सप्लाई चैन मैनेजमेंट में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD in Supply Chain Management)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन सप्लाई चैन मैनेजमेंट 3 से 5 साल तक की अवधि का फुल टाइम कोर्स है। पीएचडी सप्लाई चैन मैनेजमेंट मूल रूप से एक डॉक्टरेट लेवल की डिग्री है जिसमें की इच्छुक छात्र विभिन्न रोचक विषयों जैसे प्रबंधकीय सिद्धांत, व्यवसाय प्रबंधन संचालन, व्यवसाय विकास, प्रबंधकीय अर्थशास्त्र और संसाधन प्रबंधन आदि सीख सकते हैं।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन सप्लाई चैन मैनेजमेंट से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर सप्लाई चैन मैनेजमेंट में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में सप्लाई चैन मैनेजमेंट में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

सप्लाई चैन मैनेजमेंट में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन सप्लाई चैन मैनेजमेंट
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम या मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 11,000 से 2 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 10 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- एससीएम ऑपरेशंस सीनियर एनालिस्ट, एससीएम ग्रुप लीडर, एसोसिएट एससीएम मैनेजर, एससीएम स्पेशलिस्ट, एससीएम प्रोफेशनल, ऑपरेशंस हेड, फाइनेंशियल मैनेजर, ऑडिटर, रिसर्चर, प्रोफेसर, टीचिंग फैकल्टी, सीनियर एससीएम मैनेजर और प्रोग्राम मैनेजर आदि।

पीएचडी इन सप्लाई चैन मैनेजमेंट: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास सप्लाई चैन मैनेजमेंट से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन सप्लाई चैन मैनेजमेंट में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंक की छूट मिलती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी इन सप्लाई चैन मैनेजमेंट: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी सप्लाई चैन मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी इन सप्लाई चैन मैनेजमेंट के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार पीएचडी सप्लाई चैन मैनेजमेंट में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि पीएचडी इन सप्लाई चैन मैनेजमेंट के लिए एडमिशन प्रोसेस आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर सप्लाई चैन मैनेजमेंट का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

पीएचडी इन सप्लाई चैन मैनेजमेंट: सिलेबस

  • मार्केटिंग प्रिंसिप्लस
  • एडवांसड फाइनेंशियल मैनेजमेंट
  • बिजनेस मैनेजमेंट ऑपरेशन
  • रिसोर्स मैनेजमेंट
  • ह्यूमन रिसोर्स एंड इट्स पॉटेंशियल
  • बिजनेस डेवलेपमेंट
  • प्रसेंटेशन
  • एडवांस्ड मार्टेकेटिंग मैनेजमेंट
  • एडवांस्ड स्टडी ऑन इंफॉर्मेशन सिस्टम मैनेजमेंट
  • मैनेजमेंट ऑफ ऑपरेशन
  • आईसीटी इन मैनेजमेंट
  • मैनेजिरियल इकॉनोमिस्ट
  • थ्योरी ऑफ राइट्स
  • वाइवा-वोक

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

पीएचडी इन सप्लाई चैन मैनेजमेंट: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • लोयोला इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
  • नवरचना विश्वविद्यालय, वडोदरा- फीस 90,000
  • आईआईएफटी, कोलकाता- फीस 4,00,000
  • जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय, जम्मू- फीस 29,750
  • मल्ला रेड्डी विश्वविद्यालय, हैदराबाद- फीस 1,00,000

पीएचडी इन सप्लाई चैन मैनेजमेंट: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • ऑपरेशन रिसर्च एनालिस्ट- सैलरी 6,88,000
  • सप्लाई मैनेजर- सैलरी 3,00,000
  • ऑपरेशन हैड- सैलरी 3,42,000
  • लॉजिस्टिक मैनेजर- सैलरी 3,00,000
  • सप्लाई चैन मैनेजर/ एग्जीक्यूटीव- सैलरी 4,00,000
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English summary
Doctor of Philosophy in Supply Chain Management is a full time course of 3 to 5 years duration. PhD Supply Chain Management is basically a doctoral level degree in which aspiring students can learn various interesting subjects like managerial theory, business management operations, business development, managerial economics and resource management etc.
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