आज, 1 फरवरी 2023 को भारत की वित्त मंत्री निरमला सीतारमण द्वारा आम बजट 2023-24 पेश करेंगी। जिसमें शिक्षा, नई विश्वविद्यालयों और विदेशी विश्वविद्यालयों को लेकर बजट भी पेश करेंगी। जिसके अनुसार भारतीय छात्राओं को वर्ल्ड क्लास विदेश के विश्वविद्यालयों से पढ़ने को मिलेगा। उच्च और अच्छी शिक्षा के लिए अक्सर विदेश के विश्वविद्यालयों का रुख करते हैं। लेकिन ये सभी छात्रों के बस में नहीं होता है। जिसको लेकर विदेश को विश्वविद्यालयों से साथ कोलैबोरेशन किया जा रहा है।
वित्तीय वर्ष 2023-23 में शिक्षा को अधिक बढ़ावा देने के लिए 70,000 करोड़ रुपये के बजट की उम्मीद जताई जा रही है। वर्ष 2022-23 में शिक्षा के लिए 63,449.37 करोड़ का बजट प्रदान किया गया था। जिसमें प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा और डिजिटल शिक्षा भी शामिल थी। वर्ष 2021-22 के बजट के मुकाबले वर्ष 2022-23 में 11.46 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। अब देखना है कि आज पेश होने वाले बजट में शिक्षा के लिए कितना बजट पेश किया जाएगा और उसमें भारत में विदेश के विश्वविद्यालयों की शिक्षा को लेकर क्या तय किया गया है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, के माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों के लिए वर्ल्ड क्लास एजुकेशन मुहैया करवाना भारती सरकार की योजना है। जिसके लिए वह कार्य कर रही हैं। इसमें डिजिटल शिक्षा से लेकर विदेश के विश्वविद्यालयों के कैंपस की स्थापना भी शामिल हैं। जिसमें छात्रों को इंटरनेशनल एजुकेशन फैसिलिटी गिफ्ट सीटी मोड के माध्यम से प्राप्त होगी।
बजट 2023
भारत विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस की स्थापना भारतीय परिसर में करने की योजना बना रहा है ताकि छात्रों को विदेश के खर्चों से बचाया सकें और उन्हें वर्ल्ड क्लास शिक्षा भारत में रहकर प्राप्त करने को मिल सकें। इसका उद्देश्य इंटरनेशनल शिक्षा को बढ़ावा देना है और अच्छी शिक्षा छात्रों को प्रदान करना है। क्योंकि यहां शिक्षा की बात की गई है इसलिए आपके लिए ये जानना आवश्यक है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में शिक्षा के लिए कितना बजट तय किया है साथ ही साथ ये विदेशी मामलों के अंतर्गत आता है तो विदेश मामलों के लिए क्या बजट तय किया है ये भी आपके लिए आवश्यक है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में शिक्षा के लिए 11,2899 करोड़ रुपये का बजट निवेश किया गया है और विदेश मामलों के लिए 18,050 करोड़ रुपयों का बजट तय किया गया है।
विदेश के विश्वविद्यालयों के भारत में कैंपस
भारत सरकार छात्रों को अच्छी उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए कई कार्य कर रही है सबसे पहले तो शिक्षा के स्तर को बढ़ाते हुए उसकी गुणवत्ता पर ध्यान दिया जा रहा है, विदेश के विश्वविद्यालयों के कैंपस को भारत में स्थापित करने के लिए जोर दिया जा रहा है और भारत के विश्वविद्यालयों को विदेशों खोलने के लिए सक्षम बनाने पर जोर दिया जा रहा है। भारतीय सरकार विदेश के विश्वविद्यालयों के साथ कोलैबोरेशन करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
पहले छात्रों को टॉप संस्थानों से पड़ने के लिए विदेश जाना पड़ता है जिसमें खर्चा अधिक होता था। यदि वह संस्थान भारत में आ जाएंगे तो खर्चे को कम किया जा सकता है और भारतीय अर्थव्यवस्था को उससे बूस्ट किया जा पाए इसके साथ बच्चों को वर्ल्ड क्लास शिक्षा भी प्राप्त हो पाएगी। इसमें ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक उसकी पहुंच भी बनेगी और शिक्षा की गुणवत्ता भी अच्छी होगी।
वर्ष 2023-24 के बजट को लेकर जानिए कुछ बड़ी हस्तियों ने क्या कहा
आम बजट 2023-24 को लेकर वर्करूट के सीईओ और संस्थापक माणिकांत चल्ला कहते हैं कि - सरकार को शैक्षिक समानता को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों में निवेश करने की आवश्यकता है, जैसे डिजिटल विभाजन, वंचित समुदायों में रहने वाले लोगों को शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्यों की पहल की जानी चाहिए।
धाराव हाई स्कूल की चेयरपर्सन और डीपीएस इंटरनेशल की प्रो-वाइस चेयरपर्सन देवयानी जयपुरिया कहती हैं कि - राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में की प्रगतिशील सुधारों के बाद, उम्मीद है कि केंद्रीय बजट में डिजिटलीकरण, उच्च शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण और कौशल विकास में निवेश के साथ टेक्नोलॉजी और मेडिकल के क्षेत्र में क्षेत्रीय भाषाओं पर जोर देने वाली योजनाओं की घोषणा की जाएगी।
छात्रों को अच्छी और गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने के लिए विदेशों के विश्वविद्यालयों के साथ कोलेबोरेशन की तैयारी चल रही है। ताकि उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले छात्र भारत में रह कर भी अपनी शिक्षा प्राप्त कर सकें और ज्यादा से ज्यादा छात्रों तक इसकी पहुंच को निर्धारित किया जा सकें।