मास्टर ऑफ फिलॉसफी इन हिस्ट्री दो साल की अवधि का एक पोस्टग्रेजुएट कोर्स है। जिसे दो सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। जबकि कुछ निश्चित संस्थानों द्वारा यह कोर्स एक वर्ष के आधार पर प्रदान किया जा सकता है। बता दें कि हिस्ट्री में एमफिल एक विशेष शोध डिग्री है और केवल कला, पुरातत्व, दर्शन, सामाजिक विज्ञान और धर्मशास्त्र के क्षेत्र में विश्वविद्यालय के चुनिंदा विभागों द्वारा प्रदान की जाती है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको एम.फिल इन हिस्ट्री से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर हिस्ट्री में एम.फिल करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में हिस्ट्री में एम.फिल करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- मास्टर ऑफ फिलॉसफी इन हिस्ट्री
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 20,000 से 2 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 8 लाख तक
• जॉब फील्ड- शैक्षणिक संस्थान, संग्रहालय, कला दीर्घाएं, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, सरकारी कार्यालय आदि।
• जॉब प्रोफाइल- एसोसिएट एडिटर, टीचर, डेटा हिस्ट्री एनालिस्ट, सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट, करिकुलम डिजाइन कंसल्टेंट, जूनियर रिसर्च फेलो, रिसर्चर, आर्कियोलॉजिस्ट, हिस्टोरियन आदि।
एम.फिल हिस्ट्री: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास हिस्ट्री से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
• एम.फिल इन हिस्ट्री में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
एम.फिल हिस्ट्री: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में एम.फिल हिस्ट्री कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
एम.फिल हिस्ट्री के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार एम.फिल हिस्ट्री में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि एम.फिल हिस्ट्री के लिए एडमिशन प्रोसेस सेट, सीएसआईआर नेट, यूओएच एंट्रेंस एग्जाम आदि एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें एम.फिल हिस्ट्री का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
एम.फिल हिस्ट्री: सिलेबस
सेमेस्टर 1
- अनुसंधान पद्धति और थीसिस लेखन
- इतिहास सहित दा इतिहास
- हिस्टोरिओग्राफ़ी
- विचारों का इतिहास
(ऐच्छिक)
- भारतीय इतिहास में वाद-विवाद
- भारत के सामाजिक-आर्थिक इतिहास पर विषय-वस्तु और लेख
- भारत के सांस्कृतिक इतिहास में विषय-वस्तु और परिप्रेक्ष्य
सेमेस्टर 2
- डिसर्टेशन
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि मास्टर पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
एम.फिल हिस्ट्री: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली, दिल्ली एनसीआर- फीस 1,391
- बनस्थली विद्यापीठ जयपुर, राजस्थान- फीस 74,500
- मुंबई विश्वविद्यालय मुंबई, महाराष्ट्र- फीस 2,896
- डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय औरंगाबाद, महाराष्ट्र- फीस 11,115
- महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक, हरियाणा- फीस 3,984
- प्रेसीडेंसी कॉलेज, चेन्नई- फीस 2,215
- तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ पुणे, महाराष्ट्र- फीस 40,000
- क्वीन मैरी कॉलेज चेन्नई, तमिलनाडु- फीस 1,132
- गुजरात विद्यापीठ अहमदाबाद, गुजरात- फीस 8,635
एम.फिल हिस्ट्री: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- हिस्ट्रियन- सैलरी 6 लाख
- टीचर- सैलरी 4 लाख
- आर्केलॉजिस्ट- सैलरी 5 लाख
- आर्केविस्ट- सैलरी 5.50 लाख
बायोइंफॉर्मेटिक्स में एम.फिल कैसे करें (Career in M.Phil. Bioinformatics)