Who is Atishi Marlena in Hindi: दिल्ली को अपनी नई मुख्यमंत्री मिल गई है। आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता आतिशी मार्लेना दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी। पार्टी ने मंगलवार को सर्वसम्मति से इस बात पर सहमति जताई।
रिपोर्ट्स के अनुसार, अरविंद केजरीवाल ने पार्टी विधायकों की बैठक में उनके नाम का प्रस्ताव रखा। शुक्रवार को जेल से रिहा हुए केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की कि वह पद से इस्तीफा दे देंगे और तभी वापस आयेंगे, जब लोग उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र देंगे।
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी
आतिशी आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार का एक प्रमुख चेहरा हैं। आतिशी वर्तमान में वित्त, शिक्षा और पीडब्ल्यूडी सहित कई विभागों की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। बता दें कि शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज के बाद आतिशी मार्लेना दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। आप सरकार में अधिकतम विभागों की जिम्मेदारी संभाल रही कालकाजी की विधायक आतिशी दिल्ली पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल से कार्यभार संभालेंगी। बता दें कि कुछ ही महीनों में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय से ऑक्सफोर्ड तक
आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली के एक शैक्षणिक परिवार में हुआ। आतिशी के माता-पिता विजय सिंह और त्रिप्ता वाही दोनों ही दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। आतिशी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में ही पूसा रोड स्थित स्प्रिंगडेल्स स्कूल से प्राप्त की। स्प्रिंगडेल्स स्कूल से अपनी हाई स्कूल क शिक्षा पूरी करने के बाद आतिशी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री हासिल की।
आतिशी ने अपनी आगे की शिक्षा देश से बाहर करने का निर्णय लिया। उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अपनी हाईयर स्टडी पूरी की। वर्ष 2003 में शेवनिंग छात्रवृत्ति पर इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल की। 2005 में उन्होंनो रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड के मैग्डलेन कॉलेज में पढ़ाई की।
आतिशी ने हटाया अपना सरनेम
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी का पूरा नाम आतिशी मार्लेना सिंह है। आतिशी का सरनेम 'मार्लेना' शब्द मार्क्स और लेनिन नामों का मिश्रण है। यह सरनेम उनकी वैचारिक जड़ों का प्रतिबिंब करती है। हालांकि 2018 में जब उन्होंने राजनीति में कदम रखने का सोचा तब उन्होंने इसे अपने नाम से हटाने का निर्णय लिया। अपने पारिवारिक पृष्ठभूमि से ध्यान हटाकर अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करते हुए उन्होंने अपने सार्वजनिक व्यक्तित्व में आतिशी नाम अपनाया।
कैसे शुरू हुई आतिशी की राजनीतिक यात्रा
आतिशी का राजनीतिक करियर जनवरी 2013 में शुरू हुआ। बता दें कि वर्ष 2013 में आतिशी आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हुईं। विशेष रूप से भारत में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान अपने अनुभवों से उन्होंने नीति निर्माण में एक प्रभावशाली भूमिका निभाई। 2015 में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में जल सत्याग्रह के दौरान उनकी सक्रियता को प्रमुखता मिली। वहां उन्होंने विरोध प्रदर्शन और उसके बाद की कानूनी चुनौतियों के दौरान आप नेता आलोक अग्रवाल का समर्थन किया।
मालूम हो कि वर्ष 2019 में आतिशी ने लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी का नेतृत्व किया। आतिशी को पूर्वी दिल्ली के लिए पार्टी का प्रभारी नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। हालांकि उस वक्त उन्हें भारी हार का सामना करना पड़ा। वे भाजपा के गौतम गंभीर से करीब 4.77 लाख वोटों के अंतर से तीसरे स्थान पर रहीं।
चुनावी सफलता के बाद दिल्ली कैबिनेट में आतिशी की एंट्री
वर्ष 2020 में उन्होंने एक बार फिर मुख्य धारा की राजनीति में अपनी किस्मत को आजमाने का फैसला किया और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। दिल्ली विधानसभा चुनाव ने उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हुई। दक्षिण दिल्ली के कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के फैसले ने आखिरकार आतिशी को जीत दिलाई। आतिशी ने भाजपा उम्मीदवार धर्मबीर सिंह के खिलाफ 11,422 मतों के अंतर से जीत हासिल की। इस जीत के बाद उन्हें दिल्ली सरकार में एक प्रमुख भूमिका के लिए चुना गया।
चुनावी सफलता के साथ ही दिल्ली सरकार में आतिशी की जोरदार एंट्री हुई। आतिशी को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे से खाली हुए पदों को संभालने का अवसर मिला। उन्हें दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया और उपरोक्त पदभार दिया गया। बता दें कि आतिशी दिल्ली में शिक्षा और शिक्षा की गुणवत्ता के लिए लगातार अपने प्रयास चला रही हैं। वर्ष 2022-23 की अवधि में उन्होंने लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और महिला और बाल कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण और शिक्षा पर केंद्रित कई अन्य समितियों से जुड़ी रहीं।