20 Interesting Facts About Budget in India: भारतीय बजट, देश की आर्थिक योजना में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। बजट को वित्त मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष प्रस्तुत किया जाता है।
संविधान के अनुच्छेद 112 में निहित, यह आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार के वित्तीय खाके की रूपरेखा तैयार करता है। इस व्यापक योजना में अनुमानित सरकारी खर्च, प्रत्याशित राजस्व और विभिन्न क्षेत्रों के लिए आवंटन शामिल हैं।
परंपरागत रूप से फरवरी के आखिरी कार्य दिवस पर पेश किए जाने वाले बजट में 2017 में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया जब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की कि इसे 1 फरवरी को पेश किया जायेगा। बजट का प्राथमिक फोकस सरकार के प्रभावी कामकाज को सुनिश्चित करना, सार्वजनिक जरूरतों को पूरा करना और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है।
बजट प्रस्तुति में वित्त विधेयक और विनियोग विधेयक शामिल होता है, जिसे 1 अप्रैल को प्रभावी होने से पहले लोकसभा द्वारा अनुमोदन की आवश्यकता होती है, जो भारत के वित्तीय वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। वार्षिक कार्यक्रम का संसद भवन से सीधा प्रसारण किया जाता है, जिससे नागरिकों को सरकार की वित्तीय प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी मिलती है। इसमें आवंटन, नीतिगत उपायों और भविष्य की आर्थिक रणनीतियों का विस्तृत विवरण शामिल है।
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भारतीय बजट देश के आर्थिक प्रक्षेप पथ को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसका लक्ष्य राजकोषीय स्थिरता, समान विकास और निरंतर आर्थिक विकास प्राप्त करना है। आइए इस लेख के माध्यम से जानें भारत में बजट के बारे में 20 रोचक तथ्य क्या हैं-
भारतीय बजट के बारे में 20 रोचक तथ्य | 20 Interesting Facts About Budget in India
* बजट शब्द फ्रेंच भाषा के बुगेट शब्द से लिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ लेदर का ब्रीफकेस होता है।
* भारत का पहला बजट सन 1860 में ब्रिटिश क्राउन के ईआईसी जेम्स विल्सन ने पेश किया था। जेम्स ने द ईकोनॉमिस्ट एवं द स्टैंडर्ड चैटर्ड बैंक की स्थापनी भी की।
*सन् 1924 में ब्रिटिश राज के दौरान रेलवे बजट को अलग से पेश किये जाने का रिवाज बनाया गया। आजादी के बाद वर्ष 2017 तक देश के रेलवे बजट को अलग ही पेश किया जाता था, लेकिन एक पहल के साथ इसे बाद में केंद्रीय बजट में ही शामिल कर लिया गया। 92 साल से अलग से पेश किए जाने वाले रेल बजट को केंद्रीय बजट में शामिल कर दिया गया।
*सन् 1947 में भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद आजाद भारत का पहला अंतरिम बजट आरके संमुखम चेट्टी ने पेश किया था।
*वर्ष 1950 तक केंद्रीय बजट की प्रति राष्ट्रपति भवन में ही प्रिंट की जाती थी। हालांकि बजट कागजातों की लीक की घटना के बाद राष्ट्रीय बजट को राष्ट्रपति भवन से मिंटो रोड शिफ्ट कर दिया गया।
*वर्ष 1955 तक, यूनियन बजट या पूर्ण बजट या केंद्रीय बजट केवल अंग्रेजी भाषा में ही प्रस्तुत किया जाता था। हालांकि तत्कालीन वित्त मंत्री सीडी देशमुख द्वारा किये गये पहल के कारण वर्ष 1955-56 में केंद्रीय बजट को अंग्रेजी और हिन्दी दोनों ही भाषाओं में पेश किया गया।
*साल 1977 में, तत्कालीन वित्त मंत्री हीरूभाई एम पटेल ने सबसे संक्षिप्त अंतरिम बजट स्पीच पेश किया था। हारूभाई द्वारा पेश किया गया अंतरिम बजट स्पीच केवल 800 शब्दों का था।
*वित्त मंत्री रह चुके भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने साल 1991 में सबसे लंबा बजट स्पीच दिया था, जो कि 18,650 शब्दों का था।
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*वर्ष 2019-20 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पारंपरिक केंद्रीय बजट पेश करने की कोलोनियल विरासत को खत्म करते हुए बजट ब्रीफकेस को "बही खाता" बजट का नाम दिया। 5 जुलाई 2019 को, निर्मला सीतारमण ने बजट को बही-खाता में ले जाकर उपरोक्त परंपरा को तोड़ दिया।
*वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अब तक का सबसे लंबे समय तक का बजट स्पीच देकर यह रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया है। मालूम हो उन्होंने वर्ष 2020 में बजट सत्र के दौरान 2 घंटे 42 मिनट का स्पीच दिया था। निर्मला सीतारमण भारत की पहली महिला हैं, जिन्होंने यह रिकॉर्ड अपने नाम किया है।
*कोविड-19 महामारी के समय पहली बार देश में वर्ष 2021-22 में पेपरलेस बजट पेश किया गया।
*सरकार द्वारा एक अनोखे पहल के अंतर्गत अब आम जनता के लिए केंद्रीय बजट मोबाइल एप उपलब्द्ध कराया गया है। इस केंद्रीय बजट मोबाइल एप को डाउनलोड करके आप बजट से संबंधित सभी अहम जानकारियां अपने मोबाइल पर प्राप्त कर सकते हैं।
*भारत सरकार इसे फरवरी के पहले दिन पेश करती है ताकि अप्रैल में नया वित्तीय वर्ष शुरू होने से पहले इसे मूर्त रूप दिया जा सके। हालांकि 2016 तक इसे वित्त मंत्री द्वारा फरवरी के आखिरी कार्य दिवस पर संसद में पेश किया जाता था।
*बजट का सीधा प्रसारण संसद भवन से डीडी नेशनल, डीडी न्यूज और संसद टीवी पर किया जायेगा।
*1947 से अब तक कुल 73 वार्षिक बजट, 14 अंतरिम बजट और चार विशेष बजट या मिनी बजट पेश किये गये हैं।
*वर्ष 1999 तक, केंद्रीय बजट की घोषणा फरवरी महीने के आखिरी कार्य दिवस पर शाम 5:00 बजे की जाती थी। यह प्रथा औपनिवेशिक काल से विरासत में मिली थी। इस परंपरा के पीछे वास्तविक एजेंडा यह था कि, यह अंग्रेजों के लिए सुबह 11:30 बजे का समय होता है, जो उनके लिए एक सहुलियत भरा समय होता है।
*प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार (भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली) में भारत के तत्कालीन वित्त मंत्री यशवन्त सिन्हा ने 1999 के केंद्रीय बजट की घोषणा करके परंपरा को बदल दिया और बजट की पेशकश सुबह 11 बजे की। यह परंपरा 2001 से शुरू हुई।
*बजट दस्तावेजों की छपाई पारंपरिक 'हलवा समारोह' के साथ संसद में पेश होने से लगभग एक सप्ताह पहले शुरू होती है जिसमें हलवा बड़ी मात्रा में तैयार किया जाता है और इसमें शामिल अधिकारियों और सहायक कर्मचारियों को परोसा जाता है।
*'लॉक-इन' कई दिनों की अवधि है, जो बजट की गोपनीयता बनाए रखने के लिए लागू की जाती है। हलवा समारोह नॉर्थ ब्लॉक में मंत्रालय के मुख्यालय में स्थित बजट प्रेस में वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों की "लॉक-इन" अवधि शुरू करता है।
*मोरारजी देसाई ने 10 बजट पेश किए हैं जो सबसे अधिक है। इसके बाद पी चिदंबरम ने 9 और प्रणब मुखर्जी ने 8 बजट पेश किये हैं। देशमुख ने 7 बजट पेश किए हैं, जबकि मनमोहन सिंह और टी टी कृष्णामाचारी ने 6 बजट पेश किए हैं। मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अब तक 5 बजट पेश किये हैं।
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