डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन साइकोलॉजी 3 साल की अवधि का शोध आधारित फुल टाइम कोर्स है। ये कोर्स मुख्य रूप से नैदानिक मनोविज्ञान भाग पर केंद्रित है जो विभिन्न मनोवैज्ञानिक उपचारों और विधियों का पता लगाता है। पीएचडी इन साइकोलॉजी कोर्स एक अकादमिक अनुशासन के रूप में ध्यान, धारणा, समझ, भावनाओं, बुद्धि, व्यक्तित्व, रिश्ते, व्यवहार और यहां तक कि अवचेतन सहित अध्ययनों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करता है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन साइकोलॉजी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर साइकोलॉजी में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में साइकोलॉजी में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन साइकोलॉजी
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 2,000 से 1 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 1 से 12 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, एजुकेशनल साइकोलॉजिस्ट, इंडस्ट्रियल साइकोलॉजिस्ट, रिसर्च साइकोलॉजिस्ट, लेक्चरर, प्रोफेसर आदि।
• जॉब फिल्ड-कॉलेज, विश्वविद्यालय, स्वास्थ्य केंद्र, निजी क्लीनिक, अस्पताल, परामर्श कार्यालय आदि।
पीएचडी इन साइकोलॉजी: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास साइकोलॉजी से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन हिंदी में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी इन साइकोलॉजी: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इन साइकोलॉजी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी इन साइकोलॉजी के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी इन साइकोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन साइकोलॉजी के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, सीएसआईआर यूजीसी नेट फॉर जेआरएफ, गेट आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर साइकोलॉजी का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी इन साइकोलॉजी: सिलेबस
फर्स्ट ईयर
- एडवांस्ड साइकोपैथेलॉजी
- साइकोमेट्रिक असिस्टमेंट मैथेड
- प्रेक्टिकम
सेंकेड ईयर
- साइकोथैराप्योटिक मैथेड
- प्रेक्टिकम
- क्लिनिकल साइकोलॉजी
थर्ड ईयर
- क्लिनिकल साइकोलॉजी 1
- क्लिनिकल साइकोलॉजी 2
- इंटर्नशिप इन क्लिनिकल साइकोलॉजी
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी इन साइकोलॉजी: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- इलाहाबाद विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश- फीस 70,000
- एमिटी यूनिवर्सिटी ऑफ बिहेवियरल हेल्थ एंड एप्लाइड साइंस, नोएडा- फीस 55,000
- एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ- फीस 33,500
- अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश- फीस 24000
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी- फीस 1,00,000
- बनस्थली विश्वविद्यालय, राजस्थान- फीस 1,17,000
- भारत रत्न डॉ. बी.आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली- फीस 16,000
- भावनगर विश्वविद्यालय, गुजरात- फीस 22,000
- कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय, गुलबर्गा- फीस 19,000
- डॉ अन्नासाहेब जीडी बेंडेल महिला महाविद्यालय, महाराष्ट्र- फीस 25,000
- गुवाहाटी विश्वविद्यालय- फीस 31,850
- गोकुल दास हिंदू गर्ल्स कॉलेज, मुरादाबाद- फीस 80,000
- गवर्नमेंट कॉलेज फॉर विमेन, तिरुवनंतपुरम- फीस 2,90,000
- गुलबर्गा विश्वविद्यालय- फीस 3,960
पीएचडी इन साइकोलॉजी: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट- सैलरी 4 लाख
- सोशल साइकोलॉजिस्ट- सैलरी 3 लाख
- इंडस्ट्रीयल साइकोलॉजिस्ट- सैलरी 2 लाख
- एजुकेशनल साइकोलॉजिस्ट- सैलरी 3 लाख
- रिसर्च साइकोलॉजिस्ट- सैलरी 12 लाख
- प्रोफेसर- सैलरी 8 लाख