Top Inspirational Quotes By Narendra Modi In Hindi: नरेंद्र मोदी भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री हैं। वह लोकसभा में वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सबसे प्रमुख नेता हैं। अपने 10 वर्षों के कार्यकाल के दौरान नरेंद्र मोदी ने एक श्रेष्ठ नेता के रूप में भारत के विकास की दिशा में तमाम कार्य कियें।
उन्हें भारतीय जनता पार्टी लिए एक मास्टर रणनीतिकार माना जाता हैं। वह लगातार चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं और लगातार दो बार देश के प्रधानमंत्री चुने गये हैं।
नरेंद्र मोदी की पारिवारिक और व्यक्तिगत पृष्ठभूमि
नरेंद्र मोदी का पूरा नाम नरेंद्र दामोदरदास मोदी है। 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में जन्मे नरेंद्र मोदी किराना व्यापारी परिवार से हैं। उनके माता-पिता, दामोदरदास मूलचंद मोदी और हीराबेन मोदी है। नरेंद्र मोदी अपने भाई-बगनों में तीसरे सबसे बड़े थे। मोदी की सफलता की यात्रा अनेक चुनौतियों से भरी रही।
अपनी किशोरावस्था के दौरान, वह और उनके भाई अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के पास एक चाय की दुकान चलाते थे, हालांकि इस बाद की कभी कोई पुष्टि नहीं की गई। इन कठिनाइयों के बावजूद, मोदी ने वडनगर में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की।
विशेष रूप से, उनके स्कूल के एक शिक्षक उन्हें एक औसत छात्र लेकिन एक उल्लेखनीय वाद-विवादकर्ता मानते थे। अपने कॉलेज के वर्षों के दौरान, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 'प्रचारक' (प्रवर्तक) बन गए, और 17 साल की उम्र में भारत भर में दो साल की यात्रा पर निकले। बाद में 1990 के दशक में, आधिकारिक प्रवक्ता के रूप में कार्य करते हुए नई दिल्ली में भाजपा के बाद, मोदी ने संयुक्त राज्य अमेरिका में जनसंपर्क और छवि प्रबंधन पर केंद्रित तीन महीने का कोर्स किया।
नरेंद्र मोदी का राजनीतिक यात्रा
छोटी उम्र से ही, नरेंद्र मोदी ने जरूरतमंद लोगों की सेवा और सहायता करने की उत्कट इच्छा प्रदर्शित की। एक किशोर के रूप में, उन्होंने 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान रेलवे स्टेशनों पर सैनिकों के लिए स्वेच्छा से अपनी सेवाएं दीं और 1967 के गुजरात बाढ़ के दौरान बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों की सहायता की।
आपातकाल विरोधी आंदोलन में उनकी भूमिका ने वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं पर गहरी छाप छोड़ी, जिसके परिणामस्वरूप अंततः उन्हें गुजरात में नवगठित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के क्षेत्रीय आयोजक के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने कम उम्र से ही असाधारण संगठनात्मक कौशल का प्रदर्शन किया था, और आपातकाल के दौरान, उन्होंने आपातकालीन शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का समन्वय करते हुए आरएसएस के पर्चे के गुप्त वितरण की सुविधा भी प्रदान की थी।
आरएसएस के साथ अपने कार्यकाल के दौरान मोदी की मुलाकात जनसंघ के दो नेताओं वसंत गजेंद्रगडकर और नाथलाल जाघड़ा से हुई, जिन्होंने बाद में गुजरात में भाजपा की राज्य इकाई की स्थापना की। 1987 में, वह मुख्यधारा की राजनीति में आ गए क्योंकि आरएसएस ने भाजपा में उनकी उम्मीदवारी की सिफारिश की। मोदी की कार्यकुशलता और क्षमताओं ने उन्हें प्रमुखता प्रदान की क्योंकि उन्होंने मुरली मनोहर जोशी के लिए एकता यात्रा का कुशलतापूर्वक प्रबंधन किया।
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर स्कूली छात्रों और कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ बातचीत की और उनके साथ प्रेरक विचार साझा किये। इतना ही नहीं अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान उन्होंने 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम के माध्मम से मोटिवेशनल बातें कहीं। आइए इस लेख के माध्मम से जानते हैं देश के प्रधानमंत्री के प्रेरक विचारों को-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर पढ़ें प्रेरक विचार
- माना कि अंधेरा घना है, लेकिन दिया जलाना कहां मना है।
- केवल परीक्षा में ही नहीं जीवन में भी समय प्रबंधन का महत्व अधिक होता है।
- आप जैसा बदलाव चाहते हैं उसे देख सकते हैं; जो बनना चाहते हैं बन सकते हैं।
- जीवन में सफल होने के लिए खुद को जान लेना बहुत आवश्यक होता है।
- जो बातें आपको हताश या निराश करती हैं, उन्हें समझ कर जीवन से अलग कर लें। और ये जान लें कि कौन सी बातें आपको जीवन में प्रेरित करती हैं।
- किसी भी काम को टालने से वह हल नहीं होता। इसलिए काम को टालने की बजाये पूरा करने का प्रयास करें।
- डरते तो वह है जो अपनी छवि के लिए मरते हैं। और मैं तो हिंदुस्तान की छवि के लिए मरता हूं। इसीलिए किसी से भी नहीं डरता हूं।
- बुरे में अच्छा ढूंढो तो कोई बात बने, अच्छे में बुराई ढूंढना तो दुनिया का रिवाज है।
- मुझे देश के लिए मरने का मौका नहीं मिला, लेकिन मुझे देश के लिए जीने का मौका मिला है।
- खामोश रहता हूँ क्योंकि अभी दुनिया को समझ रहा हूं। समय जरूर लगेगा पर जिस दिन दांव खेलूंगा उस दिन खिलाड़ी भी मेरे होंगे और खेल भी मेरा होगा।
- जीवन में कुछ करने के लिए जज़्बा होना सबसे जरूरी है।
- मेरी पूंजी है- कठोर परिश्रम और सवा सौ लोगों का प्यार।
- जिस पर संतोष का भाव पैदा हो जाता है, जीवन फिर आगे नहीं बढ़ता। हर आयु, हर युग, कुछ न कुछ नया पाने को गति देता है।
- बेटी बोझ नहीं, बेटी पूरे परिवार के आन-बान और शान होती है।
- जब कोई व्यक्ति यह तय कर ले कि उसे कुछ हासिल करना है, तो उसे कोई भी रोक नहीं सकता। यह लोगों की शक्ति का प्रमाण है। देश का निर्माण सरकार या प्रशासन या कोई नेता नहीं करता है, देश का निर्माण इसके नागरिकों की ताकत से होता है।
- समय का सदुपयोग किन किन चीजों में है ये बात हमें पता होनी चाहिए। एक ही टाइम टेबल 365 दिन काम नहीं आता। हमें समय का पूर्ण सदुपयोग करना चाहिए।
- आप खुद के साथ स्पर्धा कीजिए कि मैं जहाँ कल था उससे 2 कदम आगे बढ़ा क्या, अगर आपको ऐसा लगता है तो यही आपकी विजय है। कभी भी दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा मत कीजिए बल्कि खुद के साथ अनुस्पर्धा कीजिये।
- आत्मविश्वास खुद को चुनौती देने और कड़ी मेहनत करने से ही आता है। हमें हमेशा अपने आप को बेहतर बनाने के बारे में सोचना चाहिए।
- मैं सभी माता-पिता से अनुरोध करता हूँ कि वे अपने बच्चों की उपलब्धियों को सोशल स्टेटस न बनाएं। दूसरों बच्चों से अपने बच्चों की तुलना मत करें। आपके बच्चे के अन्दर जो सामर्थ्य है उसे पहचानिए। अंक और परीक्षा जीवन का आधार नहीं है।
- अगर व्यक्ति कुछ करने की ठान ले तो नामुमकिन कुछ भी नहीं है। जन-आन्दोलन के माध्यम से बड़े से बड़े बदलाव लाये जा सकते हैं।
- खेल हमारे युवाओं के जीवन का एक अभिन्न अंग बनना चाहिए। खेल व्यक्तित्व विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- एक बार भारत के लोग कुछ करने की ठान लें तो कुछ भी असम्भव नहीं है।
- हमारा प्रयास है कि देश का हर व्यक्ति सशक्त हो। एक समावेशी समाज का निर्माण हो। 'सम' और 'मम' के भाव से समाज में समरसता बढ़े और सब एकसाथ मिलकर आगे बढ़ें।
- युवा आकांक्षाओं से परिपूर्ण भारत एक युवा राष्ट्र है। हमारे युवा, भारत और विश्व के लिए काफी कुछ कर सकते हैं।
- हर भारतीय को इस बात का गर्व है कि भारत विविधताओं वाला देश है।
- मेरा उद्देश्य है- एक ही पीढ़ी में भारत को विकसित देश बनाना।
- जल हो, जमीन हो, जीव हो - उनका संरक्षण हमारा संकल्प होना चाहिए।
- हम परीक्षा को जीवन-मरण का सवाल बना लेते हैं, जबकि परीक्षा केवल आपके साल भर की पढाई की है। ये आपके जीवन की कसौटी नहीं है।
- हर व्यक्ति भारत की आज़ादी चाहता था लेकिन गाँधीजी ने कुछ हटकर किया - उन्होंने हर व्यक्ति को यह महसूस कराया कि वह देश के लिए काम कर रहा है।
- इंसान जो एक बार योग से जुड़ता है, योग उसकी जिंदगी का एक आजीवन हिस्सा बन जाता है। योग अंतिम नहीं है, उस अंतिम की ओर जाने के मार्ग का पहला प्रवेश द्वार है।
- महिला वो शक्ति है, सशक्त है, वो भारत की नारी है, न ज्यादा में न कम में, वो सबमें बराबर की अधिकारी है।
- आप कितने भी बड़े क्यों न हों, गरीब के हक़ का आपको लौटाना होगा। मैं गरीबों के लिए शुरू की गयी लड़ाई से पीछे हटने वाला नहीं हूँ, मैं फिर वादा करता हूँ।
- मार्क्स और मार्कशीट का एक सीमित उपयोग है। जीवन में आपके ज्ञान काम आने वाला है, स्किल काम आने वाली है, आत्मविश्वास काम आने वाला है, संकल्पशक्ति काम आने वाली है।
- जब आप खुद को पराजित करते हैं, तो और आगे बढ़ने का उत्साह अपने-आप पैदा होता है। नकल आपको बुरा बनाती है इसलिए नकल न करें।
- एक समाज, एक सपना। एक संकल्प, एक मंजिल। इस दिशा में हम आगे बढ़ें।
- परीक्षा को ख़ुशी का एक अवसर मानना चाहिए जो हमें साल भर की मेहनत के बाद मिलता है। यह ऐसा उमंग-उत्साह का पर्व होना चाहिए जिसमें प्रेशर का नहीं प्लेजर का स्थान हो।
- हमें आजादी की लड़ाई में मरने का सौभाग्य नहीं मिला। लेकिन हमें देश के लिए जीने का और देश सेवा करने का सौभाग्य मिला है।
- लड़के और लड़कियां दोनों को शिक्षा के समान अवसर मिलने चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- जनशक्ति सरकार की ताकत से बड़ी है।
- डिप्रेशन मानसिक और शारीरिक बिमारियों का कारण बन जाता है। जैसे डायबिटीज हर प्रकार की बीमारी का यमजान बन जाता है वैसे डिप्रेशन भी टिकने की, लड़ने की, साहस करने की, निर्णय करने की, हमारी सारी क्षमताओं को ध्वस्त कर देता है।
- सवा सौ करोड़ देशवासी अगर संकल्प करें, संकल्प को सिद्ध करने के लिए राह तय करें, एक-के-बाद-एक कदम उठाते चलें तो न्यू इंडिया, सवा सौ करोड़ देशवासियों का सपना, हमारी आँखों के सामने सिद्ध हो सकता है।
- सभी को सपने देखने का अधिकार है पर हमें अपने सपनों को संकल्प का रूप देना होगा। अपने 'आईडिया' को बेकार न जाने दें।
- आज की युवा पीढ़ी प्रगति की नई ऊँचाइयों को प्राप्त करना चाहती है और युवा जॉब क्रियेटर यानि रोजगार देने वाले बनना चाहते हैं।
- भारत के युवा देश की समस्या का समाधान निकालना चाहते हैं। वे जल्दी परिणाम चाहते हैं। वे ऊर्जा और उत्साह से लबरेज हैं और ये ऊर्जा देश के लिए बेहतरीन परिणाम लेकर आएगा।
- जिसको हम छोटे काम कहते हैं, कभी-कभी हम वो सीखें! नए प्रयोग, नई स्किल ऐसी है कि आपको आनन्द भी देगी और जीवन को जो एक दायरे में बांध दिया है उससे आपको बाहर निकाल देगी।
- पढ़ाई और ज्ञान केवल नौकरी के उद्देश्य तक सीमित नहीं होनी चाहिए बल्कि यह लोगों में सामजिक जिम्मेदारी, राष्ट्र और मानवता की सेवा की आदत विकसित करने वाली होनी चाहिए। यह समाज और राष्ट्र में बुराइयों को समाप्त करने वाली होनी चाहिए। यह शांति के साथ-साथ देश की एकता और अखंडता के सन्देश के प्रसार का माध्यम होनी चाहिए।