एलएलएम इन ह्यूमन राइट्स 2 साल का पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स है जो कानून और व्यवस्था प्रशासन और प्रक्रियाओं से संबंधित है। इस कोर्स को बुनियादी मानवाधिकारों और किसी भी क्षेत्र से संबंधित मुद्दों के ज्ञान को विकसित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, चाहे वह महिला, लिंग, श्रम, शरणार्थी, बच्चे और आपराधिक न्याय हो। एलएलएम इन ह्यूमन राइट्स कोर्स का उद्देश्य कानून, प्रशासन, न्यायिक पहलुओं और विशेष रूप से मानवाधिकारों को समझने की दिशा में एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करना है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको एलएलएम ह्यूमन राइट्स से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर ह्यूमन राइट्स में एलएलएम करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में ह्यूमन राइट्स में एलएलएम कोर्स करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- एलएलएम इन ह्यूमन राइट्स
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएशन
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• पात्रता- ग्रेजुएशन+एलएलबी, बीएएलएलबी
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 50,000 से 2 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 8 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- गवर्नमेंट रिलेशंस स्टेट एडवोकेसी ऑफिसर, कम्युनिकेशन एंड डॉक्यूमेंटेशन ऑफिसर, रिसर्च एसोसिएट, क्लाइंट रिलेशनशिप मैनेजर, ह्यूमन राइट्स लॉयर, लेक्चरर/प्रोफेसर आदि।
• जॉब फील्ड- रेड क्रॉस, राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रमंडल मानवाधिकार पहल, ऑक्सफैम इंटरनेशनल, सीआरवाई, ह्यूमन राइट वॉच, एमनेस्टी इंटरनेशनल, लिबर्टी, मिरेकल फाउंडेशन, आदि।
एलएलएम इन ह्यूमन राइट्स: पात्रता
- उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन+ एलएलबी या बीएएलएलबी में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
- उम्मीदवार के एलएलबी डिग्री में कुल मिलाकर कम से कम 60% अंक होने चाहिए।
- उम्मीदवारों को अपनी पसंद के कॉलेजों में सीट सुरक्षित करने के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा जैसे क्लैट-पीजी/एआईएलईटी/डीयू एलएलएम/एमएचसीईटी कानून/एलएसएटी में किसी एक को भी उत्तीर्ण करना चाहिए।
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों को अनिवार्य प्रक्रिया के रूप में पाठ्यक्रम कार्यक्रम में 5% छूट प्रदान की जाती है।
एलएलएम इन ह्यूमन राइट्स: प्रवेश प्रक्रिया
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में एलएलएम इन ह्यूमन राइट्स कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
एलएलएम इन ह्यूमन राइट्स के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार एलएलएम इन ह्यूमन राइट्स में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि एलएलएम इन ह्यूमन राइट्स के लिए एडमिशन प्रोसेस क्लैट-पीजी/एआईएलईटी/डीयू एलएलएम/एमएचसीईटी कानून/एलएसएटी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें ह्यूमन राइट्स में एलएलएम का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
एलएलएम इन ह्यूमन राइट्स: सिलेबस
सेमेस्टर I
- अवधारणा और अधिकारों का वर्गीकरण
- मानवाधिकारों की अवधारणा
- मानव कर्तव्यों की अवधारणा
- मानवाधिकारों की द्वंद्वात्मकता
सेमेस्टर II
- मानव अधिकारों की उभरती अवधारणा
- मानव कर्तव्य, उत्तरदायित्व और इसका प्रभाव
- अंतर्राष्ट्रीय दायित्व
- मानवाधिकार और आपराधिक न्याय
सेमेस्टर III
- न्यायशास्त्र और मानवाधिकार: लेगो दार्शनिक परिप्रेक्ष्य
- भारत में मानवाधिकारों का संवैधानिक शासन
- शरणार्थी विधि
- विस्तार गतिविधियां और शैक्षिक पर्यटन
सेमेस्टर IV
- मानवाधिकार और अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य: कार्यान्वयन तंत्र
- अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून
- आत्मनिर्णय के लिए लोगों का अधिकार
- निबंध अनुसंधान
एलएलएम इन ह्यूमन राइट्स: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- फेक्लटी ऑफ लॉ, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) नई दिल्ली
- नलसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद- फीस 83,500
- गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गांधीनगर- फीस 89,000
- ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) सोनीपत- फीस 4,25,000
- विधि संकाय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) वाराणसी- फीस 30,000
- नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली- फीस 77,500
- राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, पटियाला- फीस 95,000
- हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रायपुर- फीस 79,000
- डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ- फीस 73,500
- विधि संकाय, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (जेएमआई) नई दिल्ली- फीस 8,550
- आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ (एआईएल) मोहाली- फीस 50,200
- भारती विद्यापीठ न्यू लॉ कॉलेज, पुणे- फीस 40,000
- विधि संकाय, कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता- फीस 3,89,000
- यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ, बैंगलोर यूनिवर्सिटी
- कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीयूएसएटी) कोच्चि- फीस 6,000
- नेशनल लॉ स्कूल ऑफ़ इंडिया यूनिवर्सिटी, बैंगलोर- फीस 80,100
- पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय, कोलकाता- फीस 1,29,000
- नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, भोपाल- फीस 1,40,000
- सिम्बायोसिस लॉ स्कूल, पुणे- फीस 92,000
एलएलएम इन ह्यूमन राइट्स: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- ह्यूमन राइट्स लॉयर- सैलरी 3 से 7 लाख तक
- रिसर्च असोसिएट- सैलरी 2.50 से 5 लाख तक
- प्रोफेसर- सैलरी 4 से 7 लाख तक
- क्लाइंट रिलेशनशिप मैनेजर- सैलरी 3 से 6 लाख तक
- ह्यूमन राइट्स डिफेंडर- सैलरी 2 से 5 लाख तक
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