मास्टर इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट 2 साल का फुल टाइम पीजी कोर्स है, जो स्वास्थ्य सेवा प्रशासन को संभालने के लिए प्रशिक्षण और सैद्धांतिक ज्ञान पर केंद्रित है। बता दें कि इस कोर्स को 6 महीने की अवधि के 4 सेमेस्टर में विभाजित किया जाता है। मास्टर डिग्री पास करने के बाद छात्र आगे उच्च अध्ययन के लिए जा सकते हैं और शिक्षण क्षेत्र में भी शामिल हो सकते हैं।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर मास्टर इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में मास्टर इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट कोर्स करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- मास्टर इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट
• कोर्स का प्रकार- मास्टर
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• पात्रता- स्नातक
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 8,000 से 1,40 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 1 से 10 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- एजेंसी प्रबंधक, प्रत्यक्ष विपणन प्रबंधक, अस्पताल प्रशासन प्रबंधक, अस्पताल व्यवसाय प्रबंधक, प्रमुख लेखा प्रबंधक, प्रबंधन ट्रेनी, व्यावसायिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, कार्यक्रम प्रबंधक आदि।
• टॉप रिक्रूटर्स- फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड, अपोलो अस्पताल, केपीएमजी, एम्स, गोवा प्रबंधन संस्थान, इंफोसिस आदि।
मास्टर इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट: पात्रता
- उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से सांख्यिकी, गणित, जैविक विज्ञान, कंप्यूटर अनुप्रयोग, आदि में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
- उम्मीदवार स्नातक डिग्री में कुल मिलाकर कम से कम 60% अंक होने चाहिए।
- उम्मीदवारों को अपनी पसंद के कॉलेजों में सीट सुरक्षित करने के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा जैसे कैट, मैट, सीएमएटी और एक्सएटी में किसी एक को भी उत्तीर्ण करना चाहिए।
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों को अनिवार्य प्रक्रिया के रूप में पाठ्यक्रम कार्यक्रम में 5% छूट प्रदान की जाती है।
मास्टर इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट: प्रवेश प्रक्रिया
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में मास्टर इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
मास्टर इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार मास्टर इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि मास्टर इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट के लिए एडमिशन प्रोसेस कैट, एक्सएटी, स्नैप और सीएमएटी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें मास्टर इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
मास्टर इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट: सिलेबस
सेमेस्टर 1
- फाउंडेशन कोर्स फिलॉसफी ऑफ रिसर्च
- स्वास्थ्य पर सामाजिक विज्ञान के दृष्टिकोण
- बुनियादी अर्थशास्त्र और स्वास्थ्य अर्थशास्त्र
- अनुसंधान पद्धति I
- अनुसंधान पद्धति II
- महामारी विज्ञान और बायोस्टैटिस्टिक्स का परिचय
- स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन के सिद्धांत
- स्वास्थ्य सेवाओं का विकास
- वित्तीय लेखांकन
सेमेस्टर 2
- संगठनात्मक व्यवहार
- मानव संसाधन प्रबंधन और श्रम कानून
- सामग्री प्रबंधन
- प्रबंधन लेखांकन
- सहायक सेवाओं का संगठन और प्रशासन
- क्लिनिकल और सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं का संगठन और प्रशासन
- अस्पताल योजना
सेमेस्टर 3
- ऑपरेशन अनुसंधान
- स्वास्थ्य बीमा
- स्वास्थ्य देखभाल सेटिंग्स में सामरिक प्रबंधन
- अस्पतालों के लिए कानूनी ढांचा
- चिकित्सा कर्मचारियों, नैदानिक सेवाओं और चिकित्सा समितियों का प्रबंधन
- गुणवत्ता प्रबंधन
सेमेस्टर 4
- अस्पतालों में सिस्टम विकास और सूचना संसाधन प्रबंधन
- चिकित्सा प्रौद्योगिकी प्रबंधन
- विपणन प्रबंधन
- वित्तीय प्रबंधन
- व्यवसाय विकास रणनीतियां
- परियोजना कार्य
मास्टर इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- अपोलो इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, हैदराबाद- फीस 1,40,000
- निज़ाम आयुर्विज्ञान संस्थान, हैदराबाद- फीस 50,000
- आईसीएफएआई विश्वविद्यालय, कोच्चि- फीस 37,500
- क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर- फीस 8,400
- बैंगलोर मेडिकल कॉलेज और अनुसंधान संस्थान, बैंगलोर- फीस 59,700
मास्टर इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- हेल्थकेयर फाइनेंस मैनेजर- सैलरी 9.56 लाख
- मेडिकल एंड हेल्थ सर्विस मैनेजमेंट- सैलरी 3.36 लाख
- हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर- सैलरी 4.14 लाख
- मेडिकल डायरेक्टर- सैली 2.09 लाख
- बल्ड बैंक एडमिनिस्ट्रेटर- सैलरी 4.80 लाख
- एचआर रिक्रूटर्स- सैलरी 1.94 लाख
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