नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत होने से पहले आज (1 फरवरी 2023) के भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2023-24 का आम बजट पेश करने वाली हैं। इसमें वह विभन्न क्षेत्रों और योजनाओं आदि के लिए बजट पेश करेंगी, इन क्षेत्रों में शिक्षा भी शामिल है। इस वर्ष डिजिटल शिक्षा और नए विश्विद्यालयों को लेकर बजट में बढ़ौतरी की उम्मीद जताई जा रही है।
पिछले साल के बजट की बात करें तो वर्ष 2022-23 में शिक्षा क्षेत्र में कुल 63,499.37 करोड़ का बजट प्रदान किया गया था और वर्ष 2021-22 में 38,350.65 कोरड़ का था। 2021-22 के बाद वर्ष 2022-23 में शिक्षा के लिए दिए गए बजट में 11.86 प्रतिशत की बढ़ौतरी दिखाई दी। पिछले साल के आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए इस साल 70,000 करोड़ की संभावानाएं जताई जा रहीं हैं। जिसमें नए विश्विद्यालयों पर भी ध्यान केंद्रीत किया गया है।
डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा
बजट 2023-24 में शिक्षा को अधिक बढ़वा देते हुए डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी ताकि शिक्षा कि गुणवत्ता को बढ़ावा दिया जा सकें। और छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने के लिए सहायता प्राप्त हो। चाहें नए विश्वविद्यालयों की स्थापना हो या डिजिटल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने की बात ये सभी शिक्षा के क्षेत्र में आते हैं। अगामी वर्ष (2023-24) के लिए तय किया गया अनुमानित बजट 11,2899 करोड़ रुपये का है। आने वाले साल में सरकार शिक्षा के लिए दिए गए बजट को निवेश करेगी, ताकि प्ररांभिक शिक्षा के उच्च शिक्षा तक को प्रोत्साहित किया जा सकें।
पिछले साल डिजिटल विश्वविद्यालयों के लिए पेश किया गया बजट
कोरोना के दौर आई डिजिटल शिक्षा ने सभी को प्रभावित किया है। इसे और अधिक प्रोत्साहित करने और अधिक से अधिक क्षेत्र को डिजिटल शिक्षा के माध्यम से कवर करने के लिए डिजिटल विश्विविद्यालयों को शुरुआत की जा रही है ताकि कोई भी बच्चा उच्च शिक्षा से वंछित न रह पाए। वर्ष 2021-22 में डिजिटल विश्विद्यालयों के लिए अनुमानित बजट 93,224 करोड़ रुपये का था, जिसमे कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुई स्थिति को ध्यान में रखते गुए इस बजट में संशोधन किया गया था जो बाद में 88,001 करोड़ रुपये (अनुमानित) हुआ। जिसमें वर्ष 2022-23 में बढ़ौतरी देखी गई और ये बजट बढ़कर 10,4000 करोड़ रुपये हो गया। इस साल की संभावानाओं और उच्च शिक्षा को लेकर विशेषज्ञों में बजट के बढ़ने की उम्मीदें जताई जा रही हैं। संभावना है कि वर्ष 2023-23 के बजट में 11 लाख करोड़ को हो सकता है।
बनने वाली इन नए विश्वविद्यालयों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा छात्र शिक्षा प्राप्त कर अपने करियर की शुरुआत कर पाएंगे जो सरकार का मुख्य उद्देश्य है जिसके लिए नए डिजिटल प्लेटफॉर्म और नए चैनलों के साथ में डिजिटल विश्वविद्यालयों आदि का निर्माण शामिल है। भारत तेजी से ऑनलाइन शिक्षा की ओर बढ़ रहा है जिसका फायदा भी देखने को मिलता है। बच्चे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से शिक्षा भी प्राप्त कर रहे हैं और स्किल डेवलप कोर्स में भी हिस्सा लेकर नई चीजे सिखने का प्रयास कर रहे हैं।
अनंत राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की प्रोफेसर और शैक्षणिक मामलों के प्रमुख, जैस्मीन गोहिल ने बजट को लेकर कहा की एनईपी पांच आवश्यक स्तंभों, पहुंच, सामर्थ्य, इक्विटी, गुणवत्ता और जवाबदेही पर आधारित है। शिक्षा क्षेत्र में धन का अधिक प्रवाह इन सभी पांच बुनियादी सिद्धांतों को मजबूत करने में सहायक होता है।