इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में पीएचडी (PHD Electronics and Communication Engineering)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग 2 से 6 साल तक की अवधि का कोर्स है। पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग शोध आधारित डॉक्टरेट स्तर का कोर्स है जो कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सिस्टम, मशीन और दूरसंचार प्रणालियों के डिजाइन, निर्माण, स्थापना और संचालन से संबंधित है।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 2 से 6 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- मेरिट बेस्ड/ एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 60 हजार से 8 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 3 से 15 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर, फील्ड टेस्ट इंजीनियर, प्रोडक्ट लाइन इंजीनियर, कस्टमर सपोर्ट इंजीनियर आदि।
• जॉब फिल्ड- बॉश, अर्न्स्ट एंड यंग, इंफोसिस, क्वालकॉम, फाउरेशिया, द पीएसी ग्रुप, लुमीलोर इंडिया, सिग्निफाई आदि।

पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 60% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार पीएचडी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, सीएसआईआर यूजीसी नेट, गेट, सेट, स्लेट आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग: सिलेबस
पेपर 1

  • इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोग्रामिंग
  • पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रुमेंटेशन
  • डिजिटल सिस्टम
  • नेटवर्क थ्योरी
  • विद्युत चुम्बकीय तरंगें
  • डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग
  • सूचना सिद्धांत और कोडिंग
  • प्रबंधन और उद्यमिता विकास
  • कंप्यूटर संचार नेटवर्क
  • ऑप्टिकल फाइबर
  • वीएलएसआई लैब

पेपर 2

  • इंजीनियरिंग ग्राफिक्स
  • वेरिलोग एचडीएल
  • डिजाइन प्रयोगशाला सिग्नल और सिस्टम
  • एनालॉग, एचडीएल और कम्युनिकेशन लैब
  • डिजिटल संचार
  • एंबेडेड सिस्टम
  • माइक्रोप्रोसेसर
  • एंटेना और प्रचार
  • डिजिटल स्विचिंग सिस्टम
  • संचार वायरलेस संचार
  • थीसिस + सेमिनार

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • चंडीगढ़ विश्वविद्यालय- फीस 2.40 लाख
  • क्राइस्ट यूनिवर्सिटी- फीस 2 लाख
  • वीरमाता जीजाबाई प्रौद्योगिकी संस्थान- फीस 1.30 लाख
  • जयपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय- फीस 2 लाख
  • द्वारकादास जे. संघवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग- फीस 2.56 लाख
  • नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी संस्थान- फीस 2.20 लाख
  • पीईसी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय- फीस 73,000
  • इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी स्कूल, शारदा विश्वविद्यालय- फीस 1.80 लाख
  • लिंगया विश्वविद्यालय- फीस 1.95 लाख
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग, जबलपुर- फीस 1.05 लाख
  • राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मेघालय- फीस 90,000
  • आईआईआईटी हैदराबाद- फीस 240,000
  • जयपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय- फीस 210,000

पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • प्रोफेसर- सैलरी 3 लाख
  • इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन कंस्लटेंट- सैलरी 4 लाख
  • नेटवर्क प्लेनिंग इंजीनियर- सैलरी 5 लाख
  • इंस्ट्रयूमेंटेशन इंजीनियर- सैलरी 3.4 लाख
  • टेक्नीकल डायरेक्टर- सैलरी 3 लाख
  • फिल्ड टेस्ट इंजीनियर- सैलरी 4 लाख
  • सिनियर सेल्स मैनेजर- सैलरी 10 लाख
  • डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर- सैलरी 7 लाख

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD Electronics and Telecommunication)

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English summary
Doctor of Philosophy in Electronics and Communication Engineering is a course of 2 to 6 years duration. PhD in Electronics and Communication Engineering is a research-based doctoral level course that deals with the design, manufacture, installation and operation of electronic equipment, systems, machines and telecommunication systems.
--Or--
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