बजट सत्र 2023 देश के लिए बेहद खास माना जा रहा है क्योंकि यह बजट अमृत काल का पहला बजट है और साथ ही यह पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट भी है। बता दें कि बजट सत्र 2023 संसद में 31 जनवरी 2023 से शुरु हो चुका है। जिसकी शुरुआत भारतीय राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के संसद में भाषण से हुई है। तो चलिए हम आपको संसद में चल रहे बजट 2023 में स्वास्थ्य शिक्षा से जुड़ी आवश्यक जानकारी बताते हैं।
दरअसल, भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सितारमण आज बजट सत्र के दूसरे दिन प्रात: 11 बजे से संसद में बजट 2023 कर रही है। जिस पर की प्रत्येक भारतीय की नजर थमी हुई है कि इस साल बजट 2023 में क्या कुछ नया होने जाने जा रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों ने कहा कि आगामी बजट 2023 से स्वास्थ्य शिक्षा क्षेत्र की एक प्रमुख उम्मीद है की इस बार सरकार स्वास्थ्य शिक्षा पर अपने खर्च में वृद्धि कर सकती है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू बजट सत्र 2023 की शुरुआत करते हुए कहा कि बीते 2 साल में भारत ने 220 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी है। इसके अलावा 2014 से 2022 तक 260 से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं।
स्वास्थ्य शिक्षा बजट 2023
वित्त मंत्री निर्मला सितारमण ने बजट 2023 में केंद्र सरकार की सप्तर्षि प्राथमिकताएं पेश की है। जिसमें की एक प्राथमिकता 'सबका साथ सबका विकास- समावेशी विकास है'।
समावेशी विकास- स्वास्थ्य
- आने वाले साल में देश में नए 157 नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगें।
- सिकल सैल एनीमिया उन्मूलन मिशन शुरू किया जाएगा।
- फार्मास्यूटिकल विकास अनुसांधा को बढ़ावा देने हेुतु नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
- आईसीएमआर की चुनिंदा प्रयोगशालाओं में सुविधाओं के जरिए सरकारी और निजी संयुक्त चिकित्सा अनुसांधान को प्रोत्साहित किया जाएगा।
इसके अलावा चिकित्सा क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा और देशभर में ICMR लैब की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। वित्त मंत्री ने बजट 2023 पेश करते हुए यह भी कहा की उनकी सरकार का 2047 तक एनीमिया उन्मूलन का लक्ष्य है।
स्वास्थ योजना- फार्मास्यूटिकल उद्योग का विकास
इस योजना के तहत सरकार ने अपना बजट 2022-2023 100 करोड़ से बढ़ाकर 2023 से 2024 के लिए 1250 करोड़ कर दिया है।
स्वास्थ्य शिक्षा बजट 2023 से उम्मीदें
डॉ. आशुतोष रघुवंशी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नैटहेल्थ और एमडी और सीईओ, फोर्टिस हेल्थकेयर के अनुसार, "भारत चिकित्सा पर्यटन के लिए विश्व स्तर पर सबसे पसंदीदा स्थलों में से एक है और इसलिए, भारत में चिकित्सा मूल्य यात्रा को प्रोत्साहित करने, सुविधा प्रदान करने, विकसित करने के लिए नीतिगत समर्थन में वृद्धि की आवश्यकता है।
डॉ आशुतोष ने कहा "एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र स्वास्थ्य पेशेवरों की कमी को संबोधित कर रहा है - टियर 2/3 शहरों में काम करने के इच्छुक डॉक्टरों, नर्सों और तकनीकी कर्मचारियों की पहचान करके और डॉक्टरों की संख्या को दोगुना करने के गैर-पारंपरिक तरीकों को देखते हुए। हमें मौजूदा मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाने के लिए विदेशों में विश्वविद्यालयों में अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं (गिरावट/ग्रीष्मकालीन प्रवेश पैटर्न) पर गौर करना चाहिए।
इसके अलावा, इस क्षेत्र को मौजूदा और नई स्वास्थ्य देखभाल परियोजनाओं दोनों के लिए कर प्रोत्साहन के माध्यम से कम लागत वाले वित्तपोषण की आवश्यकता है। नई परियोजनाओं के लिए, सरकार को 15 साल की कर अवकाश अवधि और मौजूदा परियोजनाओं के लिए 10 साल के लिए पुनर्निवेश सहायता के रूप में कर राहत प्रदान करनी चाहिए।"
उन्होंने कहा, स्वास्थ्य सेवा को राष्ट्रीय प्राथमिकता क्षेत्र के रूप में घोषित करने और इसे कृषि (प्राथमिकता-क्षेत्र ऋण) के समान वर्गीकृत करने से बैंकों को लंबी अवधि के लिए, कम दरों पर निजी स्वास्थ्य सेवा संस्थानों को ऋण देने की सुविधा मिलेगी।
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