मेडिकल में कई तरह के कोर्स शामिल होते हैं। ज्यादातर कोर्स आप कक्षा 12वीं के बाद कर सकते हैं लेकिन कुछ कोर्स है जिसके लिए आपके पास एमबीबीएस की डिग्री होना आवश्यक है। आज हम इस लेख के माध्यम से हम आपको ऐसे ही एक कोर्स के बारे में बताने जा रहे हैं। यदि आपको हड्डी के डॉक्टर बनने की इच्छा रखते हैं वह छात्र एमबीबीएस करने के बाद ऑर्थोपेडिक में डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। इस कोर्स में प्रवेश के लिए छात्रों का एमबीबीएस पढ़ा होना आवश्यक हैं। एमबीबीएस की डिग्री के साथा छात्रों की कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की मार्कशीट भी आवश्यक है। इसके साथ आपको बता दें की कोर्स में प्रवेश के लिए एमबीबीएस के अंकों के साथ कक्षा 12वीं में भी छात्रों के कम से कम 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए।
ऑर्थोपेडिक में डिप्लोमा कोर्स 2 साल का कोर्स है इस कोर्स में छात्रों को बोन टयूमर, पोलियोमेलाइटिस, बायोमैटेरियल्स बायोमैकेनिक्स, पैथोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, हेल्थ एजुकेशन, पेरीफेरल, ट्रोमेटिक डिसऑर्डर, मेटाबॉलिक और न्यूरोलॉजी जैसे कई विषयों के बारे में जानकारी दी जाती है। कोर्स करने के बाद छात्र किसी भी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल या क्लिनिक में नौकरी कर साल का 3 से 9 लाख रुपये कमा सकते हैं। इस विषय में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले छात्र कोर्स पूरा कर उच्च शिक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं छात्र संबंधित विषय में पोस्टग्रेजुएशन डिप्लोमा प्रोग्राम कर सकते हैं। आइए कोर्स से संबंधित अन्य जानकारी आपको दें।
डिप्लोमा इन ऑर्थोपेडिक : योग्यता
- ऑर्थोपेडिक में डिप्लोमा करने की इच्छा रखेने वाले छात्रों को बाता दें कि इस कोर्स को करने के लिए छात्रों का एमबीबीएस पास होना आवश्यक है।
- इस कोर्स को करने के लिए छात्रों को कक्षा 12वीं और एमबीबीएस कोर्स में कम से कम 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए।
डिप्लोमा इन ऑर्थोपेडिक : प्रवेश परीक्षा
1. एजेईई
2. नीट
3. एमएनएस एंट्रेंस एग्जाम
डिप्लोमा इन ऑर्थोपेडिक : प्रवेश के प्रकार
इस कोर्स में प्रवेश डायरेक्ट और प्रवेश परीक्षा के माध्यम से लिया जा सकता है।
डायरेक्ट प्रवेश के लिए छात्रों को संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना है। आवेदन पत्र में आवश्यक जानकारी और डॉक्यूमेंट्स अपलोड कर आवेदन शुल्क का भुगतान करना है।
प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश लेने वाले छात्रों को ऊपर दी गई प्रवेश परीक्षा में शामिल होना है और परीक्षा के प्रदर्शन के अनुसार छात्रों को कोर्स में प्रवेश दिया जाएगा।
डिप्लोमा इन ऑर्थोपेडिक : कॉलेज और फीस
क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज - 20,300 रुपये
बैंगलोर मेडिकल कॉलेज और अनुसंधान संस्थान - 83,500 रुपये
कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज - 1,00,000 रुपये
किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज - 1,04,000 रुपये
मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज - 32,700 रुपये
डिप्लोमा इन ऑर्थोपेडिक : सिलेबस
- बेसिक साइंस
- डायग्नोस्टिक इमेजिंग इन ऑर्थोपेडिक्स
- मेटाबॉलिक बोर्न डिसीसिस
- एंड्रोक्राइन डिसऑर्डर
- बोन एंड ज्वाइंट इंफेक्शन
- पोलियोमेलाइटिस
- ऑर्थोपेडिक न्यूरोलॉजी
- पेरीफेरल नर्व इंजरी
- डिसीसेस ऑफ जॉइंट
- सिस्टमिक कॉन्प्लिकेशन इन ऑर्थोपेडिक
- बोन टयूमर
- रीजनल ऑर्थोपेडिक कंडीशन ऑफ एडल्ट एंड चिल्ड्रन
- बायोमैटेरियल्स
- फ्रैक्चर एंड फ्रैक्चर डिसलोकेशन
- डिसलोकेशन एंड सब्लक्सेशन
- ट्रोमेटिक डिसऑर्डर ऑफ जॉइंट
- आर्थ्रोप्लास्टी
- आर्थ्रोडेसिस
- एनाटॉमी
- पैथोलॉजी
- बायोमैकेनिक्स
- मैकेनिक्स
- फंक्शनल एनाटोमी
- क्लीनिक्स
- मैकेनिक्स ऑपरेशन
- वर्कशॉप मैनेजमेंट
- क्लिनिकल प्रैक्टिस
- जनरल मैकेनिकल स्केल
- जनरल हेल्थ एजुकेशन
- मैथमेटिक्स
डिप्लोमा इन ऑर्थोपेडिक : जॉब प्रोफाइल और सैलरी
ऑर्थोपेडिक सर्जन - 14 लाख रुपये सालाना
फार्मेसिस्ट - 2 से 5 लाख रुपये सालाना
फिजियोथैरेपिस्ट - 3 लाख रुपये सालाना
मेडिकल ऑफिसर - 5.50 लाख रुपये सालाना
प्रोफेसर - 9 लाख रुपये सालाना
डिप्लोमा इन ऑर्थोपेडिक : भर्तीकर्ता
1. सरकारी और प्राइवेट अस्पताल
2. फार्मा कंपनी
3. नर्सिंग होम
4. डिफेंस सर्विस
5. क्लिनिक
6. शैक्षिक संस्थान
डिप्लोमा इन ऑर्थोपेडिक : उच्च शिक्षा
डिप्लोमा कोर्स करने के बाद यदि छात्र इसी विषय में आगे उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं वह छात्र पोस्टग्रेजुएशन कोर्स कर सकते हैं। इसके बाद छात्र पीएचडी के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। आपको बता दें कि पीएचडी करने के लिए छात्र के पास के मास्टर/पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त होना आवश्यक है। पीएचडी के बाद आप किसी भी सरकारी या प्राइवेट विश्वविद्याल्य में प्रोफेसर के तौर पर कार्य कर सकते हैं।
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