डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन ट्रांसलेशन स्टडीज तीन साल की अवधि का एक शोध आधारित डॉक्टरेट स्तर का कोर्स है। ट्रांसलेशनल स्टडीज को एक अंतःविषय के रूप में परिभाषित किया गया है जिसमें तुलनात्मक साहित्य, सांस्कृतिक अध्ययन, लिंग अध्ययन, कंप्यूटर विज्ञान, इतिहास, भाषा विज्ञान, दर्शन, बयानबाजी और लाक्षणिक सहित ज्ञान के विविध क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन ट्रांसलेशन स्टडीज से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर ट्रांसलेशन स्टडीज में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में ट्रांसलेशन स्टडीज में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन ट्रांसलेशन स्टडीज
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- लगभग 50,000
• अवरेज सैलरी- लगभग 6 लाख
• जॉब प्रोफाइल- अनुवादक, दुभाषिया, प्रोफेसर, लेखक, लेखक, ब्लॉगर, मीडिया संवाददाता, मीडिया प्रतिनिधि, भाषण लेखक।
• टॉप रिक्रूयर्ट फिल्ड- सरकारी सीधी भर्ती, समाचार मीडिया हाउस, प्रिंट और डिजिटल मीडिया एजेंसी, विश्वविद्यालय, गैर-लाभकारी संगठन आदि।
पीएचडी इन ट्रांसलेशन स्टडीज: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास ट्रांसलेशन स्टडीज से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन ट्रांसलेशन स्टडीज में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी इन ट्रांसलेशन स्टडीज: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इन ट्रांसलेशन स्टडीज कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी इन ट्रांसलेशन स्टडीज के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी इन ट्रांसलेशन स्टडीज में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन ट्रांसलेशन स्टडीज के लिए एडमिशन प्रोसेस सीएसआईआर यूजीसी नेट, सीईटी जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर ट्रांसलेशन स्टडीज का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी इन ट्रांसलेशन स्टडीज: सिलेबस
- श्रव्य-दृश्य अनुवाद
- साहित्यिक अनुवाद
- अनुवाद और संगीत
- अनुवाद और इंटरनेट
- प्रदर्शन और अनुवाद
- लिंग और अनुवाद
- स्वास्थ्य और अनुवाद
- सामाजिक आंदोलन और अनुवाद
- शब्दावली के मुद्दे
- मनोभाषाविज्ञान
- अर्थ विज्ञान
- अनुवाद अध्ययन की वंशावली
- कोशकला
- कौंट्रस्टीव विश्लेषण
- भाषा शिक्षण
- अनुसंधान क्रियाविधि
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी इन ट्रांसलेशन स्टडीजर: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली- फीस 16800
- हैदराबाद विश्वविद्यालय- फीस 8980
- अंग्रेजी और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, हैदराबाद- फीस 9895
- निम्स विश्वविद्यालय, जयपुर- फीस 2900
- चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, चंडीगढ़- फीस 21400
- मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद- फीस 9000
- सेंचुरियन प्रौद्योगिकी और प्रबंधन विश्वविद्यालय पारालाखेमुंड फीस 80000
- महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा- फीस 6100
पीएचडी इन ट्रांसलेशन स्टडीज: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- प्रोफेसर- सैलरी 5 लाख
- ऑथर- सैलरी 6 लाख तक
- इंटरप्रीटेटर- सैलरी 8 लाख
- मिडिया कॉरेसपोंडेंट- सैलरी 5.20 लाख
- स्पीच राइटर- सैलरी 7 लाख
- टेक्नीकल राइटर- सैलरी 7 लाख
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