कैसे बनें एक साल में एंटरप्रेन्योर (Entrepreneur), जानिए कोर्स से जुड़ी आवश्यक डिटेल्स

पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन प्लानिंग एंड एंटरप्रेन्योरशिप 1 साल की अवधि का कोर्स है, जिसका उद्देश्य उम्मीदवारों को बाजार के उन क्षेत्रों से परिचित कराना है जिनमें अर्थव्यवस्था में उच्च वृद्धि की संभावना है।

कैसे बनें एक साल में एंटरप्रेन्योर? एक साल में एंटरप्रेन्योर बनने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों को 1 साल की अवधि का पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन प्लानिंग एंड एंटरप्रेन्योरशिप कोर्स करना होगा। जिसका उद्देश्य उम्मीदवारों को बाजार के उन क्षेत्रों से परिचित कराना है जिनमें अर्थव्यवस्था में उच्च वृद्धि की संभावना है। इसके अलावा, इस कोर्स का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों सहित समाज के सभी वर्गों के बीच उच्च विकास क्षमता वाले आय-सृजन के अवसरों की खोज करना भी है। दरअसल, यह कोर्स योजना और उद्यमिता दोनों के साथ उम्मीदवारों को परिचित कराने पर केंद्रित है।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन प्लानिंग एंड एंटरप्रेन्योरशिप से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन प्लानिंग एंड एंटरप्रेन्योरशिप करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन प्लानिंग एंड एंटरप्रेन्योरशिप करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

कैसे बनें एक साल में एंटरप्रेन्योर (Entrepreneur), जानिए कोर्स से जुड़ी आवश्यक डिटेल्स

• कोर्स का नाम- पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन प्लानिंग एंड एंटरप्रेन्योरशिप
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएशन
• कोर्स की अवधि- 1 साल
• पात्रता- ग्रेजुएशन (50%)
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 30,000 से 1 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- एंटरप्रन्योर, बिजनेस मैनेजर, स्टार्टअप ऑर्नर आदि।
• टॉप रिक्रूटर्स- बिजनेस फर्म, प्लानर एंड मूवर, एंटरप्रन्योरर, स्टार्टअप आदि।

पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन प्लानिंग एंड एंटरप्रेन्योरशिप: पात्रता

  • उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से अंडरग्रेजुएट कोर्स की डिग्री होनी चाहिए।
  • उम्मीदवार के ग्रेजुएशन में कम से कम 50% अंक होने चाहिए।
  • जबकि अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों को अनिवार्य प्रक्रिया के रूप में पाठ्यक्रम कार्यक्रम में 5% अंकों की छूट प्रदान दी जाती है।

पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन प्लानिंग एंड एंटरप्रेन्योरशिप: प्रवेश प्रक्रिया

  • पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन प्लानिंग एंड एंटरप्रेन्योरशिप कोर्स की प्रवेश प्रक्रिया विशुद्ध रूप से मेरिट के आधार पर होती है यानी उम्मीदवारों का चयन उनके द्वारा स्नातक में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाता है।
  • हालांकि कुछ यूनिवर्सिटी में संबंधित प्राधिकरण द्वारा प्रवेश परीक्षा भी आयोजित की जाती है।

पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन प्लानिंग एंड एंटरप्रेन्योरशिप: सिलेबस

सेमेस्टर 1

  • प्रबंधन की योजना और अभ्यास
  • उद्यमिता विकास और प्रबंधन
  • प्रबंधन लेखांकन
  • व्यावसायिक अर्थशास्त्र
  • उद्यमी विपणन
  • व्यापार के अवसरों की खोज
  • मानव संसाधन प्रबंधन/आईटी/वित्त

सेमेस्टर 2

  • प्रबंधन सूचना प्रणाली
  • विपणन प्रबंधन
  • योजना प्रबंधन
  • सामरिक प्रबंधन / धन प्रबंधन
  • परियोजना/विकास व्यवहार्यता
  • उद्यमशीलता की प्रभावशीलता
  • ऑपरेशन अनुसंधान

पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन प्लानिंग एंड एंटरप्रेन्योरशिप: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • ईस्टर्न इंस्टीट्यूट फॉर इंटीग्रेटेड लर्निंग इन मैनेजमेंट, कोलकाता- फीस 23,500
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट, गुड़गांव- फीस 1,00,000
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, मुंबई- फीस 80,000
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट, दिल्ली- फीस 40,000
  • भारतीय योजना एवं प्रबंधन संस्थान, भोपाल- फीस 50,000
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट, भुवनेश्वर- फीस 75,000

पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन प्लानिंग एंड एंटरप्रेन्योरशिप: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • स्ट्रेटेजिक बिजनेस प्लेनर- सैलरी 10 लाख
  • बिजनेस मैनेजर- सैलरी 7.75 लाख
  • प्लानिंग मैनेजर- सैलरी 15 लाख
  • एंटरप्रन्योर- सैलरी बिजनेस पर निर्भर
  • स्टार्टअप ऑर्नर- सैलरी बिजनेस पर निर्भर

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English summary
The Post Graduate Program in Planning and Entrepreneurship is a course of 1 year duration, which aims to introduce the candidates to those market segments which have high growth potential in the economy. In addition, the course also aims at exploring income-generating opportunities with high growth potential among all sections of the society, including those living below the poverty line.
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