क्या आप बिना मोबाइल फोन के रह सकते हैं? सोचिए अगर आपके पास फोन न हो तो आपका दिन कैसा जाएगा? खैर, आज के टाइम में ऐसा सोच पाना भी मुम्किन नहीं है, रहना तो बहुत दूर की बात है।
मोबाइल फोन एक तरफ जहां लोगों की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है, वहीं दूसरी ओर फोन चोरी होने की वारदात दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। फोन चोरी होना तो छोड़ो आजकल तो हाथ से ही फोन छीन जाते हैं।
अभी दो ही दिन पहले की बात है कि मेरा भाई रोड साइड खड़ा होकर फोन में कुछ चेक कर रहा था। इतने में ही पीछे से दो लड़के बाइक पर आते हैं और उसके हाथ से फोन छीन कर भाग जाते हैं। और मेरा भाई बस सड़क पर खड़े-खड़े उन्हें देख रह जाता है।
ऐसी ही एक घटना मैंने कुछ दिन पहले एक बस में होते हुए देखी थी। जहां एक अंकल खिड़की साइड बैठकर फोन चल रहा थे। इतने में ही एक बाइक पीछे से आती है और उनके हाथ से फोन छीनकर ले जाती है और वो अंकल बस देखते रह गए।
यह दोनों ही फोन छीनने की वारदात राजधानी दिल्ली की है। यहां रोजाना दिन में कम से कम 100 लोगों के फोन चोरी होते ही हैं। इसलिए यहां के लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपने फोन का ध्यान रखें।
चलो ये तो रही फोन की बात अब बात करते हैं कि फोन चोरी होने के बाद आपको क्या करना चाहिए।
फोन चोरी होने के बाद आपको निम्नलिखित पॉइंट्स को फॉलो करना चाहिए।
1. पुलिस शिकायत दर्ज करें: पहला कदम अपने निकटतम पुलिस स्टेशन में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करना है। उन्हें आपके चोरी हुए फ़ोन का मेक, मॉडल, सीरियल नंबर और IMEI नंबर जैसे सभी आवश्यक विवरण प्रदान करें। पुलिस एफआईआर के आधार पर जांच शुरू करेगी।
2. अपने मोबाइल सेवा प्रदाता को सूचित करें: अपने मोबाइल सेवा प्रदाता से संपर्क करें और उन्हें चोरी के बारे में सूचित करें। वे आपके सिम कार्ड को ब्लॉक करने में मदद कर सकते हैं, जिससे आपके फ़ोन नंबर के अनधिकृत उपयोग को रोका जा सकता है। इसके अतिरिक्त, यदि आपका फ़ोन अभी भी चालू है तो वे उसके स्थान को ट्रैक करने में सक्षम हो सकते हैं।
3. रिमोट ट्रैकिंग और रिमोट वाइपिंग इनेबल करें: यदि आपने पहले फाइंड माई आईफोन (एप्पल डिवाइस के लिए) या फाइंड माई डिवाइस (एंड्रॉइड डिवाइस के लिए) जैसी रिमोट ट्रैकिंग सुविधाओं को इनेबल किया है, तो आप अपने फोन के स्थान को ट्रैक करने के लिए या रिमोट से इन टूल का उपयोग कर सकते हैं। दुरुपयोग को रोकने के लिए अपना व्यक्तिगत डेटा मिटा दें।
4. बीमा कंपनी को सूचित करें: यदि आपके पास अपने फोन के लिए बीमा कवरेज है, तो जितनी जल्दी हो सके अपनी बीमा कंपनी को चोरी के बारे में सूचित करें। बीमा दावा प्रक्रिया शुरू करने के लिए उन्हें पुलिस शिकायत (एफआईआर) की एक प्रति की आवश्यकता हो सकती है।
5. संदिग्ध गतिविधि की निगरानी करें और रिपोर्ट करें: अपने बैंक खातों, क्रेडिट कार्ड और आपके चोरी हुए फोन से जुड़े किसी भी अन्य खाते पर नज़र रखें। यदि आप कोई अनधिकृत गतिविधि देखते हैं, तो तुरंत संबंधित संस्थानों को इसकी सूचना दें।
फोन चोरी होने के बाद क्या है आपके पास कानूनी अधिकार?
भारत में, मोबाइल फोन की चोरी के संबंध में प्रासंगिक कानून भारतीय दंड संहिता, 1860 है। आईपीसी की धारा 379 के अनुसार, चोरी एक आपराधिक अपराध है और कानून द्वारा दंडनीय है। यदि चोरी हुए फोन की कीमत 25,000 रुपये से अधिक है, तो अपराध को गैर-जमानती अपराध माना जाता है।
जांच के दौरान पुलिस को सभी आवश्यक जानकारी और सहायक दस्तावेज़ प्रदान करके सहयोग करना आवश्यक है। ऐसा करने से आप अपने चोरी हुए फोन के वापस मिलने की संभावना काफी हद तक बढ़ा सकते हैं।
नागरिक उपचार के संबंध में, आप चोरी हुए फोन की वसूली के लिए एक नागरिक मुकदमा दायर करने या हुए नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति का दावा करने पर विचार कर सकते हैं, लेकिन ऐसे मुकदमे की सफलता मामले की विशिष्ट परिस्थितियों सहित विभिन्न कारकों पर निर्भर करेगी।
कृपया ध्यान दें कि यहां उल्लिखित कदम और कानूनी अधिकार सामान्य दिशानिर्देश हैं और अधिकार क्षेत्र और विशिष्ट परिस्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं।
यदि आप इस बारे में और अधिक जानकारी पाना चाहते हैं तो आप किसी वकील से परामर्श कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको आपकी स्थिति के अनुरूप सर्वोत्तम सलाह मिलेगी।
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