डॉक्टर आफ फिलॉसफी इन संस्कृत एक शोध आधारित डॉक्टरेट स्तर का कोर्स है। पीएचडी इन संस्कृत 3 साल की अवधि का कोर्स है जो संस्कृत भाषा और साहित्य के अनुसंधान स्तर को मौखिक और लिखित दोनों प्रकार से सीखने के लिए समर्पित है। इस कोर्स को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है जो भाषाई कौशल को निखारता है और गहराई से संस्कृत भाषा की कुशल समझ विकसित करता है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन संस्कृत से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर संस्कृत में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में संस्कृत में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन संस्कृत
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 1,000 से 2,00,000 तक
• अवरेज सैलरी- 3 से 10 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- अनुवादक, अनुसंधान सहयोगी, शिक्षक, दुभाषिया, पीआरओ, लेखक, भाषा विशेषज्ञ उपन्यासकार, शोधकर्ता, संपादक आदि।
• जॉब फील्ड- टाइपिंग कार्यालय, कॉलेज और विश्वविद्यालय, कोचिंग सेंटर, डाटा एंट्री कार्यालय आदि।
पीएचडी इन संस्कृत: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास संस्कृत से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन संस्कृत में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 50% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी इन संस्कृत: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इन संस्कृत कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी इन संस्कृत के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी इन संस्कृत में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन संस्कृत के लिए एडमिशन प्रोसेस सीएसआईआर नेट, गेट जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर संस्कृत का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी इन संस्कृत: सिलेबस
फर्स्ट ईयर
- अनुसंधान की मूल बातें
- अनुसंधान तकनीक और कार्यप्रणाली
- प्रलेखन
- पाण्डुलिपिविज्ञान
सेकेंड ईयर
- भाषा सीखना
- संस्कृत भाषा का विकास
- दस्तावेज़ीकरण कौशल
- कंप्यूटर कौशल
थर्ड ईयर
- वैदिक संस्कृति और साहित्य
- वेदांग साहित्य
- पुराण साहित्य
- महाभारत:
- संस्कृत साहित्य का इतिहास
- साहित्यिक ग्रंथ
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी इन संस्कृत: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- दिल्ली विश्वविद्यालय- फीस 10,000
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी- फीस 3,420
- इलाहाबाद विश्वविद्यालय- फीस 1,000
- असम विश्वविद्यालय- फीस 56,000
- अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल- फीस 50,000
- बनस्थली विश्वविद्यालय राजस्थान- फीस 15,500
- देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर- फीस 37,500
- डॉ बी आर अम्बेडकर विश्वविद्यालय, राजस्थान- फीस 1,700
- गुवाहाटी विश्वविद्यालय- फीस 31,800
- जीडी मोदी आर्ट्स कॉलेज, गुजरात- फीस 52,000
- गोकुल दास हिंदू गर्ल्स कॉलेज, मुरादाबाद- फीस 2,800
- गुलबर्गा विश्वविद्यालय- फीस 62,000
- हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला- फीस 2,700
- जैन विश्वविद्यालय, बैंगलोर- फीस 1,20,000
- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय- फीस 36,100
- मगध विश्वविद्यालय, बिहार- फीस 8,500
- महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, राजस्थान- फीस 90,000
- महाराजा कॉलेज, कोच्चि- फीस 28,900
- महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक- फीस 33,500
- मेरठ कॉलेज- फीस 8,700
- पांडिचेरी विश्वविद्यालय- फीस 67,170
- त्रिपुरा विश्वविद्यालय- फीस 10,000
- मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई- फीस 5,500
पीएचडी इन फिलॉसफी: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- नोवलिस्ट- सैलरी 5 लाख
- ट्रांस्लेटर- सैलरी 4 लाख
- लेक्चरर- सैलरी 4 लाख
- रिसर्चर- सैलरी 7 लाख
- एडिटर- सैलरी 4 लाख