डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन थ्योलॉजी 3 साल की अवधि का एक शोध आधारित डॉक्टरेट स्तर का कोर्स है। पीएचडी इन थ्योलॉजी एक वैकल्पिक धारा के साथ बाइबिल अध्ययन, चर्च इतिहास, व्यवस्थित धर्मशास्त्र और ईसाई नैतिकता के संयोजन के साथ अंतर-अनुशासनात्मक कोर्स है, जिसमें देहाती देखभाल, ईसाई शिक्षा और उपदेश जैसे पेशेवर मंत्रालय के अध्ययन शामिल हैं।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन थ्योलॉजी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर थ्योलॉजी में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में थ्योलॉजी में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन थ्योलॉजी
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 11,000 से 4,00,000 तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 12 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- स्वास्थ्य कार्यकर्ता, धार्मिक शिक्षक, मिशनरी, राहत कार्यकर्ता, बाल पादरी, निवासी निदेशक, गैर-लाभकारी कार्यक्रम प्रशासक आदि।
• जॉब फिल्ड- शैक्षिक संस्थान, गैर सरकारी संगठन, पूजा स्थल, धार्मिक संगठन, वित्तीय और कानूनी फर्म, चैरिटी आदि।
पीएचडी इन थ्योलॉजी: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास थ्योलॉजी से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन थ्योलॉजी में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी इन थ्योलॉजी: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इन थ्योलॉजी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी इन थ्योलॉजी के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी इन थ्योलॉजी में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन थ्योलॉजी के लिए एडमिशन प्रोसेस क्राइस्ट यूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षा, फर्ग्यूसन कॉलेज (आईएफसी) प्रवेश परीक्षा, मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज, एमसीसी प्रवेश परीक्षा, यूनियन बाइबिल सेमिनरी प्रवेश परीक्षा आदि जैसे प्रवेश परीक्षा पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर थ्योलॉजी का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी इन थ्योलॉजी: सिलेबस
- इतिहास और हेर्मेनेयुटिक्स
- बाइबिल स्टडीज
- चर्च का इतिहास
- लिटर्जिकल स्टडीज
- मिशन स्टडीज
- रचनात्मक धर्मशास्त्र और धार्मिक नैतिकता
- रचनात्मक धर्मशास्त्र
- धार्मिक नैतिकता
- धार्मिक शिक्षा
- अध्यात्म स्टडीज
- व्यावहारिक धर्मशास्त्र
- चर्च और समाज
- समलैंगिकता
- इंजीलवाद और मिसियोलॉजी
- मण्डली और समुदाय
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी इन थ्योलॉजी: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली- फीस 69,500
- लेडी श्री राम कॉलेज (एलएसआर), नई दिल्ली- फीस 28,600
- लोयोला कॉलेज चेन्नई, तमिलनाडु- फीस 10,000
- क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बैंगलोर, कर्नाटक- फीस 9,300
- मिरांडा हाउस दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली- फीस 21,300
- फर्ग्यूसन कॉलेज (आईएफसी) पुणे, महाराष्ट्र- फीस 6,200
- मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज एमसीसी चेन्नई, तमिलनाडु- फीस 65,700
- हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली- फीस 22,400
- हंस राज कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
- रामजस कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली- फीस 9,380
- यूनियन बाइबिल सेमिनरी, पुणे- फीस 89,740
पीएचडी इन थ्योलॉजी: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- रिलिजस स्कूल टीचर- सैलरी 1 से 1.5 लाख तक
- कॉलेज फैक्लटी- सैलरी 1 से 3 लाख तक
- मिनिस्टर ऑफ चर्च- सैलरी 2 से 3 लाख तक
- सोशल वर्कर- सैलरी 1 से 2 लाख
- बाइबल ट्रांस्लेटर- सैलरी 1 लाख