डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर 3 से 5 साल तक की अवधि का फुल टाइम कोर्स है। पीएचडी ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर मूल रूप से एक डॉक्टरेट लेवल की डिग्री है जो सिद्धांत और अनुसंधान के संग्रह से संबंधित है। ये कोर्स विभिन्न संगठनों में व्यक्तिगत और समूह के दृष्टिकोण, संज्ञान और व्यवहार पर केंद्रित है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल तक
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम या मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 5,000 से 5 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 4 से 8 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- एसोसिएट मैनेजर, बिजनेस एनालिस्ट, लेक्चरर या प्रोफेसर, टीम लीडर, स्टेटिस्टिशियन, डेटा एनालिस्ट, बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर, टीम असिस्टेंट, कंसल्टेंट और टीचर आदि।
• टॉप रिक्रूटर्स- शैक्षणिक संस्थान, कॉलेज, वित्त, विपणन, सूचना प्रौद्योगिकी, बैंकिंग, प्रबंधन, संचालन, बिक्री, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, बहुराष्ट्रीय कंपनियां, उत्पाद विकास और मानव संसाधन एजेंसियां आदि।
पीएचडी इन ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 60% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंक की छूट मिलती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी इन ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी इन ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर के लिए एडमिशन प्रोसेस सीएसआईआर यूजीसी नेट/ भारथिअर विश्वविद्यालय सीईटी, नीट पीएचडी प्रवेश परीक्षा आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी इन ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर: सिलेबस
- इंट्रोडक्शन टू ऑर्गेनाइजेशनल बिहेयर
- ऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रेस एंड चेंज मैनेजमेंट
- एचआर पॉलिसी एंड प्रैक्टिस
- ऑर्गेनाइजनेशनल स्ट्रक्चर
- पॉवर एंड इंफ्लयूंस
- पर्सनेलिटी एंड वेल्यू
- मॉटिवेशन कंसेप्ट
- मॉटिवेशन एप्लीकेशन
- लीडरशिप
- डायनिमिक्स ऑफ चेंज इन ऑर्गेनाइजेशन
- ऑर्गेनाइजेशनल लर्निंग प्रोसेस
- मोरल जजमेंट
- ग्रूप प्रोसेस
- सोशल मूवमेंट्स एंड देयर इंफ्लयूएंस ऑन फर्म्स एंड मार्केट
- डाइवर्सिटी इन ऑर्गेनाइजेशन, इंस्टीट्यूट एंड जॉब सेटिसफेक्शन
- इमोशन एंड मूड्स
- ऑर्गेनाइजेशनल कल्चर
- कॉनफलिक्ट एंड नेगोसिशेन
- रिलेशनशिप बिटविन ऑर्गेनाइजेशन एंड देयर एनवायरमेंट
- पर्सेपशन एंड डिसिजन मेकिंग
- ग्रूप बिहेवियर, वर्क टीम
- कम्यूनिकेशन
- ऑर्गेनाइजनेशन एस सोशल सिस्टम
- इंडस्ट्री एंड मार्केट
- एंटरप्रन्योरशिप एंड फर्म फॉरमेशन प्रोसेस
- सोशल नॉर्मस
- स्टीरोटाइपिंग एंड इनजस्टिस
- कॉरपोरेशन एंड एलट्रयूजिम
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी इन ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- राष्ट्रीय औद्योगिक इंजीनियरिंग संस्थान, मुंबई- फीस 1,04,000
- अमृता बिजनेस स्कूल, कोच्चि- फीस 30,000
- गुरुवायुरप्पन प्रबंधन संस्थान, तमिलनाडु- फीस 1,20,000
- शैलेश जे. मेहता स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, मुंबई- फीस 80,200
- बीएमएल मुंजाल विश्वविद्यालय, हरियाणा- फीस 56,500
पीएचडी इन ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- बिजनेस एनालिस्ट- सैलरी 8,00,000
- बिजनेस डेवलेपमेंट मैनेजर- सैलरी 7,20,000
- प्रोफेसर- सैलरी 10,00,000
- बिजनेस कंस्लटेंट- सैलरी 9,00,000
- एसोसिएट मैनेजर- सैलरी 9,00,000