डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन पॉलिटिकल साइंस एक शोध आधारित डॉक्टरेट स्तर का कोर्स है। ये कोर्स फुल टाइम और पार्ट टाइम दोनों मोड किया जा सकता है जिसमें की फुल टाइम कोर्स की अवधि 3 साल है जबकि पार्ट टाइम कोर्स की अवधि लगभग 5 साल है। पीएचडी इन पॉलिटिकल साइंस कोर्स भारत में शासन, सामुदायिक अधिकारिता, अर्थव्यवस्था, विकेंद्रीकरण और विकास के संदर्भ में भारतीय राजनीति और अन्य संबंधित देशों के राजनीतिक ठिकाने के विस्तृत ज्ञान की मांग करता है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन पॉलिटिकल साइंस से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर पॉलिटिकल साइंस में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में पॉलिटिकल साइंस में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन पॉलिटिकल साइंस
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- फुल टाइम के साथ 3 साल, पार्ट टाइम के साथ 5 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- लगभग 2 लाख
• अवरेज सैलरी- लगभग 10 लाख
• जॉब प्रोफाइल- राजनीतिक वैज्ञानिक, प्रोफेसर, सर्वेक्षण शोधकर्ता, सलाहकार, बाजार प्रवृत्ति अनुसंधान विश्लेषक, जनसंपर्क विशेषज्ञ, राजनीतिक अनुसंधान सहयोगी आदि।
• जॉब फिल्ड-शिक्षा संस्थान, लेखा, मीडिया, मनोरंजन, सिविल सेवा, राजनीतिक फर्म, सरकारी क्षेत्र, बैंकिंग, सार्वजनिक उपयोगिताएं, आदि।
पीएचडी इन पॉलिटिकल साइंस: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास पॉलिटिकल साइंस से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन हिंदी में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी इन पॉलिटिकल साइंस: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इन पॉलिटिकल साइंस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी इन पॉलिटिकल साइंस के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी इन पॉलिटिकल साइंस में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन पॉलिटिकल साइंस के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, सीएसआईआर यूजीसी नेट फॉर जेआरएफ, एनबीएचएम प्रवेश परिक्षा आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर पॉलिटिकल साइंस का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी इन पॉलिटिकल साइंस: सिलेबस
कोर्स 1- अनुसंधान पद्धति
- राजनीति विज्ञान अनुसंधान की नींव, दृष्टिकोण और ज्ञानमीमांसा
- सर्वेक्षण अनुसंधान के तरीके
- सांख्यिकी और डेटा संग्रह
- अनुसन्धान रेखा - चित्र
कोर्स 2- दक्षिण एशिया में राज्य और राजनीति
- दक्षिण एशिया को प्रासंगिक बनाना
- लंबे विवाद, मानव सुरक्षा और पर्यावरण संबंधी मुद्दे
- राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियां
- दक्षिण एशियाई देशों की विदेश नीतियां और क्षेत्रीय सहयोग पहल
कोर्स 3- भारत में शासन और राजनीति
- भारतीय राजनीतिक व्यवस्था के दृष्टिकोण और परिप्रेक्ष्य
- भारत में पार्टी सिस्टम
- अल्पसंख्यकों और वंचित समूहों के लिए संरक्षण
- संरचनात्मक चिंताएं
कोर्स 4- भारत में विकेंद्रीकरण और विकास
- भारत में विकेंद्रीकरण और विकास
- विकेंद्रीकरण और सामुदायिक अधिकारिता
- विकेंद्रीकरण, शासन और स्थानीय राजनीतिक संस्थाओं की संरचना
- भागीदारी और स्थानीय विकास
कोर्स 5- भारत और अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक अर्थव्यवस्था
- राजनीतिक अर्थव्यवस्था
- भारत में भूमि सुधार
- अंतर्राष्ट्रीय और बहुपक्षीय आर्थिक संस्थान और विकासशील देश
- सार्वजनिक नीति विश्लेषण
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी इन पॉलिटिकल साइंस: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) नई दिल्ली- फीस 1,381
- हैदराबाद विश्वविद्यालय [यूओएच]- फीस 9,940
- कलकत्ता विश्वविद्यालय
- जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) नई दिल्ली- फीस 13,870
- दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) नई दिल्ली- फीस 70,000
- डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय (बीएएमयू), औरंगाबाद- फीस 25,000
- असम विश्वविद्यालय, सिलचर- फीस 26,545
- अन्नामलाई विश्वविद्यालय [एयू] चिदंबरम- फीस 25,010
पीएचडी इन पॉलिटिकल साइंस: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- पॉलिटिकल साइंटिस्ट- सैलरी 6 लाख
- मार्केट ट्रेंड रिसर्च एनालिस्ट- सैलरी 4 लाख
- प्रोफेसर- सैलरी 10 लाख
- पब्लिक रिलेशन स्पेशलिस्ट- सैलरी 6 लाख
- सर्वे रिसर्च- सैलरी 5 लाख
- प्रोफेसर- सैलरी 5 लाख
- रिसर्च एनालिस्ट- सैलरी 4 लाख