एलएलएम इन मैरीटाइम लॉ एक देश के समुद्र और तटीय क्षेत्रों को नियंत्रित करने वाले कानूनों के बारे में छात्रों को पढ़ाने और शिक्षित करने के लिए दो साल की अवधि का पीजी डिग्री प्रोग्राम है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए एक बढ़िया विकल्प है जो शिपिंग और संबंधित मामलों में विशेष ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं।
मैरीटाइम लॉ यानि की समुद्री कानून का मुख्य ध्यान समुद्री बीमा, राष्ट्रीय समुद्री कानून, पर्यावरण कानून, समुद्री डकैती, समुद्र के माध्यम से होने वाले विभिन्न सामानों के कैरिज को नियंत्रित करने वाले कानूनों, माल की अंतरराष्ट्रीय बिक्री, कानून का मसौदा तैयार करने, अनुबंधों के कानून के बड़े क्षेत्रों को कवर करने पर है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको समुद्री कानून में एलएलएम से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर समुद्री कानून में एलएलएम करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में समुद्री कानून में एलएलएम कोर्स करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- समुद्री कानून में एलएलएम
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएशन
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• पात्रता- एलएलबी, बीए एलएलबी
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 6,000 से 85,000 तक
• अवरेज सैलरी- 1 से 4 लाख तक
• जॉब फील्ड- बीमा कंपनियां, बंदरगाह प्राधिकरण, जहाज की कंपनियां, कानून फर्म, आदि।
• जॉब प्रोफाइल- वकील, कानूनी परामर्शदाता, कानूनी सलाहकार, कानूनी सहायक प्रबंधक, कानूनी सहयोगी, आदि।
समुद्री कानून में एलएलएम: पात्रता
- उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से एलएलबी या बीएएलएलबी में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
- उम्मीदवार के स्नातक डिग्री में कुल मिलाकर कम से कम 60% अंक होने चाहिए।
- उम्मीदवारों को अपनी पसंद के कॉलेजों में सीट सुरक्षित करने के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा जैसे क्लैट, एआईएलईटी, क्यूसैट कैट, एलएसएटी, टीएस लॉसीईटी, एपी लॉसीईटी, इलसैट, एमएचटी सीईटी, सईटी स्लेट, पीयू एलएलबी में किसी एक को भी उत्तीर्ण करना चाहिए।
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों को अनिवार्य प्रक्रिया के रूप में पाठ्यक्रम कार्यक्रम में 5% छूट प्रदान की जाती है।
समुद्री कानून में एलएलएम: प्रवेश प्रक्रिया
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में समुद्री कानून में एलएलएम कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
समुद्री कानून में एलएलएम के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार समुद्री कानून में एलएलएम में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि समुद्री कानून में एलएलएम के लिए एडमिशन प्रोसेस क्लैट, एआईएलईटी, क्यूसैट कैट, एलएसएटी, टीएस लॉसीईटी, एपी लॉसीईटी, इलसैट, एमएचटी सीईटी, सईटी स्लेट, पीयू एलएलबी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें समुद्री कानून में एलएलएम का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
समुद्री कानून में एलएलएम: सिलेबस
- समुद्री कानून और व्यवहार
- भारत में कानून और सामाजिक परिवर्तन
- भारतीय समुद्री कानून
- समुद्री व्यापार और अनुबंध
- समुद्री क्षेत्राधिकार
- समुद्री विवाद निपटान
- समुद्री पर्यावरण कानून और व्यवहार
- न्यायिक प्रक्रियाएं
- समुद्र का अंतर्राष्ट्रीय कानून
- भारतीय संवैधानिक कानून
- कानूनी शिक्षा और अनुसंधान पद्धति
- समुद्री सुरक्षा और सुरक्षा
- समुद्री बीमा नीतियां और प्रथाएं
- रोजगार और नाविक का अधिकार
समुद्री कानून में एलएलएम: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- आंध्र विश्वविद्यालय, स्कूल ऑफ़ डिस्टेंस एजुकेशन, विशाखापत्तनम- फीस 6,000
- भारती विद्यापीठ विश्वविद्यालय, पुणे- फीस 85,000
- कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कोच्चि, केरल- फीस 14,180
- गुजरात मैरीटाइम यूनिवर्सिटी, गांधी नगर- फीस 1,80,000
- केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज एंड ओशन स्टडीज, कोच्चि- फीस 85,425
- एनआईएमएस यूनिवर्सिटी, जयपुर- फीस 40,000
- श्री वेंकटेश्वर कॉलेज ऑफ लॉ, तिरुपति- फीस 18,000
- यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज, पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़- फीस 97,200
समुद्री कानून में एलएलएम: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- लीगल काउंसिल- सैलरी 3 से 4 लाख तक
- समुद्री कानून वकील- सैलरी 3.60 से 4 लाख तक
- समुद्री कानून के लिए लीगल एडवाइजर- सैलरी 1.80 से 4 लाख तक
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