Books by Dr Sarvepalli Radhakrishnan in Hindi: डॉ राधाकृष्णन की पुस्तकें जो उनके जीवन के मूल्यों को दर्शाती है

Books by Dr Sarvepalli Radhakrishnan in Hindi: एक फिलोसॉफर से देश के उप राष्ट्रपति और फिर राष्ट्रपति बनने वाले एवं देश को शिक्षा का असल अर्थ समझाने वाले डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने विभिन्न क्षेत्रों में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। हालांकि अन्य कई क्षेत्रों में योगदान के बावजूद डॉ राधाकृष्णन को शिक्षा के क्षेत्र में किये गये र्यों के लिये याद किया जाता है।

 डॉ राधाकृष्णन की पुस्तकें जो उनके जीवन के मूल्यों को दर्शाती है

डॉ राधाकृष्णन को अपना जीवन शिक्षा के लिए समर्पित करने और देश में शैक्षिक मानकों को बढ़ाने के लिए काम करने के लिए जाना जाता है। उनका जन्म 05 सितंबर 1962 को हुआ था। प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर पूरे देश में धूमधाम से शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

छात्रों में मन में शिक्षा का अलख जगाने के लिए डॉ राधाकृष्णन ने कई पहल किये। कभी भारतीय संस्कृति के प्रचारक बनकर तो कभी प्रख्यात शिक्षाविद बनकर, कभी एक महान दार्शनिक की भांति तो कभी एक आस्थावान हिन्दू विचारक बन कर उन्होंने देश के विकास के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके इन्हीं गुणों के कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था।

डॉ राधाकृष्ण का मानना था कि किताबें देश में सांस्कृतिक विभाजन को पाटने का साधन हैं और इसीलिए देश के हर प्रांत में हर बच्चे, युवा, महिला, पुरुष को शिक्षित होने की आवश्यकता है। इस शिक्षक दिवस के अवसर पर, आइए उनकी कुछ ऐसी पुस्तकों के बारे बताते हैं जिसे पढ़ कर शिक्षा के मूल्य को और डॉ राधाकृष्णन के व्यक्तित्व को समझने में सहायता मिलेगी। ये पुस्तकें जो उनके जीवन के मूल्यों को दर्शाती है


1. द हिन्दू व्यू ऑफ लाइफ (The Hindu View of Life)

भारत एक बहुत ही विविधतापूर्ण देश है जो विभिन्न प्रकार के धर्मों से भरा हुआ है। हजारों देवी-देवताओं के कारण हिंदू धर्म सबसे अधिक भ्रमित करने वाला प्रतीत हो सकता है, जिनकी पूजा उनके विभिन्न रूपों में की जाती है। इसके साथ मिथक और अंधविश्वास भी जुड़े हुए हैं। लेखक पाठकों को हिंदू धर्म की गहराई में ले जाता है, और सभी सामान्य पुरुषों और महिलाओं के बीच मौजूद एकीकृत मान्यताओं को प्रदर्शित करता है।

द हिन्दू व्यू ऑफ लाइफ या जीवन का हिंदू दृष्टिकोण हिंदू धर्म की गहराइयों पर एक व्यापक नज़रिया पेश करती है। इसमें धर्म की उत्पत्ति, विश्वास प्रणाली, अनुष्ठान और कई अन्य पहलुओं के बारे में विस्तृत वर्णन किया गया है। चार व्याख्यानों के रूप में प्रस्तुत यह पुस्तक अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं आकर्षक है। हिंदू व्यू ऑफ लाइफ, मूल रूप से 1926 में प्रकाशित हुआ, पाठकों को हिंदू जीवन के तरीकों, रीति-रिवाजों, मान्यताओं और रीति-रिवाजों से परिचित कराता है।

2. ईस्टर्न रिलिजियन एंड वेस्टर्न थॉट्स (Eastern Religions and Western Thought)

पूर्वी धर्म और पश्चिमी विचार, चुनौतीपूर्ण और खूबसूरती से लिखी गई पुस्तक है। यह भारतीय दर्शन और धर्म के प्रमुख विचारों का वर्णन करती है। यह अलेक्जेंडरियन यहूदी धर्म, ईसाई ज्ञानवाद और नव-प्लेटोनिज्म के माध्यम से ग्रीक विचार और ईसाई विकास पर भारतीय रहस्यवाद के संभावित प्रभाव का पता लगाता है। लेखक का तर्क है कि ईसाई धर्म, जो पूर्वी पृष्ठभूमि से उत्पन्न हुआ और ग्रेको-लैटिन संस्कृति से जुड़ा हुआ है, इस पूर्वी विरासत के साथ नए सिरे से गठबंधन में पुनर्जन्म पायेगा।

डॉ राधाकृष्णन के असाधारण रिसर्च की यह पुस्तक यूनानी विचार और ईसाई विकास पर भारतीय रहस्यवाद के संभावित प्रभाव का प्रतिबिंब है। इस पुस्तक की सामग्री में विज्ञान और तर्कवाद की यूनानी भावना, धर्मनिरपेक्ष मानवतावाद और नागरिक देशभक्ति शामिल है। इसमें ईसाई धर्म की मध्ययुगीन संस्कृति, दर्शन, धर्म और राजनीति में पुनर्जागरण, पूर्वी धर्मों पर जोर देने की आवश्यकता, सर्वोच्च आध्यात्मिक आदर्श का हिंदू दृष्टिकोण, हिंदू विचार में रहस्यवाद और नैतिकता, भारत और पश्चिमी धार्मिक विचार और धर्मों का मिलन शामिल है।

3. अन आईडियलिस्ट वैल्यू ऑफ लाइफ (An Idealist View of Life)

यह पुस्तक बताती है कि आधुनिक बुद्धिजीवियों द्वारा धर्म को प्रतिस्थापित करने के प्रयास अंततः निरर्थक हैं। धार्मिक अनुभव की प्रकृति और वैधता की अपनी चर्चा में, डॉ राधाकृष्णन पूर्व और पश्चिम दोनों के उदाहरणों और परंपराओं का उपयोग करते हैं। हमारे समय की सबसे गहन धार्मिक पुस्तकों में से एक- द स्पेक्टेटर साइंस दूसरे कारणों की एक प्रणाली है, जो दुनिया का पर्याप्त रूप से वर्णन नहीं कर सकती है, इसके बारे में बताना तो दूर की बात है।

इस उल्लेखनीय ग्रंथ में, राधाकृष्णन धर्म की तुलना में विज्ञान पर आधुनिक बौद्धिक बहस और धर्म का विकल्प खोजने के निरर्थक प्रयासों के पहलुओं की पड़ताल करते हैं। वह पूर्व और पश्चिम की परंपराओं, धार्मिक अनुभव की प्रकृति और वैधता पर चर्चा करते हैं। अंत में, वह मनुष्य के विकास और उच्च मूल्यों के उद्भव की एक अच्छी दृष्टि बनाते हैं। लेखक की अपनी आस्था के साथ संयुक्त विषयों की श्रृंखला, अविवादित और पंथ से मुक्त, इस पुस्तक को अपने आप में एक दार्शनिक शिक्षा बनाती है।

4. ए सोर्स बुक इन इंडियन फिलॉसोफी (A Source Book in Indian Philosophy)

डॉ राधाकृष्णन द्वारा संपादित इस पुस्तक में कई प्राचीन विचारकों की बहुमूल्य शिक्षाएं और दार्शनिक अंतर्दृष्टियां शामिल हैं। यह भारतीय सांस्कृतिक विरासत की एक पुस्तिका है जो पाठकों को प्राचीन वेदों, उपनिषदों, महाकाव्यों, सदियों पुरानी प्रणालियों के ग्रंथों और समकालीन साहित्यिक कार्यों से अवगत कराती है। यहां भारतीय दार्शनिक चिंतन की 3,000 से अधिक वर्षों की प्रमुख संपदाएं हैं।

5. रिलिजन, साइंस एंड कल्चर (Religion, Science and Culture)

यह पुस्तक धर्म, विज्ञान और संस्कृति के बीच बदलते संबंधों पर गहराई से प्रकाश डालती है। डॉ राधाकृष्णन आध्यात्मिक एकता विकसित करने के महत्व पर भी जोर देते हैं। विज्ञान, धर्म और संस्कृति के बीच विकसित होते संबंधों की समीक्षा, और एक आध्यात्मिक एकता बनाने की आवश्यकता जो विश्व व्यवस्था की भौतिक एकता को पार करेगी और बनाए रखेगी।

6. द पर्सूट ऑफ ट्रूथ (The Pursuit of Truth)

डॉ राधाकृष्णन ने दार्शनिक, शिक्षक, राजनेता और लेखक के रूप में अपने बेहद शानदार और विपुल करियर में जो लाखों शब्द लिखे, उनमें से कुछ ऐसे हैं जो उनके व्यक्तिव का परिचय देते हैं। इस महत्वपूर्ण पुस्तक में डॉ राधाकृष्णन अपने बारे में बात करते हैं। बीके अहलूवालिया द्वारा लिखित पुस्तक के अनुसार, पुस्तक का पहला खंड डॉ राधाकृष्णन की जीवनी है, जबकि दूसरे भाग में डॉ राधाकृष्णन ने एक शानदार निबंध संग्रह लिखा है। इन निबंधों में ज्ञानवर्धक उपाख्यान, ज्ञान, करुणा और जीवन दर्शन है।

7. द फिलॉसोफी ऑफ रवींद्रनाथ टैगोर (The Philosophy of Rabindranath Tagore)

रवीन्द्रनाथ टैगोर के दर्शन और संदेश की व्याख्या करते हुए, यह पुस्तक दर्शन, धर्म और कला के भारतीय आदर्श की व्याख्या करती है। उनके कार्यों में, भारत को वह खोया हुआ शब्द मिलता है जिसे वह तलाश रही थी। भारतीय दर्शन और धर्म के परिचित सत्य, जिनके मूल्य को उनकी जन्म भूमि में भी कम करना फैशन बन गया है। यहां इतनी दुर्लभ श्रद्धा और गहरी भावना के साथ व्यवहार किया जाता है कि वे लगभग नए लगते हैं। इस पुस्तक अवश्य पढ़ें।

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English summary
Dr. Radhakrishnan is known for dedicating his life to education and working to raise educational standards in the country. He was born on 05 September 1962, so every year this day is celebrated as Teacher's Day with pomp across the country. Let us tell about some of his books, which reflect the values of his life. Books by Dr Sarvepalli Radhakrishnan in Hindi
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