कानूनी शिक्षा को ग्रामीण क्षेत्र तक विस्तार किया जाना चाहिये- सीजेआई चंद्रचुड़

भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि लॉ में विश्वविद्यालय की शिक्षा को दूरदराज के ग्रामीण इलाकों तक बढ़ाया जाने की दिशा में कदम उठाया जाना चाहिये, ताकि छोटे शहरों के छात्र वकील बनने के अवसर से वंचित न रहें। चंद्रचूड़ ने यहां डॉ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह में उक्त बातें कही। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने हमें दूर-दराज ग्रामीण इलाकों के छात्रों तक पहुंचने की क्षमता प्रदान की है।

कानूनी शिक्षा में विकास के बावजूद, समकालीन कानूनी शिक्षा प्रणाली केवल अंग्रेजी बोलने वाले शहरी बच्चों का समर्थन करती है। उन्होंने कहा, पांच लॉ विश्वविद्यालयों में विविधता पर किये गये एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि विभिन्न पृष्ठभूमि के बच्चे इन विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने में असमर्थ हैं। अंग्रेजी बोलने में सक्षम ना होना सबसे बड़ी समस्या है।

कानूनी शिक्षा को ग्रामीण क्षेत्र तक विस्तार किया जाना चाहिये- सीजेआई चंद्रचुड़

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चंद्रचूड़ ने कहा, आज भाषिणी सॉफ्टवेयर की वजह से हमने 1950 से 2024 तक सुप्रीम कोर्ट के लगभग 36,000 फैसलों का अनुवाद किया है। इसका उद्देश्य हर उस नागरिक के लिए ये निर्णय लेना है जो अंग्रेजी नहीं जानता है और जिला अदालतों में वकालत करता है।

उन्होंने कहा कि मूट कोर्ट, इंटर्नशिप और प्रतियोगिताओं जैसे अवसर भी पारंपरिक रूप से संभ्रांत परिवारों से आने वाले बच्चों को ध्यान में रखकर डिजाइन किए गए थे। उन्होंने कहा, लॉ कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को विभिन्न पृष्ठभूमि से आने वाले बच्चों को ध्यान में रखते हुए इसे डिजाइन करना चाहिये।

सीजेआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन से शिक्षा का माध्यम हिंदी रखने की भी अपील की, ताकि उत्तर प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ छात्र सर्वश्रेष्ठ वकील बन सकें। उन्होंने कहा, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर संविधान निर्माण की प्रक्रिया और समकालीन भारतीय राजनीति तक, वकीलों ने राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वकील समाज में एक महत्वपूर्ण और बहुआयामी भूमिका निभाते हैं, कानूनी प्रणाली के कामकाज में योगदान देते हैं और न्याय को बढ़ावा देना। वे यह सुनिश्चित करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं कि उनके अधिकार सुरक्षित हैं। इसमें आपराधिक बचाव, नागरिक मुकदमेबाजी और विभिन्न कानूनी मुद्दों की वकालत शामिल है।

उन्होंने कहा, आज कमजोर स्थिति और निम्न स्तर के कमजोर समुदायों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों की भूमिका अहम है। उन्होंने कहा इन वकीलोंको यह सुनिश्चित करना चाहिये कि इन समुदाय और निम्न तबके के लोगों को समान रूप से कानूनी प्रणाली में सहयोग मिल सके और उनकी आवाज सुनी जाये। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा और विश्वविद्यालय की कुलपति उषा टंडन ने भी सभा को संबोधित किया।

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English summary
Chief Justice of India Justice DY Chandrachud said that steps should be taken to extend university education in law to remote rural areas, so that students from small towns are not deprived of the opportunity to become lawyers. Chandrachud said the above things at the inauguration ceremony of Dr. Rajendra Prasad National Law University here. He also said that technology has given us the ability to reach students in remote rural areas.
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