Lata Mangeshkar Birthday Special: भारत की कोकिला का जन्म कब और कहां हुआ? जानें उनकी शिक्षा और करियर के बारे मे

Lata Mangeshkar Birthday Special: लता मंगेशकर, जिन्हें "भारत की कोकिला" कहा जाता है, भारतीय संगीत जगत की एक अद्वितीय आवाज़ हैं। उनका नाम संगीत की दुनिया में सम्मान और आदर के साथ लिया जाता है। लता मंगेशकर ने न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में अपने गानों से श्रोताओं का दिल जीत लिया है। उनका जीवन और करियर भारतीय संगीत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है।

चलिए उनके जन्मदिन के अवसर पर उनके जन्म, शिक्षा, करियर और जीवन पर एक नजर डालते हैं।

लता मंगेशकर का जन्म कब और कहां हुआ? जानिए उनकी शिक्षा और करियर के बारे में

जन्म और शिक्षा

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर, मध्य प्रदेश में एक मराठी परिवार में हुआ था। उनका असली नाम हेमा मंगेशकर था, लेकिन बाद में उनके पिता, पंडित दीनानाथ मंगेशकर, ने उनका नाम "लता" रखा। लता का संगीत से संबंध उनके परिवार में बचपन से ही था। उनके पिता एक प्रतिष्ठित शास्त्रीय गायक और थियेटर कलाकार थे।

लता की औपचारिक शिक्षा अधिक नहीं हो पाई क्योंकि उन्होंने बहुत कम उम्र में ही अपने परिवार की जिम्मेदारियों को संभालना शुरू कर दिया था। मात्र 13 वर्ष की उम्र में ही उनके पिता का निधन हो गया, और परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई। इसके बाद लता ने अपने परिवार को सहारा देने के लिए गायन और अभिनय की ओर रुख किया। यद्यपि लता को स्कूल की औपचारिक शिक्षा नहीं मिल पाई, लेकिन उन्होंने संगीत के क्षेत्र में जो महारत हासिल की, वह उनके समर्पण, मेहनत और प्रतिभा का परिणाम है।

करियर की शुरुआत

लता मंगेशकर ने अपने करियर की शुरुआत एक गायिका के रूप में नहीं, बल्कि एक अभिनेत्री के रूप में की थी। उनके पिता के निधन के बाद, लता ने परिवार को आर्थिक रूप से समर्थन देने के लिए मराठी फिल्मों में छोटे-मोटे रोल किए। लेकिन उनकी असली पहचान गायन के क्षेत्र में थी।

संगीत की शुरुआत में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि उस समय अधिकतर संगीत निर्देशकों को लता की पतली और कोमल आवाज़ के बजाय भारी और गहरी आवाज़ें पसंद थीं। लेकिन लता ने हार नहीं मानी और अपने अनोखे गायन से धीरे-धीरे अपनी पहचान बनाई।

उनकी पहली बड़ी सफलता 1949 में आई जब उन्होंने फिल्म 'महल' के लिए 'आएगा आनेवाला' गीत गाया। यह गीत लता मंगेशकर के करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। इस गाने ने उन्हें रातोंरात एक नई पहचान दिलाई, और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

फेमस गानें

लता मंगेशकर का करियर भारतीय सिनेमा के 70 सालों से भी ज्यादा समय तक फैला है। इस दौरान उन्होंने 36 से अधिक भारतीय भाषाओं में 30,000 से अधिक गीत गाए। उनके करियर के कुछ प्रमुख मील के पत्थर इस प्रकार हैं:

  • 'प्यार किया तो डरना क्या' (मुग़ल-ए-आज़म, 1960): यह गीत भारतीय फिल्म संगीत के इतिहास का एक अमर गीत है। नौशाद के संगीत निर्देशन में लता की आवाज़ ने इस गीत को अमर कर दिया।
  • 'लग जा गले' (वो कौन थी?, 1964): यह रोमांटिक गीत लता मंगेशकर के सर्वश्रेष्ठ गीतों में से एक माना जाता है। मदन मोहन के संगीत निर्देशन में यह गीत आज भी श्रोताओं के दिलों को छूता है।
  • 'ए मेरे वतन के लोगों' (1963): इस देशभक्ति गीत ने लता मंगेशकर को भारतीय राष्ट्र की आवाज़ बना दिया। जब उन्होंने इसे दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में गाया तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आंखों में आंसू आ गए थे।
  • 'तेरे बिना ज़िन्दगी से' (आंधी, 1975): यह गीत गुलज़ार और आर. डी. बर्मन की जोड़ी का एक उत्कृष्ट नमूना है, जिसमें लता मंगेशकर की आवाज़ ने इसे और भी खास बना दिया।
  • 'दिल तो पागल है' (1997): 90 के दशक में भी लता मंगेशकर का जादू बरकरार रहा। यश चोपड़ा की फिल्म 'दिल तो पागल है' के गाने में लता की आवाज़ ने एक बार फिर से साबित किया कि वे समय के साथ और भी बेहतर हो रही थीं।

संगीत जगत में योगदान

लता मंगेशकर ने भारतीय संगीत के हर युग को अपने स्वर से सजाया है। चाहे वो शास्त्रीय संगीत हो, ग़ज़ल हो, भजन हो, या फिर फिल्मी गीत हो, लता ने हर शैली में महारत हासिल की। वे न केवल हिंदी सिनेमा में बल्कि मराठी, बंगाली, तमिल, तेलुगु और अन्य भारतीय भाषाओं के संगीत में भी उतनी ही प्रसिद्ध रहीं।

उन्होंने नौशाद, शंकर-जयकिशन, एस.डी. बर्मन, आर.डी. बर्मन, मदन मोहन, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, इलैयाराजा जैसे दिग्गज संगीत निर्देशकों के साथ काम किया और हर पीढ़ी के संगीतकारों के साथ बेहतरीन तालमेल बिठाया।

लता मंगेशकर के गायन का सबसे बड़ा गुण उनकी भावनाओं को पकड़ने की क्षमता थी। वे हर गीत को एक नई भावना और आत्मा से भर देती थीं, जिससे श्रोताओं को गीत की गहराई और संवेदनाओं का अनुभव होता था।

पुरस्कार और सम्मान

लता मंगेशकर को उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए अनगिनत पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। इनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:

  • भारत रत्न (2001): यह भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसे लता मंगेशकर को उनके संगीत योगदान के लिए दिया गया।
  • दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (1989): भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान से उन्हें सम्मानित किया गया।
  • फिल्मफेयर पुरस्कार: लता मंगेशकर ने फिल्मफेयर के बेस्ट प्लेबैक सिंगर का पुरस्कार कई बार जीता है।
  • राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: उन्होंने 1972, 1974 और 1990 में तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता।

लता मंगेशकर का जीवन और करियर एक प्रेरणास्रोत है। उन्होंने बिना औपचारिक शिक्षा के भी अपनी मेहनत और समर्पण से संगीत की दुनिया में एक अनोखी जगह बनाई। वे न केवल एक महान गायिका हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति की धरोहर भी हैं। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को सदियों तक प्रेरित करता रहेगा। भारत की कोकिला लता मंगेशकर का नाम सदा-सदा के लिए संगीत जगत में अमर रहेगा।

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English summary
Lata Mangeshkar, known as the "Nightingale of India", is a unique voice in the Indian music world. Her name is taken with respect and reverence in the world of music. Lata Mangeshkar has won the hearts of listeners with her songs not only in India but all over the world. Her life and career are recorded in golden letters in the history of Indian music.
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