रूरल डेवलपमेंट में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD Rural Development)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन रूरल डेवलपमेंट 3 साल की अवधि का एक शोध आधारित डॉक्टरेट स्तर का फुल टाइम कोर्स है। पीएचडी रूरल डेवलपमेंट यानि की ग्रामीण विकास कोर्स मूल रूप से ग्रामीण संदर्भ के विकास और प्रबंधन से संबंधित अध्ययनों पर केंद्रित था। सैद्धांतिक दृष्टिकोण के अनुसार, इस कोर्स में क्षेत्र कार्य और व्यापक शोध कार्यक्रम भी शामिल हैं।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन रूरल डेवलपमेंट से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर रूरल डेवलपमेंट में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में रूरल डेवलपमेंट में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

रूरल डेवलपमेंट में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन रूरल डेवलपमेंट
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 15,000 से 3,10,000 तक
• अवरेज सैलरी- 18,000 से 20,000 तक (प्रति माह)
• जॉब प्रोफाइल- जिला विकास अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता, ग्रामीण क्षेत्र प्रबंधक, व्यवसाय विकास अधिकारी, बैंकिंग संवाददाता, शोधकर्ता, शिक्षा अधिकारी आदि।
• टॉप रिक्रूटर्स- ग्रामीण बैंकिंग, गैर सरकारी संगठन, कृषि विकास, ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा विकास, नीति निर्धारण, शैक्षिक संस्थान आदि।

पीएचडी इन रूरल डेवलपमेंट: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास रूरल डेवलपमेंट से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन रूरल डेवलपमेंट में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 50% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी इन रूरल डेवलपमेंट: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इन रूरल डेवलपमेंट कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी इन रूरल डेवलपमेंट के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार पीएचडी इन रूरल डेवलपमेंट में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि पीएचडी इन रूरल डेवलपमेंट के लिए एडमिशन प्रोसेस सीएसआईआर नेट, यूजीसी नेट, एलपीयू नेस्ट जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर रूरल डेवलपमेंट का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

पीएचडी इन रूरल डेवलपमेंट: सिलेबस

  • भारतीय संदर्भ में ग्रामीण विकास
  • योजना और प्रबंधन
  • विकास में अनुसंधान के तरीके
  • भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था
  • शैक्षिक विकास
  • ग्रामीण भारत की सामाजिक संरचना
  • मामले का अध्ययन
  • अनुसंधान असाइनमेंट
  • सेमिनार
  • थीसिस
  • प्रसेंटेशन
  • वाइवा-वोक

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि रूरल डेवलपमेंट में पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

पीएचडी इन रूरल डेवलपमेंट: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • पंजाब विश्वविद्यालय- फीस 12,000
  • कर्नाटक विश्वविद्यालय- फीस 10,000
  • अरुल आनंदार कॉलेज- फीस 1,000
  • लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी- फीस 79,000
  • श्री कृष्णदेवराय विश्वविद्यालय- फीस 31,465
  • कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय- फीस 15,200
  • डॉ. बी.आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय- फीस 20,667
  • इग्नू- फीस 15,500
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय- फीस 96,870
  • बिरला ग्लोबल यूनिवर्सिटी- फीस 55,500

पीएचडी इन रूरल डेवलपमेंट: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • डिस्ट्रिक्ट डेवलेपमेंट ऑफिसर- सैलरी 7 लाख
  • सोशल एक्टिविस्ट- सैलरी 3 लाख
  • बैंकिंग कॉरेशपोंडेंट- सैलरी 4 लाख
  • एजुकेशन ऑफिसर- सैलरी 6 लाख
  • रिसर्च- सैलरी 3 लाख

CAT Exam 2022 Preparation Tips: कैट परीक्षा की तैयारी कैसे करें, जानिए सही रणनीति

deepLink articlesParenting Tips: बच्चें की पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के लिए फॉलो करें ये टिप्स

For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

English summary
Doctor of Philosophy in Rural Development is a research based doctoral level full time course of 3 years duration. The PhD Rural Development course originally focused on studies related to the development and management of the rural context. As a theoretical approach, the course also includes field work and extensive research programmes.
--Or--
Select a Field of Study
Select a Course
Select UPSC Exam
Select IBPS Exam
Select Entrance Exam
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
Gender
Select your Gender
  • Male
  • Female
  • Others
Age
Select your Age Range
  • Under 18
  • 18 to 25
  • 26 to 35
  • 36 to 45
  • 45 to 55
  • 55+