International Literacy Day Essay in Hindi: विश्व साक्षरता दिवस प्रतिवर्ष 8 सितंबर को मनाया जाता है। साक्षरता का महत्व लोगों को समझाने के लिए ये दिवस मनाया जाता है। साक्षरता कौ शिक्षा के मूल्यों को समझाने के लिए इस दिवस की शुरुआत की गई थी। इस दिवस को मनाना की घोषणा 1966 में की गई थी उसके बाद से इस दिवस लगातार मनाया जा रहा है।
विश्व में आज भी लाखों को लोग है जो अशिक्षित है और इस कारण उन्हें जीवन में कई कठिनाई को सामना करना पड़ता है। आने वाले भविष्य में अशिक्षित होना किसी के लिए पीछे रहने का कारण न बने इसलिए विश्व साक्षरता दिवस मनाता है और लोगों को शिक्षा के उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का प्रयास करता है।
विश्व साक्षरता दिवस 2023 के इस अवसर पर आइए आपको शॉर्ट निबंध, 200 शब्द, 300 शब्द और 500 शब्द का निबंध कैसे लिख सकते हैं उसके बारे में बताएं। लेख में दिए गए सैंपल निबंध में आप अपने अनुसार आवश्यक बदलाव भी कर सकते हैं।
शॉर्ट निबंध
विश्व साक्षरता दिवस की घोषणा 26 अक्टूबर 1966 में की गई थी। दिवस की घोषणा यूनेस्को द्वारा की गई थी। उस दौरान इस दिवस को मनाए जाने के लिए 8 सितंबर की तिथि का चुनाव किया गया था। दुनिया के सभी निरक्षर लोगों को शिक्षित बनाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। इस दिवस के माध्यम से लोगों को शिक्षा के महत्व के बारे में समझाया जाता है। ये दिवस सरकार और नागरिक समाजों को उनके सुधारों को उजागर करने के लिए एक अवसर प्रदान करता है। साक्षरता का अर्थ "पढ़ने लिखने की क्षमता" से है। विकास के लिए साक्षरता अनिवार्य है। जिन देशों में साक्षरता कम है वह देश आर्थिक रूप से विफलता का सामना कर रहे हैं। देश की प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए निवासियों का शिक्षित होना अनिवार्य है।
200 शब्दों का साक्षरता दिवस निबंध
विश्व साक्षरता दिवस प्रतिवर्ष 8 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाए जाने की घोषणा यूनेस्को द्वारा 26 अक्टूबर 1966 में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को शिक्षित करना है और उन्हें शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करना है। भारत की बात करें तो एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत की है। भारत में सबसे अधिक साक्षरता वाले राज्यों में पहले स्थान पर केरल है और दूसरे स्थान पर दिल्ली वहीं तीसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश राज्य है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यदि बात करें तो विश्व में 776 मिलियन लोग शिक्षित है वहीं 773 मिलियन लोग ऐसे भी है जो निरक्षर हैं। शिक्षित लोगों की संख्या को बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें से एक साक्षरता दिवस के माध्यम से लोगों को जागरूक बनाना है।
लोगों की शिक्षा की अनिवार्यता समझाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। शिक्षा की कमी के कारण लोगों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और कई बार अपमानित भी होना पड़ता है। आने वाले भविष्य में इन कठिनाइयों का आपको सामना ना करना पड़े उसके लिए आपको शिक्षित होना जरूरी है। ये दिवस जानकारी हासिल करने और देने के शिक्षा के महत्व को समझाता है। सभी देशों की सरकारें साक्षरता के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए कार्यक्रम और अभियान का आयोजन भी करती हैं। यहां तक की स्कूलों में निबंध प्रतियोगिता, क्विज प्रतियोगिता और भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। इस प्रकार प्रतिवर्ष साक्षरता दिवस को मनाया जाता है।
500 शब्द का साक्षरता दिवस निबंध
साक्षरता प्रत्येक व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। लोगों को साक्षरता के महत्व को समझाने के लिए ही अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाए जाने की घोषणा यूनेस्को द्वारा 28 अक्टूबर 1966 में की गई थी। उसके बाद से प्रतिवर्ष 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। साक्षरता का अर्थ है पढ़ने लिखने की क्षमता जो आज के समय में सभी व्यक्तियों में होनी आवश्यक है। लेकिन विश्व में आज भी 773 मिलियन लोग है जो अभी भी अशिक्षित है। इन सभी लोगों को शिक्षा का महत्व समझाना बहुत आवश्यक है। कोई भी देश तभी प्रगति कर पाता है, जब उस देश के निवासी शिक्षित हो। देश की साक्षरता प्रतिशत देश की प्रगति गति को उसके अनुसार बी बढ़ता है। भारत में साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत है। आज भी देश में 22.3 प्रतिशत लोग है जो अशिक्षत है। उन्हें भी शिक्षा देने के लिए और शिक्षा के प्रति उनमें जागरूकता पैदा करने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। भारत के सबसे अधिक साक्षरता वाले राज्यों में पहले स्थान पर केरल है तो दूसरे स्थान पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली। वहीं तीसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश है।
साक्षरता दर में कमी के कारण आज भी कई देश ऐसे हैं जो किसी अन्य देश की गुलामी झेल रहे हैं और अपने विकास आदि के लिए किसी और देश पर निर्भर करते हैं। आज का समय ऐसा है की जो माता-पिता शिक्षित है वो तो अपने बच्चे की शिक्षा पर ध्यान दे रहे हैं लेकिन जो माता-पिता अशिक्षित है भी इस मामले में पीछे नहीं है। अशिक्षित होने के कारण चुनौतियों से भरा जीवन देख वह अपने बच्चों की शिक्षा पर पूरा ध्यान दे रहे हैं और प्रयास कर रहे हैं कि जिन परेशानियों में वह रहे हैं उनके आने वाली पीढ़ी को वो देखना न पड़े। पूरे विश्व को शिक्षित बनाने के लिए सभी को अपने स्तर पर काम करने के आवश्यकता है क्योंकि बदलाव की शुरुआत घर से होती है।
साक्षरता से ना केवल कोई एक व्यक्ति बल्कि पूरा परिवार उन्नति की दिशा में आगे बढ़ता है। घर के एक व्यक्ति का शिक्षित होना पूरे परिवार को शिक्षा का महत्व सिखाता है। शिक्षित व्यक्ति के पास समाज सुधारने की महत्वपूर्ण शक्ति होती है। इसलिए सभी का शिक्षित होना समाज के लिए आवश्यक है।
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