Hindi Diwas 2024 Date, History, Theme, Significance in Hindi: दुनिया भर में भारत एक ऐसा अनोखा देश है, जहां विभिन्न भाषाएं और हजारों बोलियां बोली जाती है। भाषाओं की विविधता वाले इस देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिंदी है। भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में 22 भाषाओं को राजकीय भाषा का दर्जा दिया गया, जिसमें से हिंदी भी एक है। भाषाओं की इस विविधता के सम्मान में भारत में हर साल 14 सितंबर को 'हिंदी दिवस' मनाया जाता है।
भारत में हिन्दी भाषियों की संख्या सबसे अधिक है और यह अनेक प्रांतों में एक लोकप्रिय भाषा के रूप में मान्य है। हिंदी दिवस विशेष रूप से हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और महत्त्व को बढ़ाने के लिए समर्पित है। इसलिए प्रति वर्ष हिंदी दिवस को उत्सव की तरह मनाया जाता है। स्कूलों एवं कॉलेजों में हिंदी भाषा का जश्न मनाने के साथ ही साथ यह दिवस कई संस्थानों, संगठनों द्वारा एक पखवाड़े तक भी मनाया जाता है।
हिंदी भारत की राजभाषाओं में से एक है और यह करोड़ों भारतीयों की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हिंदी दिवस का आयोजन न केवल हिंदी को सम्मानित करने के लिए है, बल्कि हिंदी भाषा के संरक्षण एवं प्रसारण पर भी केंद्रित है। इस दिन हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए कई कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन भी किया जाता है। 2024 में हिंदी दिवस का आयोजन और भी भव्य होगा क्योंकि सरकार और विभिन्न संस्थाएं मिलकर इसे और व्यापक रूप से मनाने की योजना बना रही हैं।
हिंदी दिवस 2024 की तिथि
प्रत्येर वर्ष की भांति 2024 में भी हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जायेगा। इस दिन को चुनने का मुख्य कारण यह है कि 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को भारत की आधिकारिक राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था।
हिंदी दिवस 2024 थीम क्या है?
हर साल हिंदी दिवस के लिए एक नई थीम चुनी जाती है जो हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और इसके विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करती है। हिंदी दिवस 2024 की थीम की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की गई है। भारत सरकार द्वारा जल्द ही इसकी पुष्टि किए जाने की संभावना है। अब तक राजभाषा विभाग ने हिंदी दिवस 2024 और अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन के लिए उत्सव की तारीखों की घोषणा की है। यह तिथियां 14 और 15 सितंबर 2024 हैं।
हिंदी दिवस का इतिहास क्या है?
हिंदी दिवस का इतिहास भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा हुआ है। जब भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की, तब विभिन्न भाषाओं वाले देश के लिए एक एकीकृत भाषा नीति की आवश्यकता थी। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को देवनागरी लिपि में भारत की आधिकारिक भाषा घोषित किया। इसे मनाने के लिए पहला हिंदी दिवस 1953 में मनाया गया और तब से हर साल 14 सितंबर को यह दिन हिंदी भाषा के महत्त्व को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
14 सिंतबर को हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?
भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को नए स्वतंत्र राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। इसी कारण प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस या राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है।
हिंदी को आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाने का निर्णय भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में भाषाई एकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। क्योंकि भारत में कई भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं। पहला हिंदी दिवस 1953 में मनाया गया था। तब से यह हिंदी भाषा को सम्मान और बढ़ावा देने के लिए एक वार्षिक उत्सव बन गया है।
हिंदी दिवस का महत्त्व क्या है?
आज के डिजिटल दुनिया में हिंदी दिवस का महत्त्व केवल हिंदी भाषा को कहने और बोलने या मनाने तक सीमित नहीं है। हिंदी दिवस का प्रमुख उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को जोड़ना और भाषाई गरिमा एवं उसके महत्व को सम्मानित करना है। हिंदी दिवस मनाने के साथ ही हमें ये एहसास होता है कि हिंदी हमारी पहचान का हिस्सा है और इसे सहेजने और बढ़ावा देने की जिम्मेदारी हर भारतीय की है। हिंदी दिवस के माध्यम से छात्रों, युवाओं और समाज के हर वर्ग में हिंदी के प्रति प्रेम और जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।