Education Budget 2020 India Highlights Live / भारत शिक्षा बजट 2020 हाइलाइट्स लाइव अपडेट: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में शिक्षा बजट 2020 के लिए 99, 300 करोड़ रुपए आवंटित किये। कौशल विकास के लिए 3 हजार करोड़ अलग से दिए गए। निर्मला सीतारमण का कहना है कि नई शिक्षा नीति जल्द ही घोषित की जाएगी। सरकार शिक्षा क्षेत्र के लिए अधिक ईसीबी और एफडीआई लाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मार्च 2021 तक 150 उच्च शिक्षण संस्थान शुरू हो जाएंगे। इन संस्थानों में स्किल्ड प्रशिक्षण दिया जाएगा। केंद्रीय बजट 2019 में शिक्षा बजट के लिए 94,853.64 करोड़ रुपए आवंटित किये गए थे। आइये जानते हैं बजट 2020 हाइलाइट्स...
Budget 2020 Live Updates
निर्मला सीतारमण का कहना है कि नई शिक्षा नीति जल्द ही घोषित की जाएगी। सरकार शिक्षा क्षेत्र के लिए अधिक ईसीबी और एफडीआई लाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मार्च 2021 तक 150 उच्च शिक्षण संस्थान शुरू हो जाएंगे। इन संस्थानों में स्किल्ड प्रशिक्षण दिया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार किसानों के लिए 16 सूत्रीय फॉर्मूले का ऐलान करती है, जिससे किसानों को फायदा पहुंचेगा। हमारी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कह कि केंद्र सरकार का ऋण घटकर अब 48.7 फीसदी पर आ गया है। इस बजट में तीन बिंदुओं पर फोकस किया जा रहा है- उम्मीदों का भारत, इकोनॉमिक डेवलेपमेंट और केयरिंग समाज।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' की नीति पर आगे बढ़ रही है।
भारत आज दुनिया में बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं की अगुवाई कर रहा है। 2014 से 2019 के बीच मोदी सरकार की नीतियों की वजह से 284 बिलियन डॉलर का FDI आया, जिसने कारोबार को बढ़ाया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारे लोगों के पास रोजगार होना चाहिए। यह बजट उनकी आय सुनिश्चित करने और उनकी क्रय शक्ति को बढ़ाने के लिए है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा कि है बजट देश की आकांक्षाओं का बजट है। इस साल का बजट पिछड़ों को ध्यान में रख कर बनाया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने सिफारिश की थी कि 2030 तक, सरकारी व्यय का 20% तक शिक्षा की ओर जाना चाहिए। हमें उम्मीद है कि इस वर्ष के शिक्षा बजट में एनईपी दिशानिर्देशों के अनुसार वर्तमान 10% से वृद्धि देखी जा सकती है।
जबकि एजुकेशन सेक्टर भारत की जीडीपी (India GDP) के 10 प्रतिशत तक शिक्षा क्षेत्र को निधि आवंटन की उम्मीद कर रहा था। अन्य विकसित देशों के शिक्षा स्तर के बराबर आने के लिए हमें उच्च शिक्षा के लिए बड़े बजट की जरूरत थी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब से कुछ ही घंटों में केंद्रीय बजट पेश करने जा रही हैं। शिक्षा क्षेत्र उसे आशंका की दृष्टि से देख रहा है, विशेष रूप से आर्थिक सर्वेक्षण के बाद केंद्र और राज्यों द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य सामाजिक सेवाओं पर खर्च जीडीपी के एक हिस्से के रूप में 2014 में 6.2 प्रतिशत से अधिक हो गया।
शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने मोदी सरकार से उम्मीदें लगाई हुईं हैं कि इस बार शिक्षा बजट 2020 सकल घरेलू उत्पाद का 10 प्रतिशत तक हो जाएगा। इसके अलावा, जीएसटी को तर्कसंगत बनाने और शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता क्षेत्र के तहत ऋण देने आदि के अलावा कुछ और मांगें हैं, जो आज निर्मला सीतारमण द्वारा बजट 2020 की तालिका में किए जाने की उम्मीद है।
पीएचडी चैंबर के अध्यक्ष डॉ. डीके अग्रवाल ने शिक्षा क्षेत्र को बजट आवंटन में वृद्धि के लिए कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि केंद्र और राज्यों द्वारा सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात के रूप में सामाजिक सेवाओं (स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य) पर खर्च में वृद्धि हुई है। आगे जाकर हम 2022 तक स्वास्थ्य और शिक्षा के खर्च में जीडीपी के 10 फीसदी के स्तर पर और बढ़ोतरी की उम्मीद करते हैं।
आगामी केंद्रीय बजट 2020 से अपनी उम्मीदों को साझा करते हुए, रुस्तम केरावला, एडुप्रीनूर और चेयरमैन, एम्परसैंड ग्रुप ने कहा कि हमें उम्मीद है कि वित्त मंत्री केंद्रीय बजट 2020 में दो महत्वपूर्ण बदलावों पर विचार करेंगी। सबसे पहला है स्कूल फीस और जीएसटी लागू करना। वर्तमान शासन में, विभिन्न सामग्रियों और सेवाओं की खरीद पर जीएसटी में छूट होनी चाहिए। सेवाओं को प्राथमिकता वाले क्षेत्र के ऋण की परिभाषा के तहत वर्गीकृत किया गया है। यह परिवर्तन भारत में कृषि, एमएसएमई और अन्य के अनुरूप शिक्षा क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए कम ब्याज दरों, लंबे समय तक ऋण और अन्य लाभों के लिए आवश्यक पहुंच को सक्षम करेगा।