आर्कियोलॉजी में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD Archaeology)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन आर्कियोलॉजी तीन साल की अवधि का एक शोध आधारित डॉक्टरेट स्तर का कोर्स है। यह कोर्स उम्मीदवारों को पुरातत्व के क्षेत्र में अपना करियर बनाने में सक्षम बनाता है। पुरातत्व में पीएचडी की योजना सरकारी निकायों के साथ-साथ विभिन्न स्थानों और संबद्ध उद्यमों के पुरातत्व और प्राचीन इतिहास के क्षेत्र में संचालित करने के लिए आवश्यक अनिवार्य कौशल के साथ योग्य उम्मीदवारों को प्रस्तुत करने की योजना बनाई गई है।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन आर्कियोलॉजी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर आर्कियोलॉजी में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में आर्कियोलॉजी में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

आर्कियोलॉजी में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन आर्कियोलॉजी
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 6,000 से 70,000 तक
• अवरेज सैलरी- 4 से 8 लाख तक

पीएचडी इन आर्कियोलॉजी: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास आर्कियोलॉजी से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन आर्कियोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी इन आर्कियोलॉजी: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इन आर्कियोलॉजी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी इन आर्कियोलॉजी के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार पीएचडी इन आर्कियोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि पीएचडी इन आर्कियोलॉजी के लिए एडमिशन प्रोसेस बीएचयू आरईटी, डीयूईटी, सीयूईटी, आईपीयू सीईटी, एनपीएटी, एमयू एंट्रेंस एग्जाम, यूजीसी नेट जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर आर्कियोलॉजी का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

पीएचडी इन आर्कियोलॉजी: सिलेबस

वर्ष 1

  • इतिहास पद्धति में अनुसंधान का परिचय
  • पुरातत्व की मूल बातें
  • भारतीय प्राचीन इतिहास के स्रोत
  • डेटिंग के तरीके- रिलेटिव डेटिंग और एब्सोल्यूट डेटिंग
  • आधुनिक भारत का इतिहास लेखन

वर्ष 2

  • अनुसंधान में कंप्यूटर अनुप्रयोग
  • अनुसंधान में इंटरनेट का उपयोग
  • A.I.H.C और पुरातत्व अनुसंधान
  • अनुसंधान डिजाइन और नमूना डिजाइन
  • निबंध

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

पीएचडी इन आर्कियोलॉजी: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • लोयोला कॉलेज, चेन्नई- फीस 18,000
  • जनार्दन राय नगर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, उदयपुर- फीस 7,350
  • कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता- फीस 26,000
  • चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, चंडीगढ़- फीस 70,000
  • किरोड़ीमल कॉलेज, नई-दिल्ली- फीस 13,000
  • केरल विश्वविद्यालय, जयपुर- फीस 6,000
  • पंजाब विश्वविद्यालय, पटियाला- फीस 18,000
  • टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान, मुंबई- फीस 60,000
  • शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर- फीस 16,000
  • महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक- फीस 10,000

पीएचडी इन आर्कियोलॉजी: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • आर्कियोलॉजिस्ट फॉर गवर्मेंट- सैलरी 3 लाख
  • प्रोफेसर- सैलरी 6 लाख तक
  • डॉक्यूमेंटेशन स्पेशलिस्ट- सैलरी 5 लाख
  • प्लेनटॉलोजिस्ट- सैलरी 4 लाख
  • असिस्टेंट आर्कियोलॉजिस्ट- सैलरी 3 लाख

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English summary
Doctor of Philosophy in Archeology is a research based doctoral level course of three years duration. The PhD in Archeology is planned to furnish qualified candidates with the essential skills required to operate in the field of Archeology and Ancient History of various places and allied enterprises along with government bodies.
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