Who is Narayana Murthy Biography: वर्ष 1991 में भारत के अर्थव्यवस्था में एक बड़ा बदलाव आया। वह दौर था जब भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक पूंजीवाद को अपनाया। हालांकि उन दिनों स्टार्ट अप कंपनी का कोई खास कांसेप्ट नहीं था, लेकिन उन दिनों समूचे भारत देश में कई नई प्रौद्योगिकी कंपनियां उभरीं। इन कंपनियों में से एक थीं बेंगुलरु में स्थापित इंफोसिस।
यह एक सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी के रूप में इंफोसिस की स्थापना की गई। वर्ष 1981 में नारायण मूर्ति ने अपने छह दोस्तों के साथ पत्नी सुधा मूर्ति के सहयोग से इन्फोसिस की नींव रखी। वर्ष 2000 में इंफोसिस NASDQ पर कारोबार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बनीं। उस समय कंपनी का मूल्य लगभग 27 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
कौन हैं एनआर नारायण मूर्ति?
एनआर नारायण मूर्ति का पूरा नाम नागवरा रामाराव नारायण मूर्ति है। उन्हें लोकप्रिय रूप से एनआर नारायण मूर्ति के नाम से जाना जाता है। नारायण मूर्ति का जन्म 20 अगस्त 1946 को कर्नाटक के कोलार में हुआ था। मूर्ति की परवरिश एक साधारण से मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुई। जहां अनुशासन और शिक्षा जैसे मूल्यों पर बहुत ज़ोर दिया जाता था। उनके पिता मैसूर में एक स्कूल के शिक्षक के रूप में कार्यरत थे। मूर्ति को जानने वाले बताते हैं कि वे कम उम्र से ही एक होनहार छात्र थे।
अपने माता पिता के आठ बच्चों में से पांचवें संतान मूर्ति का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। अपने रोल मॉडल के बारे में एक साक्षात्कार के दौरान नारायण मूर्ति ने जवाब दिया, "उन दिनों हमारे रोल मॉडल हमारे शिक्षक थे। स्कूल और विश्वविद्यालय दोनों में। मूर्ति ने बताया कि हमारे शिक्षकों ने हमें जिज्ञासु और स्पष्टवादी बनना सिखाया। वे कहते हैं, आपको 60 के दशक में एक जिला मुख्यालय में एक निम्न मध्यम वर्ग के परिवार की कल्पना करनी होगी। मेरे पिता हमें निजी भलाई से पहले सार्वजनिक भलाई को प्राथमिकता देने के महत्व के बारे में बताते थे। माँ त्याग और सत्य के बारे में बात करती थीं। जीवन के बुनियादी मूल्यों से परे वे हमारे करियर के बारे में बहुत अधिक चर्चा नहीं करते थे।"
एनआर नारायण मूर्ति ने अपनी शिक्षा कहां से प्राप्त की?
एनआर नारायण मूर्ति ने अपनी प्रांभिक शिक्षा स्थानीय विद्यालय से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने 1967 में मैसूर विश्वविद्यालय के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री पूरी की। बाद में उन्होंने 1969 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर से प्रौद्योगिकी में मास्टर डिग्री हासिल की। उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता ने प्रौद्योगिकी और व्यवसाय में करियर का मार्ग प्रशस्त किया।
अपनी शिक्षा की डिग्री प्राप्त करने के बाद मूर्ति ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद में एक शोध सहयोगी के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। 1970 के दशक में उन्होंने पेरिस में काम किया। वहां अन्य परियोजनाओं के अलावा उन्होंने चार्ल्स डी गॉल हवाई अड्डे पर एयर कार्गो को संभालने के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम को डिज़ाइन करने में मदद की।
बाद में उन्होंने फ्रांस में एसईएसए में काम किया, जहां उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और परियोजना प्रबंधन में अपने कौशल को और अधिक निखारा और इस क्षेत्र के गुर सिखे। भारत लौटने पर, उन्होंने पुणे में एक कंप्यूटर सिस्टम कंपनी में नौकरी स्वीकार कर ली, लेकिन अंततः उन्होंने अपनी खुद की कंपनी शुरू करने का फैसला किया।
कब हुई आईटी कंपनी इंफोसिस की स्थापना?
वर्ष 1981 में अपने छह अन्य इंजीनियरों के साथ मूर्ति ने 250 डॉलर की पूंजी के साथ एक छोटी आईटी कंपनी इंफोसिस की सह-स्थापना की। उन्होंने इंफोसिस की स्थापना से लेकर 2002 तक इसके सीईओ के रूप में और बाद में 2011 तक इसके अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उनके नेतृत्व में, इंफोसिस एक वैश्विक आईटी दिग्गज के रूप में विकसित हुई। आज आईटी क्षेत्र में इंफोसिस एक बड़ा नाम है। आईटी कंपनी इंफोसिस अपने नवाचार, नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं और सॉफ्टवेयर विकास में अग्रणी कार्यों के लिए जानी जाती है।
नारायण मूर्ति की दूरदर्शीता ने इंफोसिस को एक बहुराष्ट्रीय निगम के रूप में स्थापित होने में सहायता की है। इसने उच्च गुणवत्ता वाली सॉफ्टवेयर सेवाए देने के लिए प्रतिष्ठा अर्जित की। उन्होंने कई प्रबंधन प्रथाओं और कॉर्पोरेट प्रशासन मॉडल पेश किए जो आज उद्योग जगत में मानक बन गए।
नारायण मूर्ति का आईटी और व्यवसाय में योगदान
प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मूर्ति को उनके योगदान के लिए "भारतीय आईटी क्षेत्र का जनक" माना जाता है। उन्होंने भारत को आईटी सेवाओं और आउटसोर्सिंग के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके काम ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अनगिनत उद्यमियों और पेशेवरों को प्रेरित किया है।
इंफोसिस ने अपना नाम वैश्विक पटल पर भी स्थापित किया है। आपको बता दें इंफोसिस NASDAQ पर सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय कंपनी बनीं और मूर्ति के नेतृत्व में कंपनी ने पारदर्शिता, कॉर्पोरेट प्रशासन और कर्मचारी कल्याण में नए मानक स्थापित किए। योग्यता, अखंडता और नवाचार पर नारायण मूर्ति के योदगान ने वैश्विक व्यापार समुदाय में एक अमिट छाप छोड़ी है।
नारायण मूर्ति को कौन कौन से सम्मान और अवॉर्ड्स मिले
एनआर नारायण मूर्ति को व्यापार और प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। उन्हें टाइम पत्रिका के "दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों" में भी सूचीबद्ध किया गया है और दुनिया भर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से कई मानद डॉक्टरेट प्राप्त हुए हैं। नारायण मूर्ति को प्राप्त कुछ उल्लेखनीय सम्मान और अवॉर्ड निम्नलिखित हैं:
2000 में पद्म श्री भारत सरकार (भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार)
2002 आईईटी मानद फेलो इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
2003 अर्न्स्ट एंड यंग वर्ल्ड एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अर्न्स्ट एंड यंग वर्ल्ड एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर जूरी
2007 आईईईई अर्न्स्ट वेबर इंजीनियरिंग लीडरशिप मान्यता इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स
2007 मानद कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (सीबीई) यूनाइटेड किंगडम की सरकार
2007 मानद डिग्री लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी
2008 ऑफिसर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर फ्रांस की सरकार
2008 पद्म विभूषण भारत सरकार (भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार)
2009 वुडरो विल्सन अवार्ड फॉर कॉर्पोरेट सिटीजनशिप वुडरो विल्सन इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्कॉलर्स
2009 डॉक्टरेट ऑफ साइंस (ऑनोरिस कॉसा) श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी
2010 आईईईई मानद सदस्यता इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स। 2011 एनडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर आइकन ऑफ इंडिया एनडीटीवी
2012 हूवर मेडल अमेरिकन सोसाइटी ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स
2013 फिलैंथ्रोपिस्ट ऑफ द ईयर द एशियन अवार्ड्स
2013 सयाजी रत्न अवार्ड बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन, वडोदरा
2013 25 ग्रेटेस्ट ग्लोबल इंडियन लिविंग लीजेंड्स एनडीटीवी
2014 सीआईएफ ग्लोबल इंडियन अवार्ड कनाडा इंडिया फाउंडेशन
2022 केम्पेगौड़ा अवार्ड बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी)
नारायण मूर्ति की किताबें
- एक बेहतर भारत: एक बेहतर दुनिया, पेंगुइन बुक्स, 2009
- एक साफ नीला आकाश: संघर्ष और आशा पर कहानियाँ और कविताएँ, पफिन बुक्स इंडिया, 2017
- नारायण मूर्ति की बुद्धि और ज्ञान, हे हाउस, 2016
- मेरे बिज़नेस मंत्र [हिंदी]