मास्टर ऑफ फिलॉसफी इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन 2 साल की अवधि का पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च स्तर का कोर्स है। एम.फिल इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन कोर्स इंटरनेट, टेलीविजन, रेडियो, समाचार पत्रों आदि जैसे विभिन्न जन संचार उपकरणों के उचित उपयोग के माध्यम से स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जनता को सूचना के क्षय पर गहन ज्ञान प्रदान करता है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको एम.फिल इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में एम.फिल करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में एम.फिल करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- मास्टर ऑफ फिलॉसफी इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 14,000 से 2 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 7 लाख तक
• जॉब फील्ड- प्रोडक्शन हाउस, फिल्म और टीवी उद्योग, प्रिंट जर्नलिज्म, पब्लिशिंग हाउस, स्क्रिप्ट राइटिंग, रेडियो / वीडियो प्रेजेंटेशन, होस्टिंग / प्रेजेंटेशन आदि।
• जॉब प्रोफाइल- ऑल इंडिया रेडियो, टाइम्स ऑफ इंडिया, ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइज, इंडिया टुडे आदि।
एम.फिल जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
• एम.फिल इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
एम.फिल जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में एम.फिल जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
एम.फिल जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार एम.फिल जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि एम.फिल जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, डीयूईटी, एएमयू एंट्रेंस टेस्ट, एयूसीईटी जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें एम.फिल जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
एम.फिल जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन: सिलेबस
फर्स्ट ईयर
- एडवांस्ड रिसर्च मेथड
- मीडिया स्टडी
- डेटा कलेक्शन मेथड
- रिपोर्ट
- रिसर्च वर्क
- प्रैक्टिकल
सेंकेड ईयर
- मार्केटिंग कम्यूनिकेशन
- पब्लिशिंग रिसर्च
- कंटेंट एनालिसिस
- मास ऑडियंस
- डिसर्टेशन
- वाइवा-वोक एंड प्रेसेंटेशन
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि मास्टर पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
एम.फिल जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़- फीस 9,350
- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय- फीस 25,170
- आंध्र विश्वविद्यालय, विजाग- फीस 15,000
- एमडीयू, रोहतक- फीस 2,200
- उड़ीसा के केंद्रीय विश्वविद्यालय, कोरापुट- फीस 5,500
- गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद- फीस 12,000
- कुवेम्पु विश्वविद्यालय, शिमोगा- फीस 17,775
- मदुरै कामराज विश्वविद्यालय, मदुरै- फीस 5,562
- निम्स विश्वविद्यालय, जयपुर- फीस 30,400
- मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई- फीस 5,500
एम.फिल जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- वीडियो जॉकी- सैलरी 3.50 लाख
- स्क्रीप्ट राइटर- सैलरी 4 लाख
- एडिटर- सैलरी 3.60 लाख
- कंटेंट डेवलेपर- सैलरी 3.22 लाख
- कॉलमनिस्ट- सैलरी 4.16 लाख