वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहला भाग की शुरुआत आज 1 फरवरी को हो चुकी है। संसद के दोनों सत्रों के संयुक्त सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किया जा रहा है। इसमें नए विश्वविद्यालयों के लेकर बजट भी जारी किया जाना है। शिक्षा भारत के लिए एक महत्वपूर्ण सेक्टर है। देश की अर्थव्यस्था को मजबूत करने के लिए शिक्षा को महत्वपूर्ण माना जा है। कोरोना काल के लंबे समय बाद वर्ष 2023-24 के बजट से लोगों की उम्मीदें बढ़ गई है।
भारत सरकार उद्देश्य भारत को 5 ट्रिलियन की अर्थव्यस्था बनाना है इसलिए इसके लिए शिक्षा को महत्व और अधिक दिया जाता है। साथ ही साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीती को ध्यान में रखते हुए, शिक्षा की गुणवत्ता और अधिक से अधिक लोगों तक शिक्षा की पहुंच को बढ़ाने के लिए नए विश्वविद्यालयों की स्थापना की योजना भी शामिल की गई है। जिसमें डिजिटल विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए कार्य किया जा रहा है ताकि डिजिटल शिक्षा को और बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि इसकी पहुंच ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाई जा सकें।
नए विश्वविद्यालयों के लिए बजट 2023
अगामी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट प्रदान करते हुए शिक्षा को और कौशन को बढ़वा देते हुए कई नए संस्थानों और कॉलेजों की स्थापना को लेकर बड़ा ऐलान किया गया है, जो इस प्रकार है -
- शिक्षा को अधिक बढ़वा देते हुए डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी ताकि शिक्षा कि गुणवत्ता को बढ़ावा दिया जा सकें।
- वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश करते हुए नए कॉलजों की स्थापना का ऐलान किया गया। जिसमें 157 सह स्थापित मेडिक कॉलेजों (2014 में स्थापित) के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की जाएगी।
- इंजीनियरिंग कॉलेजों में 5जी की 100 लैबों की स्थापना की जाएगी।
- अंतर्राष्ट्रीय अवसरो को प्राप्त करने में युवाओं की सहायता के लिए भारत के विभिन्न राज्यों में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी।
- लैब में हिरों के विकास को लेकर आईआईटी को रिसर्च और डेवलपमेंट ग्रांट प्रदान की जाएगी।
- बच्चों और किशोरों के लिए एक राष्ट्रीय डिजिट लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी। जिसमें भाषाओं, भौगोलिक, शैलियों और स्तरों के साथ-साथ डिवाइस-एग्रॉस्टिक एक्सेसिबिलिटी में पुस्तके उपवब्ध करवाई जाएंगी।
- एकलव्य स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इसमें 3 लाख से अधिक आदिवासी छात्रों के लिए 740 एकलव्य स्कूलों के लिए सह कर्चमचारि और 38,800 शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
- रिसर्च और कोलेबोरेशन के लिए प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों और प्राइवेट सेक्टर के आर एंड डी टीमों द्वारा रिसर्च के लिए आईसीएमआर द्वारा चुनिंदा लैबों की सुविधा प्रदान की जाएगी।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर
शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटलाइजेशन में तेजी करोना के दौरान हुई जिसमें पूरे भारत में ऑनलाइन शिक्षा की शुरुआत हुई और बच्चों ने घर पर रह कर ना केवल अपने संवंधित विषय में बल्कि नए कौशल को सीखने की शुरुआत भी ऑनलाइन माध्यमों से की इसको लेकर और शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए नए डिजिटल विश्वविद्यालयों की स्थापना को लेकर बजट भी जारी किया जा रहा है।
लीड के कोफाउंडर और सीईओ सुमीत मेहता डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में कहते हैं कि - एनईपी के अनुसार, सरकार को मल्टीमॉडल लर्निंग को बढ़ावा देने की जरूरत है ताकि सभी छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाले संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें, भले ही उनका स्थान या पृष्ठभूमि कुछ भी हो।
एडटेक
कोरोना के दौरान लोगों ने की तरह के कौशलों पर कार्य किया है। ऐसे में डिजिटल स्किल डेवलपमेंट में वृद्धि के को देखा गया है जहां बच्चों के साथ बड़ों ने भी स्किल डवेलपमेंट प्रोग्राम में हिस्सा लिया है। जो आगे आपके करियर के लिए लाभकारी साबित होता है। ए़डटेक में कर सब्सिडी को कम करने से ये सबसे के लिए किफायती कार्यक्रमों को रोलआउट करने के लिए लाभकारी होगी।
आईस्कूलकनेक्ट के संस्थापक और सीईओ आशीष फर्नांडो ने एडटेक के बारे में बात करते हुए कहा कि - एडटेक सेक्टर में शिक्षा का लोकतंत्रीकरण करने की जबरदस्त क्षमता है, फिर भी इसका उच्च टैक्स ब्रैकेट एक बाधा के रूप में कार्य करता है। एडटेक उत्पादों और सेवाओं पर जीएसटी स्लैब को 18% से घटाकर 5-12% करने से इस अंतर को पाटने में मदद मिलेगी।