भारत की वित्तीय वर्ष की शुरुआत के लिए क्या प्लानिंग और इसमें किस सेक्टर को क्या बजट पेश किया जा रहा है। 1 फरवरी 2023 यानी की आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कई योजनाओं को लेकर बजट की पेशकश की गई है। ये बजट अमृत काल का पहला बजट है। जो और भी खास इसलिए है क्योंकि इस साल भारत जी 20 की अध्यक्षता भी कर रहा है। बजट के पहले ही दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मत्सय पालन के बजट का ऐलान किया। जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मत्सय संपदा योजना की उप योजनाओं को बनाने की बात की और इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इस साल किए जाने वाले वित्त निवेश के बारे में बताया।
प्रधानमंत्री मत्सय संपदा क्या है
मछली श्रमिक और मछली किसानों की लिए मत्स्य विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा एक योजना का निर्माण किया गया। जिसे प्रधानमंत्री मत्सय संपदा योजना कहा गया। इस योजना के माध्यम से मत्सय पालने के क्षेत्र में योगदान देना मुख्य उद्देश्य था। इस योजना की शुरुआत प्रभावी रूप से वर्ष 2020-21 में की गई। जिसमें मछुआरें, मछली पालन करने वाल श्रमिक और मछली किसान के लिए बीमा कवरज को भी शामिल किया गया है।
बीमा योजना - आकास्मि मृत्यु या स्थायी पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 5,00,000 रुपये, स्थायी आंशिक विकलांगता की स्थिति में 2,50,000 रुपये और किसी दुर्घटना के कारण से अस्पताल में भर्ती की स्थिति में हुए खर्चे के लिए 25,000 रुपये की राशी प्रदान कि जाती है।
इस बीमा योजना के माध्यम से मत्सय क्षेत्र में शामिल मछुआरों, मछली श्रमिकों, मछली किसानों और मछली पकड़ने और मत्स्य पालन करने वालों की बीमा आवश्यकता को पूरा करती है और उन्हें स्वास्थय सुरक्षा प्रदान करती है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मत्सय संपदा योजना की घोषणा वर्ष 2019 में की गई थी। इस योजना की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 5 जुलाई 2019 में वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट की पेश करते हुए की गई थी। इसके माध्यम से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा भी दिया जा रहा है और साथ ही अर्थव्यवस्था में योगादान देने वाला मछली श्रमिको भी लाभ प्रदान किए जा रहें है।
बजट 2023
बजट के दौरन कृषि क्षेत्र को बड़ा निवेश प्राप्त हुआ। पिछले साल की तुलना में वर्ष 2023-23 के बजट में कृषि क्षेत्र पर अधिक जोर देने के लिए पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन जैसे उद्योगों के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाने का ऐलान किया गया और इसे बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा की।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करते हुए भारत की वित्त मंत्री निरमला सीतारमण द्वारा मत्सय पालन को अधिक बढ़ावा देने के लिए पीएम मत्स्य संपदा योजना के लिए 6,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। पीएम मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से मछुआरो, मछली विक्रेता, मूल्य श्रृंखला में सुधार, छोटे उद्योगों को और सझम बनाने के लिए और बजार में विस्तार करने के लिए एक नई उप योजना शुरु की जाएगी।
प्रधानमंत्री मत्सय संपदा योजना में मत्यस पालन के क्षेत्र में योगदान देने और उसे बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक में राज्यों /केंद्र शासित प्रदेशों में इसके कार्यान्वयन के लिए 20,050 करोड़ रुपये, आत्मनिर्भर भारत पैकेज के एक हिस्से के रूप में निवेश करना है और साथ ही साथ 68 लाख रोजगार का सृजर भी करना है।