डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन वेटरनरी पैरासिटोलॉजी 3 साल की अवधि का डेक्टरेट लेवल का कोर्स है। जिन उम्मीदवारों की पैरासाइट यानि की परजीवियों के सैंपल और रासायनिक संरचना के आधार पर रिसर्च और अध्ययन में रुचि है, वे इस कोर्स को करने का विकल्प चुन सकते हैं। पीएचडी वेटरनरी पैरासिटोलॉजी कोर्स बैक्टीरिया और वायरस के अध्ययन से संबंधित है जो पशु रोगों का कारण बनते हैं।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी वेटरनरी पैरासिटोलॉजी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर वेटरनरी पैरासिटोलॉजी में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में वेटरनरी पैरासिटोलॉजी में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन वेटरनरी पैरासिटोलॉजी
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 5,000 से 3,00,000 तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 20 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- वायरोलॉजिस्ट, रिसर्चर, पैरासिटोलॉजिस्ट, प्रोफेसर आदि।
• टॉप रिक्रूटर्स- परजीवी विज्ञान, पशु चिकित्सा अस्पताल, अनुसंधान क्षेत्र, पशु कल्याण गैर सरकारी संगठन, आदि।
पीएचडी वेटरनरी पैरासिटोलॉजी: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास वेटरनरी पैरासिटोलॉजी या उससे संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी वेटरनरी पैरासिटोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 60% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% अंकों की छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी वेटरनरी पैरासिटोलॉजी: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी वेटरनरी पैरासिटोलॉजी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी वेटरनरी पैरासिटोलॉजी के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी वेटरनरी पैरासिटोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन वेटरनरी पैरासिटोलॉजी के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी सीएसआईआर नेट, यूजीसी नेट आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
पीएचडी इन वेटरनरी पैरासिटोलॉजी प्रवेश परीक्षा की सूची निम्नलिखित है
- भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान पीएचडी प्रवेश परीक्षा
- कर्नाटक पशु चिकित्सा पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय पीएचडी प्रवेश परीक्षा
- पश्चिम बंगाल पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय पीएचडी प्रवेश परीक्षा
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर वेटरनरी पैरासिटोलॉजी का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी वेटरनरी पैरासिटोलॉजी: सिलेबस
- रिसर्च मैथडोलॉजी
- टेक्निक यूजड इन पैरासिटोलॉजी
- इम्यूनो पारसीटोलॉजी
- ह्यूमन हेल्थ एंड पैरासिटोलॉजी
- कल्टीवेशन ऑफ पैरासाइट यूजिंग इन विट्रो टेक्निक
- डायग्नोसिस एंड वैक्सीन डेवलेपमेंट इन पैरासिटोलॉजी
- सेमिनार/ प्रोजेक्ट
- रिसर्च थिसिस
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी वेटरनरी पैरासिटोलॉजी: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) उत्तर प्रदेश- फीस 18,399
- बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, झारखंड- फीस 10,000
- गोविंद बल्लभ पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उत्तराखंड- फीस 2,81,000
- श्री वेंकटेश्वर पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, आंध्र प्रदेश- फीस 86,080
- पश्चिम बंगाल पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल- फीस 9,400
- पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान कॉलेज, राजस्थान- फीस 15,740
- कर्नाटक पशु चिकित्सा पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, कर्नाटक- फीस 4,31,000
- राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, राजस्थान- फीस 35,100
- राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, बिहार- फीस 25,130
- शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जम्मू और कश्मीर- फीस 60,0000
पीएचडी वेटरनरी पैरासिटोलॉजी: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- पैरासिटोलॉजिस्ट- सैलरी 5 से 6 लाख तक
- प्रोफेसर- सैलरी 6 से 12 लाख तक
- रिसर्च- सैलरी 5 से 7 लाख तक
- वायरोलॉजिस्ट- सैलरी 3 से 7 लाख तक
- वेटरनरियन- सैलरी 6 से 7 लाख तक
- वाइल्ड लाइफ पैरासिटोलॉजिस्ट- सैलरी 5 से 6 लाख तक
- मेडिकल पैरासिटोलॉजी- सैलरी 5 से 6 लाख तक