डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग 3 से 5 साल तक की अवधि का कोर्स है। पीएचडी इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एक शोध-आधारित डॉक्टरेट लेवल का डिग्री कोर्स है जो कि मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी और सिस्टम के डिजाइन और संचालन पर केंद्रित है। बता दें कि इस कोर्स में छात्रों को रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन से संबंधित नॉलेज प्रदान की जाती है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 15 हजार से 3 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 20 से 24 हाजार तक (प्रति माह)
• जॉब प्रोफाइल- सर्विस इंजीनियर, नेटवर्क प्लेनर, हेड ऑफ डिपार्टमेंट, रिसर्च हेड, टेस्ट इंजीनियर, टेक्नीकल कंस्लटेंट, प्रोफेसर आदि।
• जॉब फिल्ड- सेमीकंडक्टर निर्माता, चिप डिजाइनर, सर्किट सिमुलेशन, उत्पाद डिजाइनिंग, सामग्री विश्लेषण, नेटवर्क प्रदाता आदि।
पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, सीएसआईआर यूजीसी नेट, गेट, सीईटी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग: सिलेबस
इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोग्रामिंग
- पावर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रयूमेंटेशन
- नेटवर्क थ्योरी
- इलेक्ट्रॉमेगनेटिक वेवस
- डिजिटल सिगनल प्रोसेसिंग
- इंफॉर्मेशन थ्योरी एंड कोडिंग
- मैनेजमेंट एंड एंटरप्रन्योरशिप डेवलेपमेंट
- कंप्यूटर कम्युनिकेशन नेटवर्क
- ऑप्टिकल फाइबर कम्युनिकेशन
- वीएलएसआई लैब
इंजीनियरिंग ग्राफिक्स
- वेरिलॉग एचडीएल
- सिगनल एंड सिस्टम
- एनालोग, एचडीएल एंड कम्युनिकेशन लैब
- डिजिटल कम्युनिकेशन
- एम्बेडीड सिस्टम
- माइक्रो प्रोसेसर
- एनेटेन्स एंड प्रोपेगेशन
- डिजिटल स्वीचींग सिस्टम
- वायरलेस कम्युनिकेशन
- थिसिस + सेमिनार
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर
- अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई
- एसआरएम इंजीनियरिंग कॉलेज, कांचीपुरम- फीस 70,000
- वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नई- फीस 53,000
- भारतीय ज्ञान प्रबंधन संस्थान, चेन्नई- फीस 60,000
- सेंट पीटर्स इंस्टीट्यूट ऑफ डिस्टेंस एजुकेशन, चेन्नई- फीस 1,62,000
- वेल टेक डॉ. आरआर और डॉ. एसआर यूनिवर्सिटी, चेन्नई
- प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जयपुर- फीस 3,15,000
पीएचडी इन इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर- सैलरी 4 लाख
- ऑपरेशन इंजीनियर- सैलरी 4.14 लाख
- सॉफ्टवेयर इंजीनियर- सैलरी 5.39 लाख
- प्रोजेक्ट मैनेजर- सैलरी 15.1 लाख