Defence Budget 2024: रक्षा मंत्रालय को मिला रिकॉर्ड 6.21 लाख करोड़ रुपये, रक्षा पेंशन बजट बढ़कर 1.41 लाख करोड़

Defence Budget 2024-25: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 पेश किया। वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में और आत्मनिर्भरता एवं निर्यात को बढ़ावा देने के दोहरे उद्देश्य के साथ वित्तीय वर्ष 2024-25 में रक्षा बजट को सर्वोपरि रखते हुए वर्ष 2024-25 के लिए इसे 6,21,540.85 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

वर्ष 2023 से 4.72% ज्यादा रक्षा बजट, आत्मनिर्भर होगा रक्षा मंत्रलय

यह कुल केंद्रीय बजट का 13.04 प्रतिशत है, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 01 फरवरी, 2024 को संसद में पेश किया था। रक्षा मंत्रालय (एमओडी) को मंत्रालयों में सबसे अधिक आवंटन प्राप्त होता रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा का बजटीय आवंटन वित्त वर्ष 2022-23 के आवंटन से लगभग एक लाख करोड़ (18.35 प्रतिशत) और वित्त वर्ष 2023-24 के आवंटन से 4.72 प्रतिशत अधिक अधिक है।

इसमें से 27.67 प्रतिशत का एक बड़ा हिस्सा पूंजी में जाता है, 14.82 प्रतिशत जीविका और परिचालन तैयारियों पर राजस्व व्यय के लिए, 30.68 प्रतिशत वेतन और भत्ते के लिए, 22.72 प्रतिशत रक्षा पेंशन के लिए और 4.11 प्रतिशत रक्षा मंत्रालय के तहत नागरिक संगठनों के लिए जाता है।

'आत्मनिर्भरता' को बढ़ावा देने वाले रक्षा पूंजीगत व्यय में वृद्धि

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा में पूंजीगत व्यय के लिए बजटीय आवंटन 1.72 लाख करोड़ रुपये है जो वित्त वर्ष 2022-23 के वास्तविक व्यय से 20.33 प्रतिशत अधिक है और वित्त वर्ष 2023-24 के संशोधित आवंटन से 9.40 प्रतिशत अधिक है। यह आवंटन तीनों सेनाओं की दीर्घकालिक एकीकृत परिप्रेक्ष्य योजना (एलटीआईपीपी) के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य वित्त वर्ष 2024-25 में कुछ बड़े अधिग्रहणों को मूर्त रूप देकर सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के माध्यम से महत्वपूर्ण क्षमता अंतराल को भरना है। बढ़े हुए बजटीय आवंटन से सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक, विशिष्ट प्रौद्योगिकी वाले घातक हथियारों, लड़ाकू विमानों, जहाजों, प्लेटफार्मों, मानव रहित हवाई वाहनों, ड्रोन, विशेषज्ञ वाहनों आदि से लैस करने में सुविधा होगी।

किन क्षेत्रों में रक्षा बजट खर्च किया जायेगा

रक्षा बजट से विमानों की अतिरिक्त खरीद, मौजूदा मिग-29 के लिए उन्नत इंजनों के अधिग्रहण, परिवहन विमान सी-295 और मिसाइल प्रणालियों के अधिग्रहण के साथ-साथ मौजूदा एसयू-30 बेड़े के नियोजित आधुनिकीकरण को आवंटित बजट से वित्त पोषित किया जायेगा। इसके अलावा, 'मेक इन इंडिया' की पहल को आगे बढ़ाने के लिए घरेलू उत्पादन में अत्याधुनिक तकनीक सुनिश्चित करने के लिए एलसीए एमके-आई आईओसी/एफओसी कॉन्फ़िगरेशन को अतिरिक्त रूप से वित्त पोषित किया जायेगा।

क्या है भारतीय नौसेना की परियोजनाएं?

भारतीय नौसेना की परियोजनाएं जैसे डेक-आधारित लड़ाकू विमान, पनडुब्बियां, अगली पीढ़ी के सर्वेक्षण जहाजों आदि का अधिग्रहण इस आवंटन के माध्यम से पूरा हो जायेगा। पूंजी के तहत बड़ा आवंटन रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भरता' को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। आवंटन का बड़ा हिस्सा देश को घरेलू स्तर पर निर्मित अगली पीढ़ी की हथियार प्रणाली प्रदान करने के लिए घरेलू स्रोतों के माध्यम से खरीद के लिए उपयोग किया जायेगा, जिसका जीडीपी पर कई गुना प्रभाव पड़ेगा, रोजगार पैदा होगा, पूंजी निर्माण सुनिश्चित होगा और घरेलू अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा।

भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023 के अनुसार, जहाज निर्माण क्षेत्र में निवेश गुणक लगभग 1.82 है, जिसका अर्थ है कि गुणक प्रभाव के कारण जहाज निर्माण क्षेत्र में नौसेना जहाज निर्माण परियोजनाओं में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 2.73 लाख करोड़ रुपये का संचलन प्राप्त होगा।

इस वर्ष से, भारत सरकार ने तीनों सेवाओं की मांग को भूमि, विमान और एयरोइंजन, भारी और मध्यम वाहन आदि जैसे व्यय की समान वस्तुओं में समेकित करके सेवाओं के बीच संयुक्तता को बढ़ावा देने की दिशा में पहल करने का निर्णय लिया है। इससे वित्तीय प्रबंधन में फ्लेक्सिबिलिटी आयेगी और रक्षा मंत्रालय अंतर-सेवा प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए तीनों सेवाओं के बीच निधि का पुन: विनियोजन करने में सक्षम होगा। यह तंत्र निर्णय लेने में तेजी लायेगा और पूंजी बजट का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करेगा।

सशस्त्र बलों का राजस्व व्यय

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सशस्त्र बलों को राजस्व व्यय (वेतन के अलावा) के लिए जीविका और परिचालन प्रतिबद्धता के लिए आवंटन 92,088 करोड़ रुपये के उच्च स्तर पर बना हुआ है, जो वित्त वर्ष 2022-23 के बजटीय आवंटन से 48 प्रतिशत अधिक है। मध्य वर्ष समीक्षा के दौरान वित्त वर्ष 2022-23 के बजटीय आवंटन की तुलना में इस मद में आवंटन 82 प्रतिशत बढ़ाकर पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया।

इसका उद्देश्य विमान और जहाजों सहित सभी प्लेटफार्मों पर सर्वोत्तम रखरखाव सुविधाएं और सहायता प्रणाली प्रदान करना है। यह गोला-बारूद की खरीद, संसाधनों की गतिशीलता, कर्मियों की आवाजाही, आगे के क्षेत्रों में तैनाती को मजबूत करने में सशस्त्र बलों के दिन-प्रतिदिन के खर्च को पूरा करने और किसी भी घटना से निपटने के लिए बलों को हमेशा तैयार रखने की सुविधा प्रदान करता है। इस मद में वित्त वर्ष 2023-24 से निरंतर उच्च आवंटन ने बलों की शिकायतों का समाधान किया है और उनकी आजीविका और परिचालन तत्परता में सुधार किया है।

रक्षा पेंशन बजट बढ़कर 1.41 लाख करोड़

रक्षा पेंशन के लिए कुल बजटीय आवंटन 1,41,205 करोड़ रुपये है जो 2023-24 के दौरान किए गए आवंटन से 2.17 प्रतिशत अधिक है। यह 'स्पर्श' और अन्य पेंशन संवितरण प्राधिकरणों के माध्यम से लगभग 32 लाख पेंशनभोगियों के मासिक पेंशन पर खर्च किया जायेगा।

पूर्व सैनिक कल्याण योजना के लिए अभूतपूर्व आवंटन

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्व सैनिक कल्याण योजना का कुल आवंटन वित्त वर्ष 2023-24 के आवंटन (5,431.56 करोड़ रुपये से 6,968 करोड़ रुपये) से 28 प्रतिशत अधिक है। यह चालू वर्ष के दौरान संशोधित अनुमान चरण में अभूतपूर्व आवंटन के अतिरिक्त है, जहां ईसीएचएस को बजटीय आवंटन 2023-24 के बीई से 70 प्रतिशत बढ़ाकर 9,221.50 करोड़ रुपये कर दिया गया था।

यह उल्लेखनीय रूप से अधिक आवंटन कोविड अवधि के दौरान किए गए चिकित्सा उपचार संबंधी व्यय (एमटीआरई) का ध्यान रखने और ईसीएचएस दरों में वृद्धि की भरपाई करने के लिए है, ताकि इसे सीजीएचएस दरों के बराबर लाया जा सके। यह पूर्व सैनिकों, युद्ध वीरों, वीर नारियों और उनके परिवार के सदस्यों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने के सरकार के संकल्प के अनुरूप है।

सीमा सड़क संगठन का बजट बढ़ा

भारत-चीन सीमा पर लगातार खतरे की आशंका के मद्देनजर, सीमा सड़क संगठन को पूंजीगत बजट आवंटन में उछाल जारी है। साल 2024-25 के लिए 6,500 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आवंटन से 30 प्रतिशत अधिक है और वित्त वर्ष 2021-22 के आवंटन से 160 प्रतिशत अधिक है। यह सीमा पर बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इस वर्ष बजट के दौरान किए गए वित्तीय प्रावधान, सीमावर्ती क्षेत्रों में रणनीतिक ढांचागत विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ उस क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देंगे। 13,700 फीट की ऊंचाई पर लद्दाख में न्योमा एयर फील्ड का विकास, अंडमान और निकोबार द्वीप में भारत की सबसे दक्षिणी पंचायत के लिए स्थायी पुल कनेक्टिविटी, हिमाचल प्रदेश में 4.1 किमी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शिंकू ला सुरंग, अरुणाचल प्रदेश में नेचिफू सुरंग और कई अन्य परियोजनाएं परियोजनाओं को इस आवंटन से वित्त पोषित किया जायेगा।

भारतीय तटरक्षक के नेतृत्व में मल्टी मिशन सेवा को मजबूती

इस वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) को 7,651.80 करोड़ रुपये आवंटित हुए है जो वित्त वर्ष 2023-24 के आवंटन से 6.31 प्रतिशत अधिक है। इसमें से 3,500 करोड़ रुपये केवल पूंजीगत व्यय पर खर्च किए जाने हैं, जिससे जल में उत्पन्न होने वाली उभरती चुनौतियों का समाधान करने और अन्य देशों को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए आईसीजी के शस्त्रागार में ताकत जोड़ी जायेगी। आवंटन से तेज गति से चलने वाले गश्ती वाहनों/इंटरसेप्टर, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली और हथियारों के अधिग्रहण की सुविधा मिलेगी।

डीआरडीओ को 2024-25 में 23,855 करोड़ रुपये आवंटित

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को बजटीय आवंटन वित्त वर्ष 2023-24 में 23,263.89 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2024-25 में 23,855 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस आवंटन में से 13,208 करोड़ रुपये का बड़ा हिस्सा पूंजीगत व्यय के लिए आवंटित किया गया है। इससे बुनियादी अनुसंधान पर विशेष ध्यान देने और विकास-सह-उत्पादन भागीदार के माध्यम से निजी पक्षों को मदद देने के साथ नई तकनीक विकसित करने में डीआरडीओ को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी।

रक्षा प्रौद्योगिकी और विनिर्माण में आत्मनिर्भरता

प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ) योजना के लिए आवंटन 60 करोड़ रुपये है, जो विशेष रूप से नए स्टार्ट-अप, एमएसएमई और शिक्षाविदों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो नवाचार में रुचि रखने वाले युवा प्रतिभाशाली दिमागों को आकर्षित करते हैं और डीआरडीओ के सहयोग से रक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट प्रौद्योगिकी विकसित करते हैं। तकनीक-प्रेमी युवाओं/कंपनियों को दीर्घकालिक ऋण के लिए डीप टेक के लिए एक लाख करोड़ रुपये के कोष और स्टार्ट-अप को कर लाभ से संबंधित घोषणा से रक्षा क्षेत्र में नवाचार को और बढ़ावा मिलेगा।

'विकसित भारत' के दृष्टिकोण को रेखांकित करता बजट

सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक सकारात्मक और उत्साहजनक 'अंतरिम बजट' पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी। उन्होंने कहा यह बजट एक आश्वस्त, मजबूत और आत्मनिर्भर 'विकसित भारत' के दृष्टिकोण को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा, बजट भारत के तीव्र आर्थिक परिवर्तन की झलक देता है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण से प्रेरित है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि इस बजट में बुनियादी ढांचे, निर्माण, विनिर्माण, आवास और प्रौद्योगिकी विकास पर बड़ा जोर दिया गया है। उन्होंने कहा, "कोविड-19 के दौरान जब दुनिया लड़खड़ा रही थी, भारत आशा की किरण बनकर उभरा। यह बजट पूरी तरह से प्रधानमंत्री के 'पंचामृत लक्ष्यों' के अनुरूप है और यह अगले पांच वर्षों में अभूतपूर्व विकास का मार्ग भी प्रशस्त करता है।" पूंजीगत व्यय परिव्यय में वृद्धि को राजनाथ सिंह ने इसे एक बड़ा कदम बताया, जो 2027 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में बड़ा बढ़ावा देगा।

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English summary
Defence Budget 2024-25: Finance Minister Nirmala Sitharaman presented Budget 2024. Keeping the paramount importance of the defence budget in the financial year 2024-25 in the current geopolitical scenario and with the dual objective of self-reliance and promoting exports, it has been increased to Rs 6,21,540.85 crore for the year 2024-25. This is 13.04 percent of the total Union Budget, which was presented in Parliament by Finance Minister Nirmala Sitharaman on February 01, 2024. The Ministry of Defence (MoD) continues to receive the highest allocation among ministries. The budgetary allocation for defence for FY 2024-25 is approximately Rs 1 lakh crore (18.35 percent) higher than the allocation for FY 2022-23 and 4.72 percent higher than the allocation for FY 2023-24. Of this, a major share of 27.67 per cent goes to capital, 14.82 per cent to revenue expenditure on sustenance and operational preparedness, 30.68 per cent to salaries and allowances, 22.72 per cent to defence pensions and 4.11 per cent to civilian organizations under the Ministry of Defence.
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