भारत की वित्तीय वर्ष की शुरुआत के लिए क्या प्लानिंग और इसमें किस सेक्टर को क्या बजट पेश किया जा रहा है। 1 फरवरी 2023 यानी की आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कई योजनाओं को लेकर बजट की पेशकश की गई है। ये बजट अमृत काल का पहला बजट है। जो और भी खास इसलिए है क्योंकि इस साल भारत जी 20 की अध्यक्षता भी कर रहा है। बजट के पहले ही दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मत्सय पालन के बजट का ऐलान किया। जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मत्सय संपदा योजना की उप योजनाओं को बनाने की बात की और इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इस साल किए जाने वाले वित्त निवेश के बारे में बताया।
आज, 1 फरवरी 2023 को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट के भाग की शुरुआत की जा चुकी है। संसद के दोनों सत्रों के सामने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किया गया है। जिसमें पूरानी योजनाओं को मजबूत बनाने के लिए और से लाभांवितों को अधिक लाभ पहुंचाने के अगामी वर्ष का बजट पेश किया गया है। इसमें गोवर्धन योजना को लेकर भी बड़ा ऐलान किया गया है और इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए वित्तीय निवेश के बारे में बताया गया है।
गोवर्धन योजना क्या है?
गोवर्धन योजना जिसका पूरा नाम गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज योजना है। भारत के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा गोवर्धन योजना का एक पोर्टल शुरू किया गया है। जिसमें के माध्यम से कृषि करने वाले किसानों को लाभ प्राप्त होता है। इस पोर्टल की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी। जिसके माध्यम से 5 साल में किसानों को 1 लाख करोड़ रुपय तक कमाने का मौका प्राप्त होता है। कृषि क्षेत्र और उसमें कार्य करने वाले किसानों के विकास के साथ भारती अर्थव्यवस्था को अधिक बढ़ावा देने के लिए इसकी पहल की गई है। भारत का 60 से 70 प्रतिशत भाग आज भी कृषि क्षेत्र से लोगों की अजीविका चल रही है। इसमें जल शक्ति मंत्रालय और स्वच्छता विभाग द्वारा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण-चरण 2 के माध्यम से गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक जैव-कृषि संसाधन धन योजना को लागू किया गया है।
गोवर्धन योजना के फायदें
इस योजना के माध्यम से करीब 300 मिलियन टन गोबर का दैनिक उत्पादन किया जाता है। इस योजना से लोगों को गोबर और अन्य कचरें के प्रति जागरूक किया जा रहा है और बताया जा रहा है कि किस प्रकार इन सबको लोग आमदनी के जरिया बना सकते हैं। साथ ही इसके माध्यम से गांवों, फसलों की पैदावार और पशुओं के स्वास्थ में सुधार किया जा रहा है। ये योजना न केवल कृषि करने वाले किसानों और पशुपालन करने वालों की फायदा नहीं पहुंचा रही बल्कि इसके माध्य्म से तेल कंपनियों को स्थिर ईंधन की अपूर्ति में भी सहायता करता है।
संक्षिप में बात करें तो इस योजना का कार्य गाय के गोबर को आय आर्जन के लिए उपयोग का स्रोत बनाना है और समुदाय में स्वच्छा को भी बनाए रखना है।
इसकी मुख्य चुनौतियों के बारे में बात करें तो बायोगैस के संयंत्रों तक पशु अपशिष्ट का संग्रह कर नियमित रूप से इसकी अपूर्ति को बनाए रखना है। जिसकि दिशा में भारत सरकार कार्य कर रही है।
गोवर्धन योजना का बजट 2023-24
गोबरधन योजना के तहत जैविक कचरे के सुरक्षित प्रबंधन के लिए सरकार ने 500 से नए अवशिष्ट आमदनी संयत्रों से चक्रिय अर्थव्यवस्ता से बढ़ना देने की शुरुआत की बात की है। जिसमें 200 कंप्रेस बायो संयत्र शामिल है। इसके अलावा 75 शहरी और 300 समुदाय आधारित संयंत्र है। जिसके लिए 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।