंत्री बनने की प्रक्रिया इस प्रकार होती है:
विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी अपने विधायकों की बैठक बुलाती है। इसमें विधायक दल का नेता चुना जाता है। यही नेता मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार होता है।
विधायक दल का नेता राज्यपाल से मुलाकात करता है और सरकार बनाने का दावा पेश करता है। राज्यपाल यदि उसे विश्वासमत देने योग्य पाता है, तो उसे मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाती है।
राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री को शपथ दिलाई जाती है, जिसके बाद वह राज्य की सरकार का नेतृत्व संभालता है।
मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल का गठन करता है और मंत्रियों को विभागों का आवंटन करता है। मंत्रिमंडल के सदस्य भी राज्यपाल के सामने शपथ ग्रहण करते हैं।