चाय प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा 1 साल की अवधि का एक फुल टाइम कोर्स है, जो कि उन उम्मीदवारों के बीच लोकप्रिय है जो चाय उद्योग में अपना करियर बनाना चाहते हैं। बता दें कि इस कोर्स में चाय चखने, वृक्षारोपण, अनुसंधान, परामर्श, विपणन और ब्रांडिंग जैसे विभिन्न पहलू शामिल हैं। यह कोर्स छात्रों को चाय बागान और विनिर्माण क्षेत्र का सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करता है और चाय प्रसंस्करण उद्योगों के लिए विशेषज्ञ तैयार करता है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको चाय प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर चाय प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा कोर्स करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में चाय प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा कोर्स करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- चाय प्रबंधन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएट
• कोर्स की अवधि- 1 साल
• पात्रता- स्नातक
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• अवरेज सैलरी- 1.50 से 8 लाख तक
• कोर्स फीस- 24,000 से 1 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- टी टेस्टर, रिसर्चर, कंसल्टेंट्स, प्लांटेशन मैनेजर, फैक्ट्री मैनेजर, आरएंडडी मैनेजर, टी मार्केटर, प्रोडक्शन मैनेजर, क्वालिटी एक्जीक्यूटिव आदि।
• जॉब फील्ड- भारतीय चाय बोर्ड, चाय संघ, चाय बागान, परामर्श, अनुसंधान और विकास, चाय नीलामी, चाय ब्रांडिंग, कृषि संस्थान आदि।
चाय प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा: पात्रता
- उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से सांख्यिकी, गणित, जैविक विज्ञान, कंप्यूटर अनुप्रयोग, आदि में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
- उम्मीदवार स्नातक डिग्री में कुल मिलाकर कम से कम 40% अंक होने चाहिए।
- उम्मीदवारों को अपनी पसंद के कॉलेजों में सीट सुरक्षित करने के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा जैसे चाय अनुसंधान संघ (टीआरए), चाय प्रौद्योगिकी और वृक्षारोपण प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा कोर्स के लिए डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा में किसी एक को भी उत्तीर्ण करना चाहिए।
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों को अनिवार्य प्रक्रिया के रूप में पाठ्यक्रम कार्यक्रम में 5% छूट प्रदान की जाती है।
चाय प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा: प्रवेश प्रक्रिया
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीजी डिप्लोमा मैनेजमेंट इन फाइनेंस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
चाय प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार चाय प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि चाय प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा के लिए एडमिशन प्रोसेस चाय अनुसंधान संघ (टीआरए), चाय प्रौद्योगिकी और वृक्षारोपण प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा कोर्स के लिए डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें चाय प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
चाय प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा: सिलेबस
सेमेस्टर 1
- चाय और चाय नर्सरी का वनस्पति विज्ञान
- चाय की कृषि विज्ञान
- मृदा और जल प्रबंधन
- कीट प्रबंधन
- प्रकृति अध्ययन - भूमि सर्वेक्षण
- कंप्यूटर अनुप्रयोग
सेमेस्टर 2
- चाय का सामान्य पहलू
- जैव रसायन और चाय निर्माण
- श्रम कानून और प्रबंधन
- चाय अर्थशास्त्र
- चाय बागान में परियोजना कार्य
- इंटर्नशिप (3 महीने)
चाय प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- एनआईटीएम, दार्जिलिंग चाय अनुसंधान और प्रबंधन दार्जिलिंग- फीस 49,000
- भारतीय वृक्षारोपण प्रबंधन संस्थान बेंगलुरु- फीस 75,000
- असम कृषि विश्वविद्यालय, चाय पशुपालन और प्रौद्योगिकी विभाग जोरहाट- फीस 24,000
- बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ फ्यूचरिस्टिक स्टडीज कोलकाता- फीस 60,000
- यूपीएएसआई चाय अनुसंधान फाउंडेशन कुन्नूर- फीस 46,000
- चाय और कृषि अध्ययन केंद्र, डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय डिब्रूगढ़- फीस 60,000
- टी रिसर्च एसोसिएशन (टीआरए) कोलकाता- फीस 95,000
- दिप्रास इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज कोलकाता- फीस 65,000
- सिक्किम विश्वविद्यालय - बागवानी विभाग गंगटोक- फीस 6,600
चाय प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- टी कंस्लटेंट- सैलरी 2.50 लाख
- प्लांटेशन मैनेजर- सैलरी 5 लाख
- टी मार्केटर- सैलरी 6 लाख
- टी ब्रोकर्स- सैलरी 2 लाख
- टी रिसर्च- सैलरी 6 लाख
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