मास्टर ऑफ फिलॉसफी इन बॉटनी 2 साल की अवधि का प्री-डॉक्टरेट डिग्री कोर्स है। इस कोर्स में पौधों के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन शामिल है जिसमें वृद्धि, संरचना, प्रजनन, रोग, चयापचय, रासायनिक गुण, पौधों के शरीर विज्ञान और सामान्य रूप से पौधों की जीवन प्रणाली शामिल हैं।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको एम.फिल इन बॉटनी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर बॉटनी में एम.फिल करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में बॉटनी में एम.फिल करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- मास्टर ऑफ फिलॉसफी इन बॉटनी
• कोर्स का प्रकार- प्री डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 20,000 से 1,00,000 तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 8 लाख तक
• जॉब फिल्ड- दवा कंपनियां, लकड़ी और कागज कंपनियां, रासायनिक उद्योग खाद्य कंपनियां, शैक्षिक संस्थान, तेल उद्योग, जैव प्रौद्योगिकी फर्म, जैविक आपूर्ति घर, फल उत्पादक, बीज और नर्सरी कंपनियां, किण्वन उद्योग आदि।
• जॉब प्रोफाइल- बॉटनी रिसर्च ऑफिसर, बॉटनी लेक्चरर, क्लिनिकल बिजनेस एसोसिएट, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, न्यूट्रिशन स्पेशलिस्ट, फ्लेबोटोमिस्ट, हॉर्टिकल्चर मैनेजर, सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट, सेल्स कोऑर्डिनेटर, ट्रेनी मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव आदि।
एम.फिल बॉटनी: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास बॉटनी से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
• एम.फिल इन बॉटनी में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
एम.फिल बॉटनी: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में एम.फिल बॉटनी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
एम.फिल बॉटनी के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
यदि उम्मीदवार एम.फिल बॉटनी में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
निम्नलिखित कुछ प्रवेश परीक्षाएं हैं जो कुछ एम.फिल द्वारा आयोजित की जाती हैं। भारत में वनस्पति विज्ञान महाविद्यालयों में:
- कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता एम.फिल. प्रवेश परीक्षा
- राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट)
- राज्य पात्रता परीक्षा (सेट)
- हैदराबाद विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा
- पुणे विश्वविद्यालय एमफिल प्रवेश परीक्षा
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें एम.फिल बॉटनी का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
एम.फिल बॉटनी: सिलेबस
ईयर I
बुनियादी अनुसंधान पद्धति और इंस्ट्रुमेंटेशन
प्लांट साइंस में अग्रिम मोर्चे और नए विस्तार
विषय की विशेषज्ञता
ईयर II
थीसिस मूल्यांकन
क्षेत्र I: उन्नत पारिस्थितिकी, संरक्षण और पर्यावरण जीव विज्ञान क्षेत्र II: साइटोजेनेटिक्स और पादप प्रजनन क्षेत्र III: फाइटोपैथोलॉजी
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि मास्टर पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
एम.फिल बॉटनी: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
लोयोला कॉलेज, चेन्नई- फीस 6,000
प्रेसीडेंसी कॉलेज, चेन्नई- फीस 2,220
बसंथली विश्वविद्यालय, जयपुर- फीस 87,500
जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता- फीस 8,000
मीनाक्षी कॉलेज फॉर विमेन, चेन्नई- फीस 6,000
ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय, जयपुर- फीस 75,000
नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय, पटना- फीस 10,000
तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ, पुणे- फीस 1,21,000
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, वाराणसी- फीस 27,500
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक- फीस 2,030
कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता- फीस 3,400
हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद- फीस 5,750
एम.फिल बॉटनी: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
टेक्सोनॉमिस्ट- सैलरी 4 से 5 लाख तक
एग्रोनॉमिस्ट- सैलरी 6 से 7 लाख तक
इकोलॉजिस्ट- सैलरी 6 से 7 लाख तक
माइकोलॉजिस्ट- सैलरी 6 से 7 लाख तक
प्लांट ब्रीडर- सैलरी 5 से 6 लाख तक