एलएलएम बिजनेस लॉ 2 साल की अवधि का स्नातकोत्तर लॉ कोर्स है, जिसमें की छात्रों को व्यवसाय प्रशासन और व्यावसायिक देनदारियों जैसे मुद्दों का गहन कानूनी ज्ञान दिया जाता है। इस कोर्स में व्यापार कानून अनुबंध, लेन-देन, दिवालियापन और कराधान से लेकर बैंकिंग, व्यापार विनियमन, वित्त और बौद्धिक संपदा जैसे विषय शामिल है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको एलएलएम बिजनेस लॉ से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर बिजनेस लॉ में एलएलएम करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में एलएलएम बिजनेस लॉ कोर्स करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- एलएलएम बिजनेस लॉ
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएशन
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• पात्रता- ग्रेजुएशन+एलएलबी, बीएएलएलबी
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 5,000 से 5 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 3 से 12 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- कानूनी विशेषज्ञ, एडवोकेट और अटॉर्नी जनरल, लॉ रिपोर्टर, ट्रस्टी और एडवोकेट, मजिस्ट्रेट, मुंसिफ (सब-मजिस्ट्रेट) नोटरी, शपथ आयुक्त, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, लोक अभियोजक, कानूनी सलाहकार और सॉलिसिटर, शिक्षक आदि।
• जॉब फील्ड- शैक्षिक संस्थान, निजी अभ्यास, समाचार चैनल, बिक्री कर और उत्पाद शुल्क विभाग, बैंक, बहुराष्ट्रीय कंपनियां, व्यापारिक घराने, अंतर्राष्ट्रीय संगठन, कानूनी परामर्श, समाचार पत्र, नियामक निकाय, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संगठनों के कानूनी विभाग, सरकारी विभाग, न्यायपालिका आदि।
एलएलएम बिजनेस लॉ: पात्रता
- उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन+ एलएलबी या बीएएलएलबी में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
- उम्मीदवार के एलएलबी डिग्री में कुल मिलाकर कम से कम 60% अंक होने चाहिए।
- उम्मीदवारों को अपनी पसंद के कॉलेजों में सीट सुरक्षित करने के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा जैसे क्लैट-पीजी/एआईएलईटी/डीयू एलएलएम/एमएचसीईटी कानून/एलएसएटी/बीएचयू/आईपीयू सीईटी/टीएस/पीजीसीएलईटी में किसी एक को भी उत्तीर्ण करना चाहिए।
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों को अनिवार्य प्रक्रिया के रूप में पाठ्यक्रम कार्यक्रम में 5% छूट प्रदान की जाती है।
एलएलएम बिजनेस लॉ: प्रवेश प्रक्रिया
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में एलएलएम बिजनेस लॉ कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
एलएलएम बिजनेस लॉ के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार एलएलएम बिजनेस लॉ में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि एलएलएम बिजनेस लॉ के लिए एडमिशन प्रोसेस क्लैट-पीजी/एआईएलईटी/डीयू एलएलएम/एमएचसीईटी कानून/एलएसएटी/बीएचयू/आईपीयू सीईटी/टीएस/पीजीसीएलईटी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें बिजनेस लॉ में एलएलएम का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
एलएलएम बिजनेस लॉ: सिलेबस
सेमेस्टर 1
- भारत में कानून और सामाजिक परिवर्तन
- भारतीय संवैधानिक कानून: नई चुनौतियां
- न्यायिक प्रक्रिया
- कानूनी शिक्षा और अनुसंधान पद्धति
सेमेस्टर 2
- कानूनी व्यावहारिक
- औद्योगिक और बौद्धिक संपदा का कानून
- पर्यावरण कानून
- व्यापार कानून
सेमेस्टर 3
- व्यापार कानून
- बीमा कानून
- आर्थिक उद्यमों का कानूनी विनियमन, नियामक प्राधिकरणों से संबंधित कानून
सेमेस्टर 4
- डिर्सटेशन
एलएलएम बिजनेस लॉ: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- नेशनल लॉ स्कूल ऑफ़ इंडिया यूनिवर्सिटी, बैंगलोर- फीस 80,100
- पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय, कोलकाता- फीस 1,29,000
- राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय, भोपाल- फीस 1,40,000
- सिम्बायोसिस लॉ स्कूल, पुणे- फीस 92,000
- ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल, सोनीपत- फीस 4,25,000
- राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर- फीस 1,70,000
- हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रायपुर- फीस 79,000
- यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ, उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद- फीस 10,000
- तमिलनाडु डॉ अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी, चेन्ना- फीस 35,100
- शारदा विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा- फीस 1,40,000
- महात्मा गांधी लॉ कॉलेज, हैदराबाद- फीस 24,100
- केरल लॉ एकेडमी, तिरुवनंतपुरम- फीस 60,000
- नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ, रांची- फीस 1,60,000
- माणिकचंद पहाड़े लॉ कॉलेज, औरंगाबाद- फीस 10,210
- राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय और न्यायिक अकादमी, गुवाहाटी- फीस 94,500
- गीता इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ, पानीपत- फीस 49,500
- गोविंद रामनाथ कारे कॉलेज ऑफ लॉ साउथ, गोवा- फीस 38,732
- आदर्श लॉ कॉलेज, वारंगल- फीस 26,910
- आईसीएफएआई लॉ स्कूल, हैदराबाद- फीस 1,35,000
एलएलएम बिजनेस लॉ: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- लीगल एक्सपर्ट- सैलरी 9 लाख
- अस्सिटेंट प्रोफेसर- सैलरी 5 लाख
- एडवोकेट- सैलरी 5 लाख
- मजिस्ट्रेट- सैलरी 7 लाख
- ऑथ कमिशनर- सैलरी 8 लाख
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